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महिलाओं की आड़ में कांग्रेस ने रचा षड्यंत्र, अब कानून के अनुसार होगी कार्रवाई: मारकंडा

कृषि मंत्री ने काजा गेट पर महिलाओं द्वारा रास्ता रोकने की घटना को कांग्रेस की सोची समझी साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम एक षड्यंत्र के तहत तैयार किया गया था. रास्ता रोकने पर महिलाओं को समझाने की कोशिश की गई.

agriculture minister ramlal markanda
रामलाल मारकंडा, कृषि मंत्री
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Published : Jun 13, 2020, 12:25 PM IST

शिमला: कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. कृषि मंत्री ने काजा गेट पर महिलाओं द्वारा रास्ता रोकने की घटना को कांग्रेस की सोची समझी साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि पूरा घटनाक्रम एक षड्यंत्र के तहत तैयार किया गया था, जिसमें महिलाओं को आगे कर कांग्रेस नेताओं ने मुझे निशाना बनाने की कोशिश की.

कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने कहा कि रास्ता रोकने पर महिलाओं को समझाने की कोशिश की गई. इसके बाद काफी मशक्कत के बाद कुछ महिलाएं बात करने को तैयार हुईं. काजा महिला मंडल ने बताया कि किसी भी बाहरी व्यक्ति के लाहौल स्पीति में प्रवेश करने पर उसे 14 दिन क्वारंटाइन किया जाएगा. इसके बाद ही क्षेत्र में प्रवेश करने दिया जाएगा.

रामलाल मारकंडा, कृषि मंत्री

रामलाल मारकंडा ने कहा कि महिलाओं को समझाने की कोशिश की गई कि ऐसा कोई कानून नहीं है. वे शिमला से यहां आए हैं. ऐसे में क्वारंटाइन होने की जरूरत नहीं है, लेकिन महिलाओं ने कहा कि यह महिला मंडल का फैसला है. इस फैसले पर क्षेत्र में सभी को अनुसरण करना होगा.

कृषि मंत्री ने कहा कि क्षेत्र की महिलाओं का सम्मान करते हुए वे फैसले को मानने के लिए तैयार हो गए. उन्होंने कहा कि काजा में वे सड़क निर्माण में लगे मजदूरों से बातचीत करने गए थे, ये मजदूर क्रमिक हड़ताल पर बैठे थे. उसके बाद 200 से अधिक मजदूरों को 4 से 5 किलोमीटर दूर धरनास्थल पर ही बुला दिया गया, जहां पर महिलाओं ने उनकी गाड़ी रोकी थी.

इसके बाद मजदूरों के साथ समझौते के बाद शिमला वापस लौटने के क्रम में वहां कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद के नारे शुरू हो गए. उस वक्त उन्हें षडयंत्र का आभास हुआ और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का मन बनाया. कृषि मंत्री ने कहा कि महिलाओं की आड़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनकी दूसरी व्हीकल के शीशे तोड़े और घंटों सड़क पर इंतजार करवाया.

इसके अलावा प्रदेश में कोरोना वायरस के कारण जारी कर्फ्यू का भी उल्लंघन किया गया. वहां सोशल डिस्टेंसिंग और सरकार के तय नियमों का पालन नहीं किया गया. प्रदर्शन करने वाले लोगों में ज्यादातर सरकारी कर्मचारियों के होने की बात भी सामने आई, जिसके बाद अब मामला पुलिस में है. इन लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस नेता ने सरकार को घेरा, स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग

शिमला: कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. कृषि मंत्री ने काजा गेट पर महिलाओं द्वारा रास्ता रोकने की घटना को कांग्रेस की सोची समझी साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि पूरा घटनाक्रम एक षड्यंत्र के तहत तैयार किया गया था, जिसमें महिलाओं को आगे कर कांग्रेस नेताओं ने मुझे निशाना बनाने की कोशिश की.

कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने कहा कि रास्ता रोकने पर महिलाओं को समझाने की कोशिश की गई. इसके बाद काफी मशक्कत के बाद कुछ महिलाएं बात करने को तैयार हुईं. काजा महिला मंडल ने बताया कि किसी भी बाहरी व्यक्ति के लाहौल स्पीति में प्रवेश करने पर उसे 14 दिन क्वारंटाइन किया जाएगा. इसके बाद ही क्षेत्र में प्रवेश करने दिया जाएगा.

रामलाल मारकंडा, कृषि मंत्री

रामलाल मारकंडा ने कहा कि महिलाओं को समझाने की कोशिश की गई कि ऐसा कोई कानून नहीं है. वे शिमला से यहां आए हैं. ऐसे में क्वारंटाइन होने की जरूरत नहीं है, लेकिन महिलाओं ने कहा कि यह महिला मंडल का फैसला है. इस फैसले पर क्षेत्र में सभी को अनुसरण करना होगा.

कृषि मंत्री ने कहा कि क्षेत्र की महिलाओं का सम्मान करते हुए वे फैसले को मानने के लिए तैयार हो गए. उन्होंने कहा कि काजा में वे सड़क निर्माण में लगे मजदूरों से बातचीत करने गए थे, ये मजदूर क्रमिक हड़ताल पर बैठे थे. उसके बाद 200 से अधिक मजदूरों को 4 से 5 किलोमीटर दूर धरनास्थल पर ही बुला दिया गया, जहां पर महिलाओं ने उनकी गाड़ी रोकी थी.

इसके बाद मजदूरों के साथ समझौते के बाद शिमला वापस लौटने के क्रम में वहां कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद के नारे शुरू हो गए. उस वक्त उन्हें षडयंत्र का आभास हुआ और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का मन बनाया. कृषि मंत्री ने कहा कि महिलाओं की आड़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनकी दूसरी व्हीकल के शीशे तोड़े और घंटों सड़क पर इंतजार करवाया.

इसके अलावा प्रदेश में कोरोना वायरस के कारण जारी कर्फ्यू का भी उल्लंघन किया गया. वहां सोशल डिस्टेंसिंग और सरकार के तय नियमों का पालन नहीं किया गया. प्रदर्शन करने वाले लोगों में ज्यादातर सरकारी कर्मचारियों के होने की बात भी सामने आई, जिसके बाद अब मामला पुलिस में है. इन लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.

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