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प्री नर्सरी कक्षाओं में इस साल घटा बच्चों की एडमिशन का आंकड़ा, एनरोलमेंट बढ़ाने के लिए विभाग ने चलाया अभियान

प्री नर्सरी कक्षाओं में इस साल घटा बच्चों की एडमिशन का आंकड़ा एनरोलमेंट बढ़ाने के लिए विभाग ने चलाया अभियान अभियान के तहत नर्सरी कक्षाओं को प्रिंटिंग मटीरियल उपलब्ध कराएगा शिक्षा विभाग

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Published : Mar 16, 2019, 10:02 PM IST

शिमला: प्रदेश के सरकारी स्कूल्स में घटती एनरोलमेंट को बढ़ाने के उद्देश्य से बीते साल शुरू की गई प्री नर्सरी कक्षाओं में इस साल छात्रों की संख्या घटती जा रही है. इस बार कम संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल्स में प्रवेश दिलवा रहे है. ऐसे में इस बार एनरोलमेंट बढ़ने के बजाए घट रही है.

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हालांकि शिक्षा विभाग इस घटती हुई एनरोलमेंट को बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चला रहा है. इसके तहत अभिभावकों को जागरूक कर उन्हें सरकारी स्कूलों में प्री नर्सरी कक्षाओं में बच्चों को प्रवेश दिलवाने को लेकर जानकारी दी जाएगी.

गौर हो कि शिक्षा विभाग ने बीते सत्र अक्टूबर महीने में प्रदेश के 3,391 स्कूल्स में प्री नर्सरी कक्षाएं शुरू की थी, जिसमें 25 हजार के करीब छात्रों ने प्रवेश लिया था. इस साल स्कूल्स में प्रवेश एनरोलमेंट के आकड़े में कमी आई है, जिसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से सभी परियोजना अधिकारियों को प्री नर्सरी कक्षाओं में छात्रों के नामांकन को बढ़ाने के लिए अभिभावकों को जागरूक करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

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वहीं, दूसरी ओर 20 दिन के भीतर भीतर शिक्षा विभाग जिन स्कूल्स में प्री नर्सरी कक्षाएं चल रही है, उनमें प्रिंटिंग मटीरियल भी उपलब्ध करवाएगा. विभाग के पास प्रिंटिंग मटीरियल प्रिंट होकर आ गया है. अब इसे कक्षाओं में लगाकर छात्रों को इसी माध्यम से पढ़ाया जाएगा. विभाग ने प्रिंटिंग मटीरियल के साथ ही फर्नीचर भी उपलब्ध करवाना है, लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है.

ऐसे में इन कक्षाओं में कम एनरोलमेंट की एक वजह यह भी मानी जा रही है और विभाग अपनी इन कमियों को दूर करने में जुट गया है. परियोजना निदेशालय के निदेशक आशीष कोहली का कहना है कि प्री नर्सरी कक्षाओं को शुरू करने का उद्देश्य यही था कि सरकारी स्कूलों में घट रही एनरोलमेंट को बढ़ाया जा सके. नर्सरी कक्षाओं को लेकर पहले साल अभिभावकों में काफी अच्छा रुझान था और अब इस वर्ष भी ज्यादा से ज्यादा बच्चे इसमें प्रवेश लें, इसके लिए अभियान विभाग ने चलाया है.

उन्होंने बताया कि 20 दिन में बच्चों को सुविधाएं दे दी जाएंगी. सरकारी स्कूल्स में शुरू की गई इन प्री नर्सरी कक्षाओं में छात्रों की रुचि बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग स्कूल्स में इसी सत्र में छात्रों को प्रिंटिंग मटीरियल और फर्नीचर भी उपलब्ध करवाएगा. प्री नर्सरी की किताबों को आकर्षक बनाया जाएगा. किताबों में रंग-बिरंगे प्रिंट के साथ स्कूल्स में दिया जाएगा, ताकि बच्चे उन किताबों को रुचि से पढ़े. इसके साथ ही बच्चे खेल-खेल में पढ़ना सीखे इसके लिए इन बच्चों के क्लासरूम की दीवारों पर भी कार्टून चार्ट ओर अन्य प्रिंटिंग मटीरियल मुहैया करवाया जाएगा. विभाग की ओर से इसके लिए बजट स्कूल्स को दिया जाएगा.

बता दे कि प्रेदश में अभी शीतकालीन स्कूलों में प्री नर्सरी कक्षाओं में प्रवेश होने के साथ ही ग्रीष्मकालीन स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी. ऐसे में विभाग की ओर से स्कूलों को ये निर्देश दिए गए हैं कि वो इस ओर ज्यादा ध्यान देकर अधिक से अधिक बच्चों को प्री नर्सरी कक्षाओं में एडमिशन दे.

शिमला: प्रदेश के सरकारी स्कूल्स में घटती एनरोलमेंट को बढ़ाने के उद्देश्य से बीते साल शुरू की गई प्री नर्सरी कक्षाओं में इस साल छात्रों की संख्या घटती जा रही है. इस बार कम संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल्स में प्रवेश दिलवा रहे है. ऐसे में इस बार एनरोलमेंट बढ़ने के बजाए घट रही है.

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हालांकि शिक्षा विभाग इस घटती हुई एनरोलमेंट को बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चला रहा है. इसके तहत अभिभावकों को जागरूक कर उन्हें सरकारी स्कूलों में प्री नर्सरी कक्षाओं में बच्चों को प्रवेश दिलवाने को लेकर जानकारी दी जाएगी.

गौर हो कि शिक्षा विभाग ने बीते सत्र अक्टूबर महीने में प्रदेश के 3,391 स्कूल्स में प्री नर्सरी कक्षाएं शुरू की थी, जिसमें 25 हजार के करीब छात्रों ने प्रवेश लिया था. इस साल स्कूल्स में प्रवेश एनरोलमेंट के आकड़े में कमी आई है, जिसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से सभी परियोजना अधिकारियों को प्री नर्सरी कक्षाओं में छात्रों के नामांकन को बढ़ाने के लिए अभिभावकों को जागरूक करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

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वहीं, दूसरी ओर 20 दिन के भीतर भीतर शिक्षा विभाग जिन स्कूल्स में प्री नर्सरी कक्षाएं चल रही है, उनमें प्रिंटिंग मटीरियल भी उपलब्ध करवाएगा. विभाग के पास प्रिंटिंग मटीरियल प्रिंट होकर आ गया है. अब इसे कक्षाओं में लगाकर छात्रों को इसी माध्यम से पढ़ाया जाएगा. विभाग ने प्रिंटिंग मटीरियल के साथ ही फर्नीचर भी उपलब्ध करवाना है, लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है.

ऐसे में इन कक्षाओं में कम एनरोलमेंट की एक वजह यह भी मानी जा रही है और विभाग अपनी इन कमियों को दूर करने में जुट गया है. परियोजना निदेशालय के निदेशक आशीष कोहली का कहना है कि प्री नर्सरी कक्षाओं को शुरू करने का उद्देश्य यही था कि सरकारी स्कूलों में घट रही एनरोलमेंट को बढ़ाया जा सके. नर्सरी कक्षाओं को लेकर पहले साल अभिभावकों में काफी अच्छा रुझान था और अब इस वर्ष भी ज्यादा से ज्यादा बच्चे इसमें प्रवेश लें, इसके लिए अभियान विभाग ने चलाया है.

उन्होंने बताया कि 20 दिन में बच्चों को सुविधाएं दे दी जाएंगी. सरकारी स्कूल्स में शुरू की गई इन प्री नर्सरी कक्षाओं में छात्रों की रुचि बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग स्कूल्स में इसी सत्र में छात्रों को प्रिंटिंग मटीरियल और फर्नीचर भी उपलब्ध करवाएगा. प्री नर्सरी की किताबों को आकर्षक बनाया जाएगा. किताबों में रंग-बिरंगे प्रिंट के साथ स्कूल्स में दिया जाएगा, ताकि बच्चे उन किताबों को रुचि से पढ़े. इसके साथ ही बच्चे खेल-खेल में पढ़ना सीखे इसके लिए इन बच्चों के क्लासरूम की दीवारों पर भी कार्टून चार्ट ओर अन्य प्रिंटिंग मटीरियल मुहैया करवाया जाएगा. विभाग की ओर से इसके लिए बजट स्कूल्स को दिया जाएगा.

बता दे कि प्रेदश में अभी शीतकालीन स्कूलों में प्री नर्सरी कक्षाओं में प्रवेश होने के साथ ही ग्रीष्मकालीन स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी. ऐसे में विभाग की ओर से स्कूलों को ये निर्देश दिए गए हैं कि वो इस ओर ज्यादा ध्यान देकर अधिक से अधिक बच्चों को प्री नर्सरी कक्षाओं में एडमिशन दे.

Intro:प्रदेश के सरकारी स्कूलों में घटती इनरोलमेंट को बढ़ाने के उद्देश्य से बीते वर्ष शुरू की गई प्री नर्सरी कक्षाओं में इस वर्ष छात्रों की संख्या घटती जा रही है। इस बार कम संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को प्रवेश सरकारी स्कूलों में दिलवा रहे है। ऐसे में इस बार इनरोलमेंट बढ़ने के बजाए स्कूलों में इनरोलमेंट घट रही है। शिक्षा विभाग इस घटती हुई इनरोलमेंट को बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चला रहा है। इसके तहत अभिभावकों को जागरूक कर उन्हें सरकारी स्कूलों में प्री नर्सरी कक्षाओं में बच्चों को प्रवेश दिलवाने को लेकर जानकारी दी जाएगी। शिक्षा विभाग ने बीते सत्र अक्टूबर माह में प्रदेश के 3391 स्कूलों में प्री नर्सरी कक्षाएं शुरू की थी,जिसमें 25 हजार के करीब छात्रों ने प्रवेश लिया था। इस वर्ष भी इन्ही स्कूलों में प्रवेश छात्रों को दिया जा रहा है लेकिन इस वर्ष इनरोलमेंट के आकड़े में कमी आई है।


Body:शिक्षा विभाग की ओर से सभी परियोजना अधिकारियों को प्री नर्सरी कक्षाओं में छात्रों के नामांकन को बढ़ाने के लिए अभिभावकों को जागरूक करने के निर्देश जारी किए गए है । वहीं दूसरी ओर 20 दिन के भीतर भीतर शिक्षा विभाग जिन स्कूलों में प्री नर्सरी कक्षाएं चल रही है उनमें प्रिंटिंग मटीरियल भी उपलब्ध करवाएगा। विभाग के पास यह प्रिंटिंग मटीरियल प्रिंट हो कर आ गया है अब इसे कक्षाओं में लगा कर छात्रों को इसी माध्यम से पढ़ाया जाएगा। प्री नर्सरी कक्षाओं के लिए विभाग ने प्रिंटिंग मटीरियल के साथ ही फर्नीचर भी उपलब्ध करवाना है लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है ऐसे में यह भी एक वजह मानी जा रही है जिसकी वजह से इस वर्ष इन कक्षाओं में कम इनरोलमेंट हो रही है। वहीं अब विभाग उन्हें दूर करने का प्रयास कर रहा है।


Conclusion:परियोजना निदेशालय के निदेशक आशीष कोहली का कहना है कि प्री नर्सरी कक्षाओं को शुरू करने का उद्देश्य यही था कि सरकारी स्कूलों में घट रही इनरोलमेंट को बढ़ाया जा सके । पहले वर्ष काफी अच्छा रुझान अभिभावकों का इसे लेकर मिला है और अब इस वर्ष भी ज्यादा से ज्यादा बच्चे इसमें प्रवेश ले इसके लिए अभियान विभाग ने चलाया है। इसके साथ ही इन बच्चों को जो सुविधाएं दी जानी है वो 20 दिन के भीतर भीतर दे दी जाएंगी। सरकारी स्कूलों में शुरू की गई इन प्री नर्सरी कक्षाओं में छात्रों की रुचि बढ़े इसके लिए शिक्षा विभाग स्कूलों में इसी सत्र इन छात्रों को प्रिंटिंग मटीरियल ओर फर्नीचर भी उपलब्ध करवाएगा। प्री नर्सरी की किताबों को आकर्षक बनाने जिससे कि बच्चे उसे पढ़ना पसंद करें इसके लिए किताबों में रंग बिरंगे प्रिंट के साथ स्कूलों में दिया जाएगा ताकि बच्चे उन क़िताबों को रुचि से पढ़े। इसके साथ ही बच्चे खेल खेल में पढ़ना सीखे इसके लिए इन बच्चों के क्लासरूम की दीवारों पर भी कार्टून चार्ट ओर अन्य प्रिंटिंग मटीरियल मुहैया करवाया जाएगा। विभाग जकी ओर से इसके लिए बजट स्कूलों को दिया जाएगा।
बता दे कि प्रेदश में अभी शीतकालीन स्कूलों में प्री नर्सरी कक्षाओं में प्रवेश होने के साथ ही ग्रीष्मकालीन स्कूलों में ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी। ऐसे में विभाग की ओर से यह निर्देश स्कूलों को दिए गए है कि वो इस ओर ज्यादा ध्यान दे कर अधिक से अधिक बच्चों को प्री नर्सरी कक्षाओं में एडमिशन दे।
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