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नाबालिग से छेड़छाड़ मामला: न्यायालय ने आरोपी को सुनाई 5 महीने का कारावास - Additional District and Sessions Court Kinnaur

2019 के एक छेड़छाड़ मामले में अतिरिक्त जिला एंव सत्र न्यायालय किन्नौर ने आरोपी व्यक्ति को नाबालिग को छेड़ने के आरोप सिद्ध होने पर पांच महीने सशक्त कारावास और पांच हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. (Molestation case of Kinnaur of 2019) (Additional District and Sessions Court Kinnaur)

नाबालिग से छेड़छाड़ मामला
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Published : Dec 9, 2022, 3:56 PM IST

रामपुर: अतिरिक्त जिला एंव सत्र न्यायालय किन्नौर ने 2019 के छेड़छाड़ मामले में एक आरोपी व्यक्ति को सजा सुनाई है. न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए आरोपी किन्नौर निवासी कुशाल को नाबालिग को छेड़ने के आरोप सिद्ध होने पर पांच महीने सशक्त कारावास और पांच हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. (Molestation case of Kinnaur of 2019) (Additional District and Sessions Court Kinnaur)

फैसले की जानकारी देते हुए उप-जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने बताया कि 2019 को नाबालिग जिसकी उम्र 14 वर्ष थी, स्कूल से घर जा रही थी. करीब 2 बजे के आसपास आरोपी ने पीड़िता का पीछा किया और आगे जाकर उसके साथ छेड़खानी शुरू कर दी. वहीं, एक बार पीड़िता द्वारा नाम बताने से मना करने के बाबजूद भी आरोपी ने आगे जाकर उसे दोबारा रोका और बात करनी चाही.

आरोपी द्वारा पीड़िता का इस तरह पीछा करने व जबरदस्ती जान पहचान बनाने की कोशिश पॉक्सो एक्ट के तहत जुर्म साबित हुआ और उसे सजा सुनाई गई. गौरतलब है कि पॉक्सो एक्ट में नाबालिग के साथ किसी भी तरह की छेड़खानी व यौन शोषण में सख्त सजा का प्रावधान है. सरकार की तरफ से मुकदमे की पैरवी उप-जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने की.

ये भी पढ़ें: सुंदरनगर में फार्मासिस्ट ने महिला से की छेड़छाड़, पुलिस ने किया मामला दर्ज

रामपुर: अतिरिक्त जिला एंव सत्र न्यायालय किन्नौर ने 2019 के छेड़छाड़ मामले में एक आरोपी व्यक्ति को सजा सुनाई है. न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए आरोपी किन्नौर निवासी कुशाल को नाबालिग को छेड़ने के आरोप सिद्ध होने पर पांच महीने सशक्त कारावास और पांच हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. (Molestation case of Kinnaur of 2019) (Additional District and Sessions Court Kinnaur)

फैसले की जानकारी देते हुए उप-जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने बताया कि 2019 को नाबालिग जिसकी उम्र 14 वर्ष थी, स्कूल से घर जा रही थी. करीब 2 बजे के आसपास आरोपी ने पीड़िता का पीछा किया और आगे जाकर उसके साथ छेड़खानी शुरू कर दी. वहीं, एक बार पीड़िता द्वारा नाम बताने से मना करने के बाबजूद भी आरोपी ने आगे जाकर उसे दोबारा रोका और बात करनी चाही.

आरोपी द्वारा पीड़िता का इस तरह पीछा करने व जबरदस्ती जान पहचान बनाने की कोशिश पॉक्सो एक्ट के तहत जुर्म साबित हुआ और उसे सजा सुनाई गई. गौरतलब है कि पॉक्सो एक्ट में नाबालिग के साथ किसी भी तरह की छेड़खानी व यौन शोषण में सख्त सजा का प्रावधान है. सरकार की तरफ से मुकदमे की पैरवी उप-जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने की.

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