शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में रविवार सुबह आरएसएस और एसएफआई कार्यकर्ताओं के बीच हुए खूनी संघर्ष की जांच के लिए एचपीयू प्रशासन ने 6 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है. यह कमेटी एचपीयू प्रति कुलपति प्रो. राजेन्द्र सिंह चौहान की अध्यक्षता में एचपीयू कुलपति प्रो. सिकंदर ने बनाई है.
बता दें कि सरकार के निर्देशों पर इस कमेटी का गठन एचपीयू प्रशासन ने किया है. कमेटी इस पूरे मामले पर 27 मार्च तक अपनी रिपोर्ट विवि कुलपति को देगी जिसके आधार पर एचपीयू मामले में आगामी कार्रवाई करेगा.
एचपीयू कुलपति प्रो. सिंकदर कुमार ने कहा कि घटना के दौरान वो शिमला से बाहर थे, लेकिन उन्हें इस घटना की सूचना छात्रों के माध्यम से ही मिली. सूचना मिलने के बाद एसपी से बात कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था. पुलिस की जांच जारी है और एचपीयू ने भी मामले में कमेटी का गठन कर दिया गया है. प्रति कुलपति के अलावा कुलसचिव, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, डीन प्लानिंग टीचर मैटर्स, चीफ वार्डन, चीफ सिकयोरटी ऑफिसर शामिल है जो 27 मार्च तक रिपोर्ट देंगे.
कुलपति ने बताया कि मामले में पुलिस प्रशासन के साथ भी बैठक की गई है जिसमें एडीएम, एएसपी, एसडीएम, प्रति कुलपति, कुलसचिव और चीफ वार्डन शामिल थे. बैठक में कुलपति ने यह निर्देश दिए हैं कि मामले की गहनता से जांच की जाए और घटना में जो दोषी है उन्हें सामने लाया जाए.
कुलपति ने इस घटना के बाद एचपीयू परिसर में शांति बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही है. उन्होंने घटना के लिए दोनों ही पक्षों को गलत ठहराया है और कहा कि जब एक ही मैदान में शाखा लग रही है और कोई क्रिकेट खेल रहा है तो शाखा लगाने वाले शाखा लगाए और क्रिकेट खेलने वाले क्रिकेट खेले. मामले में किसी तरह की मारपीट की बात ही नहीं थी, लेकिन फिर भी अशांति फैलाने के मकसद से इस तरह के खूनी संघर्ष किए जाते है जिस पर कुलपति या अन्य अधिकारी भी कुछ भी नहीं कर सकता है. साथ ही उन्होंने छात्र संगठनों के उस ब्यान को भी गलत ठहराया की हॉस्टलों में इस घटना के समय चीफ वार्डन ने छात्रों का फोन नहीं उठाया इस पर कुलपति ने कहा कि मामला रविवार का है और हो सकता है कि कोई अपने किसी कार्य के चलते व्यस्त हो और फोन ना उठा पाए.
हॉस्टल में आउटसाइडर नहीं होंगे सहन
एचपीयू कुलपति ने स्पष्ट किया है कि एचपीयू के हॉस्टलों में बाहरी छात्रों को पूरी तरह से बैन किया जाएगा. कोई भी छात्र जिसे एचपीयू का हॉस्टल अलॉट नहीं हुआ है. उसे हॉस्टल में ठहरने की अनुमति नहीं होगी और इस मामले में एचपीयू सख्त कार्रवाई करेगा.
इस तरह की घटना में शिक्षक भी शामिल
कुलपति ने कहा कि होस्टल के जिस जिस कमरे से हथियार निकलेंगे उसकी रिपोर्ट आने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि टीचिंग और नॉन टीचिंग की वजह से भी झगड़े यहां होते है और 50 फीसदी झगड़े तो उन्हीं की वजह से होते है, लेकिन उनका सामने आना और सबूत मिलना भी जरूरी है और यह बड़ी चुनौती है.
कुलपति ने कहा कि जितने भी संगठन है चाहे वो छात्रों के हो या शिक्षकों के या गैर शिक्षकों के सभी के साथ बैठकर उन्होंने पहले बैठकें की है और सभी का सहयोग उन्हें मिला है. सबकी विचारधारा अगल है, लेकिन किसी पर हमला करना सहन नहीं होगा जो भी इस तरह की घटना को अंजाम देगा उस पर कार्रवाई होगी.