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HPU में ABVP कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, खूनी झड़प मामले में जांच कमेटी गठित - एसएफआई

एचपीयू में हुई खूनी झड़प का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. विवि में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाने की मांग की है.

HPU में ABVP कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
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Published : Mar 25, 2019, 2:07 PM IST

Updated : Mar 25, 2019, 2:52 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में रविवार सुबह आरएसएस और एसएफआई कार्यकर्ताओं के बीच हुए खूनी संघर्ष की जांच के लिए एचपीयू प्रशासन ने 6 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है. यह कमेटी एचपीयू प्रति कुलपति प्रो. राजेन्द्र सिंह चौहान की अध्यक्षता में एचपीयू कुलपति प्रो. सिकंदर ने बनाई है.

abvp protests in hpu
HPU में ABVP कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

बता दें कि सरकार के निर्देशों पर इस कमेटी का गठन एचपीयू प्रशासन ने किया है. कमेटी इस पूरे मामले पर 27 मार्च तक अपनी रिपोर्ट विवि कुलपति को देगी जिसके आधार पर एचपीयू मामले में आगामी कार्रवाई करेगा.

एचपीयू कुलपति प्रो. सिंकदर कुमार ने कहा कि घटना के दौरान वो शिमला से बाहर थे, लेकिन उन्हें इस घटना की सूचना छात्रों के माध्यम से ही मिली. सूचना मिलने के बाद एसपी से बात कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था. पुलिस की जांच जारी है और एचपीयू ने भी मामले में कमेटी का गठन कर दिया गया है. प्रति कुलपति के अलावा कुलसचिव, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, डीन प्लानिंग टीचर मैटर्स, चीफ वार्डन, चीफ सिकयोरटी ऑफिसर शामिल है जो 27 मार्च तक रिपोर्ट देंगे.

कुलपति ने बताया कि मामले में पुलिस प्रशासन के साथ भी बैठक की गई है जिसमें एडीएम, एएसपी, एसडीएम, प्रति कुलपति, कुलसचिव और चीफ वार्डन शामिल थे. बैठक में कुलपति ने यह निर्देश दिए हैं कि मामले की गहनता से जांच की जाए और घटना में जो दोषी है उन्हें सामने लाया जाए.

abvp protests in hpu
HPU में ABVP कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

कुलपति ने इस घटना के बाद एचपीयू परिसर में शांति बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही है. उन्होंने घटना के लिए दोनों ही पक्षों को गलत ठहराया है और कहा कि जब एक ही मैदान में शाखा लग रही है और कोई क्रिकेट खेल रहा है तो शाखा लगाने वाले शाखा लगाए और क्रिकेट खेलने वाले क्रिकेट खेले. मामले में किसी तरह की मारपीट की बात ही नहीं थी, लेकिन फिर भी अशांति फैलाने के मकसद से इस तरह के खूनी संघर्ष किए जाते है जिस पर कुलपति या अन्य अधिकारी भी कुछ भी नहीं कर सकता है. साथ ही उन्होंने छात्र संगठनों के उस ब्यान को भी गलत ठहराया की हॉस्टलों में इस घटना के समय चीफ वार्डन ने छात्रों का फोन नहीं उठाया इस पर कुलपति ने कहा कि मामला रविवार का है और हो सकता है कि कोई अपने किसी कार्य के चलते व्यस्त हो और फोन ना उठा पाए.

हॉस्टल में आउटसाइडर नहीं होंगे सहन
एचपीयू कुलपति ने स्पष्ट किया है कि एचपीयू के हॉस्टलों में बाहरी छात्रों को पूरी तरह से बैन किया जाएगा. कोई भी छात्र जिसे एचपीयू का हॉस्टल अलॉट नहीं हुआ है. उसे हॉस्टल में ठहरने की अनुमति नहीं होगी और इस मामले में एचपीयू सख्त कार्रवाई करेगा.

HPU में ABVP कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

इस तरह की घटना में शिक्षक भी शामिल
कुलपति ने कहा कि होस्टल के जिस जिस कमरे से हथियार निकलेंगे उसकी रिपोर्ट आने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि टीचिंग और नॉन टीचिंग की वजह से भी झगड़े यहां होते है और 50 फीसदी झगड़े तो उन्हीं की वजह से होते है, लेकिन उनका सामने आना और सबूत मिलना भी जरूरी है और यह बड़ी चुनौती है.

कुलपति ने कहा कि जितने भी संगठन है चाहे वो छात्रों के हो या शिक्षकों के या गैर शिक्षकों के सभी के साथ बैठकर उन्होंने पहले बैठकें की है और सभी का सहयोग उन्हें मिला है. सबकी विचारधारा अगल है, लेकिन किसी पर हमला करना सहन नहीं होगा जो भी इस तरह की घटना को अंजाम देगा उस पर कार्रवाई होगी.

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में रविवार सुबह आरएसएस और एसएफआई कार्यकर्ताओं के बीच हुए खूनी संघर्ष की जांच के लिए एचपीयू प्रशासन ने 6 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है. यह कमेटी एचपीयू प्रति कुलपति प्रो. राजेन्द्र सिंह चौहान की अध्यक्षता में एचपीयू कुलपति प्रो. सिकंदर ने बनाई है.

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HPU में ABVP कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

बता दें कि सरकार के निर्देशों पर इस कमेटी का गठन एचपीयू प्रशासन ने किया है. कमेटी इस पूरे मामले पर 27 मार्च तक अपनी रिपोर्ट विवि कुलपति को देगी जिसके आधार पर एचपीयू मामले में आगामी कार्रवाई करेगा.

एचपीयू कुलपति प्रो. सिंकदर कुमार ने कहा कि घटना के दौरान वो शिमला से बाहर थे, लेकिन उन्हें इस घटना की सूचना छात्रों के माध्यम से ही मिली. सूचना मिलने के बाद एसपी से बात कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था. पुलिस की जांच जारी है और एचपीयू ने भी मामले में कमेटी का गठन कर दिया गया है. प्रति कुलपति के अलावा कुलसचिव, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, डीन प्लानिंग टीचर मैटर्स, चीफ वार्डन, चीफ सिकयोरटी ऑफिसर शामिल है जो 27 मार्च तक रिपोर्ट देंगे.

कुलपति ने बताया कि मामले में पुलिस प्रशासन के साथ भी बैठक की गई है जिसमें एडीएम, एएसपी, एसडीएम, प्रति कुलपति, कुलसचिव और चीफ वार्डन शामिल थे. बैठक में कुलपति ने यह निर्देश दिए हैं कि मामले की गहनता से जांच की जाए और घटना में जो दोषी है उन्हें सामने लाया जाए.

abvp protests in hpu
HPU में ABVP कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

कुलपति ने इस घटना के बाद एचपीयू परिसर में शांति बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही है. उन्होंने घटना के लिए दोनों ही पक्षों को गलत ठहराया है और कहा कि जब एक ही मैदान में शाखा लग रही है और कोई क्रिकेट खेल रहा है तो शाखा लगाने वाले शाखा लगाए और क्रिकेट खेलने वाले क्रिकेट खेले. मामले में किसी तरह की मारपीट की बात ही नहीं थी, लेकिन फिर भी अशांति फैलाने के मकसद से इस तरह के खूनी संघर्ष किए जाते है जिस पर कुलपति या अन्य अधिकारी भी कुछ भी नहीं कर सकता है. साथ ही उन्होंने छात्र संगठनों के उस ब्यान को भी गलत ठहराया की हॉस्टलों में इस घटना के समय चीफ वार्डन ने छात्रों का फोन नहीं उठाया इस पर कुलपति ने कहा कि मामला रविवार का है और हो सकता है कि कोई अपने किसी कार्य के चलते व्यस्त हो और फोन ना उठा पाए.

हॉस्टल में आउटसाइडर नहीं होंगे सहन
एचपीयू कुलपति ने स्पष्ट किया है कि एचपीयू के हॉस्टलों में बाहरी छात्रों को पूरी तरह से बैन किया जाएगा. कोई भी छात्र जिसे एचपीयू का हॉस्टल अलॉट नहीं हुआ है. उसे हॉस्टल में ठहरने की अनुमति नहीं होगी और इस मामले में एचपीयू सख्त कार्रवाई करेगा.

HPU में ABVP कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

इस तरह की घटना में शिक्षक भी शामिल
कुलपति ने कहा कि होस्टल के जिस जिस कमरे से हथियार निकलेंगे उसकी रिपोर्ट आने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि टीचिंग और नॉन टीचिंग की वजह से भी झगड़े यहां होते है और 50 फीसदी झगड़े तो उन्हीं की वजह से होते है, लेकिन उनका सामने आना और सबूत मिलना भी जरूरी है और यह बड़ी चुनौती है.

कुलपति ने कहा कि जितने भी संगठन है चाहे वो छात्रों के हो या शिक्षकों के या गैर शिक्षकों के सभी के साथ बैठकर उन्होंने पहले बैठकें की है और सभी का सहयोग उन्हें मिला है. सबकी विचारधारा अगल है, लेकिन किसी पर हमला करना सहन नहीं होगा जो भी इस तरह की घटना को अंजाम देगा उस पर कार्रवाई होगी.


स्पेशल रिपोर्ट

कहते हैं कुछ लोग अपने लिए जीना पसंद करते हैं लेकिन कुछ लोग  दूसरों के लिए और दूसरों की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी ढूँढ़ते हैं . जी हाँ ऐसे ही एक होनहार व्यक्ति हैं जो भारत सरकार में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्योरो चंडीगढ़ में बतौर अधीक्षिक अपनी सेवाएं देते रहे और युवाओं को नशे से बचाने के लिए उक्त अधिकारी जिनका नाम ओपी शर्मा हैं अपनी नोकरी से त्याग पत्र देकर अपने गृह क्षेत्र चुराह में युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए अपने फ़ार्म हाउस जहाँ फूलों की खेती होती हैं वहा उन्हें रोजगार मुहिया करवाने के लिए लगा दिया ओपी शर्मा ने पांच से छे युवाओं को अपने फ़ार्म हाउस में रोजगार दिया हैं जिसके चलते उक्त युवाओं का परिवार इस बेरोजगारी के दौर में रोजगार पा रहा हैं . ओपी शर्मा हमेशा नशे के खिलाफ रहे हैं जब भी नौकरी में थे तो नशे के सौदार इनसे कम्पते थे लेकिन अब युवाओं के ये शख्स किसी मसीह से कम नहीं हैं ,चुराह में फूलों की खेती से हर साल लाखों रूपये का व्यापार होता हैं जिससे यहाँ काम कर रहे युवा और कई बुजुर्ग लोग भी रोजगार पा रहे हैं , आपको बताते चले ओपी शर्मा चुराह के खुशनगरी पंचायत के रहने वाले हैं और भारत सरकार के कस्टम और एक्साइज सहित नारकोटिक्स कंट्रोल ब्योरो जैसे पदों पे भी कार्य कर चुके हैं नह्से की मिटाने के लिए खास्कार किसानों और युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए उन्हें अपनी जमीन में रोजगार कैसे मुहिया होता हैं उसके लिए जागरूक करते रहते हैं और बेहतरीन मुनाफा अपनी थोड़ी सी जमीन से चाहे फूलों की खेती हो या सेब का कार्य हो या सब्जी उत्पादन हो किसनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत हैं .

क्या कहते हैं किशोरी लाल जिन्हें रोजगार  मिला
वहीँ दूसरी और ओपे शर्मा के फार्महाउस में कार्य कर रहे युवा का कहना है की काफी ख़ुशी होती हैं की हमें बेरोजगारी के युग में रोजगार मिला हुआ है और साल के पूरे ३६५ दिन हमें रोजगार मिलता हैं जिस्स्से हमारा परिवार चलता हैं ,इसके अलावा अन्य किसान विन्यमीन ने बताया की हमें रोजगार मिला हुआ हैं और हमारा परिवार यहाँ से चलता हैं हमें बेरोजगार नहीं हैं काफी ख़ुशी होती हैं ;


क्या कहते हैं ओपी शर्मा
वहीँ दूसरी और ओपी शर्मा का कहना है की नह्से के खिलाफ पहले से लड़ाई रही हैं चुराह के युवाओं को नशे से दूर रखने की पहल है क्यूंकि मैंने जब देखा की नशा ज्यादा हो गया हैं तो मैंने वोलेंनटरी रिटायर मेंट लेकर अपने क्षेत्र में किसानों को और युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए प्रयास किया हैं पांच से छे युवाओं को मेरे अपने फ़ार्म हाउस में रोजगार उपलव्ध करवाया हैं ताकि ये युवा नशे से दूर रहकर अपनी आजीवका कमा सके ऐसे ही हम किसानों को भी नशे से दूर रखकर उन्हें कैसे इनकम उनके खेतों से हो उनके लिए समझा रहे हैं की एक बीघा से भी आप अपने पूरे साल भर की इनकम निक्साल सकते हैं .

Last Updated : Mar 25, 2019, 2:52 PM IST
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