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Himachal Monsoon: हिमाचल में मानसून सीजन में 8,676 करोड़ का नुकसान, 128 सड़कें अभी भी बंद

हिमाचल प्रदेश में आई मानसून की तबाही के चलते अब तक 8,676 करोड़ का नुकसान हुआ है. वहीं, 408 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं. जबकि 381 लोग जख्मी हुए हैं. आगे पढ़ें पूरी खबर... (Damage due to rain in Himachal) (Himachal Monsoon)

Loss due to rain in Himachal
हिमाचल में मानसून सीजन में 8676 करोड़ का नुकसान
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 6, 2023, 10:53 PM IST

शिमला: प्रदेश में इस बार मानसून आफत बनकर बरसा है. वहीं, संपत्तियों के साथ-साथ भारी जानी नुकसान पहुंचाया है. मानसून सीजन में होने वाले नुकसान का आंकड़ा 8676 करोड़ पार कर गया है. हालांकि मानसून कमजोर पड़ने से नुकसान की गति अब धीमी हो गई है. सरकारी मशीनरी भी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है, लेकिन अभी भी दूर दराज इलाकों में 128 सड़कें बंद हैं. वहीं, मानसून सीजन में मरने वालों की तादाद 408 पहुंच गई है जबकि 381 लोग जख्मी हुए हैं.

दरअसल, प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. अब तक करीब 8676 करोड़ का नुकसान प्रदेश में आंका गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2941 करोड़ की क्षति आंकी गई हैं. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी इस बार क्षतिग्रस्त हो गए, . वहीं, 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. हालांकि क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली में लोक निर्माण विभाग जुटा है, मगर कई जगह सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिसके कारण बहाली में काफी समय लग रहा है.

प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अभी भी 128 सड़कें बंद हैं. इसमें लोक निर्माण विभाग के मंडी जोन में 47 सड़कें बंद हैं, जबकि शिमला जोन में 23 सड़क मार्ग बाधित पड़े हैं. हमीरपुर जोन में 25 और कांगड़ा जोन में 32 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने सड़कों की बहाली के काम में टिप्पर, जेसीबी सहित 899 से मशीनें लगा रखी हैं.

प्रदेश में भारी बारिश से हुए भूस्खलन की चपेट में पानी व अन्य परियोजनाएं भी आई हैं. मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11030 परियोजनाएं बहाल कर गई हैं, हालांकि अभी भी 26 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ का नुकसान आंका गया है.

इनके अलावा प्रदेश में बिजली को भी भारी क्षति पहुंची है. बिजली बोर्ड को करीब 1740 करोड़, कृषि को करीब 357 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान इस सीजन हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 125 करोड़ की क्षति पहुंचाई है.

प्रदेश में 13449 परिवारों के आशियाने मानसून में क्षतिग्रस्त: इस मानसून सीजन में बड़ी संख्या में रिहायशी और अन्य मकान भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13449 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2558 घर पूरी तरह से तबाह हो गए, वहीं 10891 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा प्रदेश में 318 दुकानें और 5669 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आईं. प्रदेश में इस बार भारी जानी नुकसान भी हुआ है. इस सीजन में 408 जानें गई है और 381 लोग जख्मी भी हुए. यही नहीं इस सीजन में करीब 6422 मवेशियों की मौत हुई है.

ये भी पढ़ें: Chandigarh Shimla NH: चंडीगढ़ शिमला एनएच पर 75 किलोमीटर के पैच पर चल रहा वन लेन ट्रैफिक, 250 पुलिस जवान संभाल रहे ट्रैफिक व्यवस्था

शिमला: प्रदेश में इस बार मानसून आफत बनकर बरसा है. वहीं, संपत्तियों के साथ-साथ भारी जानी नुकसान पहुंचाया है. मानसून सीजन में होने वाले नुकसान का आंकड़ा 8676 करोड़ पार कर गया है. हालांकि मानसून कमजोर पड़ने से नुकसान की गति अब धीमी हो गई है. सरकारी मशीनरी भी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है, लेकिन अभी भी दूर दराज इलाकों में 128 सड़कें बंद हैं. वहीं, मानसून सीजन में मरने वालों की तादाद 408 पहुंच गई है जबकि 381 लोग जख्मी हुए हैं.

दरअसल, प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. अब तक करीब 8676 करोड़ का नुकसान प्रदेश में आंका गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2941 करोड़ की क्षति आंकी गई हैं. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी इस बार क्षतिग्रस्त हो गए, . वहीं, 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. हालांकि क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली में लोक निर्माण विभाग जुटा है, मगर कई जगह सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिसके कारण बहाली में काफी समय लग रहा है.

प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अभी भी 128 सड़कें बंद हैं. इसमें लोक निर्माण विभाग के मंडी जोन में 47 सड़कें बंद हैं, जबकि शिमला जोन में 23 सड़क मार्ग बाधित पड़े हैं. हमीरपुर जोन में 25 और कांगड़ा जोन में 32 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने सड़कों की बहाली के काम में टिप्पर, जेसीबी सहित 899 से मशीनें लगा रखी हैं.

प्रदेश में भारी बारिश से हुए भूस्खलन की चपेट में पानी व अन्य परियोजनाएं भी आई हैं. मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11030 परियोजनाएं बहाल कर गई हैं, हालांकि अभी भी 26 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ का नुकसान आंका गया है.

इनके अलावा प्रदेश में बिजली को भी भारी क्षति पहुंची है. बिजली बोर्ड को करीब 1740 करोड़, कृषि को करीब 357 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान इस सीजन हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 125 करोड़ की क्षति पहुंचाई है.

प्रदेश में 13449 परिवारों के आशियाने मानसून में क्षतिग्रस्त: इस मानसून सीजन में बड़ी संख्या में रिहायशी और अन्य मकान भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13449 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2558 घर पूरी तरह से तबाह हो गए, वहीं 10891 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा प्रदेश में 318 दुकानें और 5669 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आईं. प्रदेश में इस बार भारी जानी नुकसान भी हुआ है. इस सीजन में 408 जानें गई है और 381 लोग जख्मी भी हुए. यही नहीं इस सीजन में करीब 6422 मवेशियों की मौत हुई है.

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