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Himachal Monsoon Loss: हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश से अब तक 8078 करोड़ का नुकसान, पुलों-सड़कों को 2691 करोड़ की क्षति, 341 मौतें

हिमाचल प्रदेश में मानसून की तबाही की वजह से अब तक 8078 करोड़ का नुकसान हो चुका है. वहीं, 341 लोगों की मौत हो चुकी है. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal Monsoon Loss) (Damage due to rain in Himachal).

Monsoon damage in Himachal
हिमाचल प्रदेश में मानसून की तबाही की वजह से अब तक 8078 करोड़ का नुकसान हो चुका है.
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Published : Aug 20, 2023, 8:33 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून आफत बनकर बरस रहा है. बारिश से सड़कों, पानी, बिजली सहित अन्य अधोसंरचना को भारी क्षति पहुंच रही है. सार्वजनिक संपत्ति के साथ-साथ निजी संपत्ति को भी बारिश से भारी नुकसान हो रहा है. प्रदेश में मानसून की बारिश से अब तक 8078 करोड़ का नुकसान हो चुका है. इसमें सबसे ज्यादा 2691 करोड़ की क्षति सड़कों और पुलों को पहुंची हैं. यही नहीं बारिश में 12 हजार से ज्यादा लोगों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त हुए हैं और 341 लोगों भी की मौत हुई है.

प्रदेश में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हो रही है. मानसून की बारिश से अब तक 8078 करोड़ का नुकसान हो चुका है. अकेले पीडब्ल्यूडी को 2691 करोड़ क्षति बारिश से पहुंची है. भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनके अलावा 94 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19 पुल बाढ़ में बह गए. बारिश के बाद भूस्खलन से प्रदेश में सड़कें बंद हो रही हैं. प्रदेश में अभी भी 562 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने टिप्पर, जेसीबी सहित एक हजार से ज्यादा मशीनें सड़क की बहाली के काम में लगा रखी है. लेकिन कई जगह बार-बार भूस्खलन होने से फिर से सड़कें फिर से बंद हो रही हैं.

जल शक्ति विभाग को 1860 करोड़ का नुकसान: प्रदेश में भारी बारिश से पानी की परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो रही हैं. बारिश के बाद आए भूस्खलन और सिल्ट से सैंकड़ों परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 18048 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 9745 पेयजल परियोजनाएं हैं, हालांकि इनमें से करीब 9540 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. पानी की परियोजनाएं बंद होने से लोगों को पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा सिंचाई की 2510 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब 1860 करोड़ का नुकसान हो चुका है.

इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1507 करोड़, कृषि को करीब 335 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 121 करोड़ का नुकसान मानसून में हुआ है.

प्रदेश में 12010 परिवारों के मकान आशियाने क्षतिग्रस्त: भारी बारिश के बाद प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ से रिहाय़शी व अन्य मकान इनकी चपेट में आ रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 12010 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2208 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 9802 मकान भी आशांतिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके अलावा 299 दुकानों के अलावा 4677 गौशालाएं भी ढह गईं. बारिश में होने वाले हादसों में 341 लोगों की जानें गई हैं जबकि 328 लोग जख्मी हुए हैं.

ये भी पढे़ं- सीएम ने जेपी नड्डा के साथ बैठक, केदारनाथ-भुज त्रासदी की तर्ज पर हिमाचल के लिए केंद्र से मांगा विशेष पैकेज

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून आफत बनकर बरस रहा है. बारिश से सड़कों, पानी, बिजली सहित अन्य अधोसंरचना को भारी क्षति पहुंच रही है. सार्वजनिक संपत्ति के साथ-साथ निजी संपत्ति को भी बारिश से भारी नुकसान हो रहा है. प्रदेश में मानसून की बारिश से अब तक 8078 करोड़ का नुकसान हो चुका है. इसमें सबसे ज्यादा 2691 करोड़ की क्षति सड़कों और पुलों को पहुंची हैं. यही नहीं बारिश में 12 हजार से ज्यादा लोगों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त हुए हैं और 341 लोगों भी की मौत हुई है.

प्रदेश में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हो रही है. मानसून की बारिश से अब तक 8078 करोड़ का नुकसान हो चुका है. अकेले पीडब्ल्यूडी को 2691 करोड़ क्षति बारिश से पहुंची है. भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनके अलावा 94 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19 पुल बाढ़ में बह गए. बारिश के बाद भूस्खलन से प्रदेश में सड़कें बंद हो रही हैं. प्रदेश में अभी भी 562 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने टिप्पर, जेसीबी सहित एक हजार से ज्यादा मशीनें सड़क की बहाली के काम में लगा रखी है. लेकिन कई जगह बार-बार भूस्खलन होने से फिर से सड़कें फिर से बंद हो रही हैं.

जल शक्ति विभाग को 1860 करोड़ का नुकसान: प्रदेश में भारी बारिश से पानी की परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो रही हैं. बारिश के बाद आए भूस्खलन और सिल्ट से सैंकड़ों परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 18048 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 9745 पेयजल परियोजनाएं हैं, हालांकि इनमें से करीब 9540 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. पानी की परियोजनाएं बंद होने से लोगों को पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा सिंचाई की 2510 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब 1860 करोड़ का नुकसान हो चुका है.

इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1507 करोड़, कृषि को करीब 335 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 121 करोड़ का नुकसान मानसून में हुआ है.

प्रदेश में 12010 परिवारों के मकान आशियाने क्षतिग्रस्त: भारी बारिश के बाद प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ से रिहाय़शी व अन्य मकान इनकी चपेट में आ रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 12010 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2208 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 9802 मकान भी आशांतिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके अलावा 299 दुकानों के अलावा 4677 गौशालाएं भी ढह गईं. बारिश में होने वाले हादसों में 341 लोगों की जानें गई हैं जबकि 328 लोग जख्मी हुए हैं.

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