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HP Election 2022: हिमाचल में 6,426 दिव्यांगों ने पोस्टल बैलेट से किया मतदान

हिमाचल में 8 दिसंबर को विधानसभा के नतीजे आने हैं. इस बार निर्वाचन आयोग ने में 6,426 दिव्यांग मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान किया है. पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के बाग पशोग पंचायत के सेर-भराल गांव के ओम प्रकाश (50) ने 11 साल अपना वोट डालने में कामयाब रहे.

Himachal Election Commission
पोस्टल बैलेट से किया मतदान
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Published : Nov 22, 2022, 9:17 PM IST

Updated : Nov 22, 2022, 10:05 PM IST

शिमला: हिमाचल में 6,426 दिव्यांग मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान किया है. निर्वाचन आयोग ने चुनाव के दौरान दिव्यांगजन मतदाताओं के लिए फार्म 12-डी और डाक मतपत्र प्रदान करने सहित अन्य सुविधाओं का प्रावधान सुनिश्चित किया था. मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि चुनाव आयोग कि हिमाचल में 40 प्रतिशत से अधिक शारीरिक दिव्यांगता वाले 6,882 दिव्यांगजन मतदाताओं को डाक मतपत्र जारी किए गए थे, जिनमें से 6,426 ने निर्वाचन विभाग द्वारा तैनात की गई विशेष टीमों के माध्यम से अपने घरों से मतदान किया.

पच्छाद में ओम प्रकाश ने 11 साल बाद किया मतदान: हिमाचल में अबकी बार दिव्यांगों और 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के घर से पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान की सुविधा दी गई थी. इसके चलते कई लोग घरों से मतदान कर अपने लोकतांत्रिक हक का इस्तेमाल कर पाए. पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के बाग पशोग पंचायत के सेर-भराल गांव के ओम प्रकाश (50) ने 11 साल अपना वोट डालने में कामयाब रहे. वह चल-फिरने में पूरी तरह असमर्थ हैं. ओम प्रकाश कहते हैं कि निर्वाचन आयोग की नई पहल के कारण राज्य में पहली बार डाक मतपत्रों के माध्यम से मतदान किया है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने उनको घर जाकर सम्मानित भी किया.

कई दिव्यागों ने मतदान केंद्र पर जारकर डाले वोट: कई दिव्यांगजनों ने मतदान केंद्रों पर जाकर मत डाले. सोलन जिला की अर्की विधानसभा क्षेत्र के बांजण गांव के पवन कुमार (34) एक ऐसे दिव्यांग मतदाता हैं, जिन्होंने स्वंय निकटतम मतदान केन्द्र पर जाकर अपना मत डाला, पवन कुमार अर्की तहसील के जिले के मांगू के सरस्वती विद्या मंदिर में कंप्यूटर शिक्षक हैं. पवन ने बताया कि यद्यपि निर्वाचन विभाग ने दिव्यांगजन मतदाताओं के लिए घर से मतदान करने की व्यवस्था की थी लेकिन उन्होंने अपनी दिव्यांगता को दरकिनार करते हुए स्वयं मतदान केंद्र पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिसके लिए वह गर्व महसूस करते हैं.

पढ़ें- कांग्रेस ने तीन और नेताओं को दिखाया बाहर का रास्ता, पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप

पवन कुमार ने बताया कि उन्हें अधिकारियों द्वारा व्हील चेयर की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इस सुविधा के बिना ही मतदान करने का निर्णय लिया. पवन कुमार का कहना है कि वह अपने जैसे अन्य मतदाताओं को प्रेरित कर जहां चाह वहां राह का सन्देश देना चाहते हैं. मनीष गर्ग ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक आयुवर्ग, दिव्यांगजन और अनिवार्य सेवाओं के मतदाताओं के लिए फार्म-12 डी जारी करने जैसी सुविधाओं के उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं.

शिमला: हिमाचल में 6,426 दिव्यांग मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान किया है. निर्वाचन आयोग ने चुनाव के दौरान दिव्यांगजन मतदाताओं के लिए फार्म 12-डी और डाक मतपत्र प्रदान करने सहित अन्य सुविधाओं का प्रावधान सुनिश्चित किया था. मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि चुनाव आयोग कि हिमाचल में 40 प्रतिशत से अधिक शारीरिक दिव्यांगता वाले 6,882 दिव्यांगजन मतदाताओं को डाक मतपत्र जारी किए गए थे, जिनमें से 6,426 ने निर्वाचन विभाग द्वारा तैनात की गई विशेष टीमों के माध्यम से अपने घरों से मतदान किया.

पच्छाद में ओम प्रकाश ने 11 साल बाद किया मतदान: हिमाचल में अबकी बार दिव्यांगों और 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के घर से पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान की सुविधा दी गई थी. इसके चलते कई लोग घरों से मतदान कर अपने लोकतांत्रिक हक का इस्तेमाल कर पाए. पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के बाग पशोग पंचायत के सेर-भराल गांव के ओम प्रकाश (50) ने 11 साल अपना वोट डालने में कामयाब रहे. वह चल-फिरने में पूरी तरह असमर्थ हैं. ओम प्रकाश कहते हैं कि निर्वाचन आयोग की नई पहल के कारण राज्य में पहली बार डाक मतपत्रों के माध्यम से मतदान किया है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने उनको घर जाकर सम्मानित भी किया.

कई दिव्यागों ने मतदान केंद्र पर जारकर डाले वोट: कई दिव्यांगजनों ने मतदान केंद्रों पर जाकर मत डाले. सोलन जिला की अर्की विधानसभा क्षेत्र के बांजण गांव के पवन कुमार (34) एक ऐसे दिव्यांग मतदाता हैं, जिन्होंने स्वंय निकटतम मतदान केन्द्र पर जाकर अपना मत डाला, पवन कुमार अर्की तहसील के जिले के मांगू के सरस्वती विद्या मंदिर में कंप्यूटर शिक्षक हैं. पवन ने बताया कि यद्यपि निर्वाचन विभाग ने दिव्यांगजन मतदाताओं के लिए घर से मतदान करने की व्यवस्था की थी लेकिन उन्होंने अपनी दिव्यांगता को दरकिनार करते हुए स्वयं मतदान केंद्र पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिसके लिए वह गर्व महसूस करते हैं.

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पवन कुमार ने बताया कि उन्हें अधिकारियों द्वारा व्हील चेयर की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इस सुविधा के बिना ही मतदान करने का निर्णय लिया. पवन कुमार का कहना है कि वह अपने जैसे अन्य मतदाताओं को प्रेरित कर जहां चाह वहां राह का सन्देश देना चाहते हैं. मनीष गर्ग ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक आयुवर्ग, दिव्यांगजन और अनिवार्य सेवाओं के मतदाताओं के लिए फार्म-12 डी जारी करने जैसी सुविधाओं के उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं.

Last Updated : Nov 22, 2022, 10:05 PM IST
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