शिमला: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश का 41 वांप्रांत अधिवेशन 22 नवंबर 2020 को छोटी काशी मंडी के मां भीमाकाली मंदिर के परिसर में संपन्न हुआ. इस अधिवेशन में साल 2020-21 की कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें डॉक्टर सुनील ठाकुर प्रांत अध्यक्ष व विशाल वर्मा प्रांत मंत्री के रूप में चुने गए.
प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने मंगलवार को शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि इस अधिवेशन में सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी सभी मानकों सभी निर्देशों को ध्यान में रखते हुए यह अधिवेशन संपन्न हुआ. इस अधिवेशन में कुल 98 प्रतिनिधि उपस्थित रहे. साथ ही साथ इस अधिवेशन में 'हिमाचल प्रदेश का वर्तमान परिदृश्य' व 'हिमाचल प्रदेश का वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य' यह दो प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए.
अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा केंद्रीय विश्वविद्यालय
एबीवीपी प्रात मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय घोषणा के 11 सालों बाद भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण का काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है. वहीं तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर में चल रहे 8 पाठ्यक्रमों में एक भी स्थाई प्राध्यापक की नियुक्ति नहीं हुई है.
कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर व बागवानी विश्वविद्यालय नौणी की भारी भरकम फीस से शिक्षा गरीब छात्र की पहुंच से बाहर हो रही है, जिसे विद्यार्थी परिषद किसी सूरत में सहन नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर, कृषि व बागवानी विश्वविद्यालय सहित छात्र संघ चुनाव की बहाली को लेकर एक निर्णायक लड़ाई लड़ेगी.
जन आंदोलन खड़ा करेगी एबीवीपी
इन मुद्दों को लेकर विद्यार्थी परिषद पूरे प्रदेशभर के अंदर एक जन आंदोलन खड़ा करेगी. वहीं कुछ दिन पूहले प्रदेश सरकार की ओर से निजी स्कूलों की फीस को लेकर एक अधिसूचना जारी की गई, जिसमें यह कहा गया कि स्कूल प्रबंधन अप्रैल महीने से अभी तक की ट्यूशन फीस के अलावा सभी प्रकार के शुल्क फिर से ले सकते हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इसका विरोध करती है.