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जयराम सरकार को केंद्र से 4 हजार करोड़ से अधिक की राहत, अब आसानी से पूरी होंगी कर्मचारियों की वित्तीय मांगें

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े वोट बैंक को साधने में जुटी है. मुख्यमंत्री ने हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व दिवस (Himachal Statehood Day)के अवसर पर कर्मचारियों के वित्तीय लाभों से जुड़े ऐलान किए. कर्मचारियों को नए वेतन आयोग का लाभ देने के लिए सरकार को सालाना 6 हजार करोड़ रुपए के करीब धन की जरूरत है. पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार को केंद्र से राहत (relief from center to Jairam government)मिली है.

4 thousand crore relief to Jairam government
जयराम सरकार को केंद्र से 4 हजार करोड़ की राहत
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Published : Jan 27, 2022, 6:11 PM IST

Updated : Jan 27, 2022, 9:29 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े वोट बैंक को साधने में जुटी है. मुख्यमंत्री ने हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व दिवस (Himachal Statehood Day)के अवसर पर कर्मचारियों के वित्तीय लाभों से जुड़े ऐलान किए. कर्मचारियों को नए वेतन आयोग का लाभ देने के लिए सरकार को सालाना 6 हजार करोड़ रुपए के करीब धन की जरूरत है.

पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार को केंद्र से राहत (relief from center to Jairam government)मिली है. केंद्र सरकार ने हिमाचल को मौजूदा वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में तय चार हजार करोड़ रुपए का ऋण लेने की अनुमति दे दी. ऐसे में आगामी वित्तीय वर्ष से पहले कर्मचारियों को दिए जाने वाले वित्तीय लाभ का काफी बोझ हल्का हो जाएगा.

इससे पूर्व वित्तायोग की उदार सिफारिशों के कारण हिमाचल को सालाना 950 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मिलती आई है. फिलहाल केंद्र से 4078 करोड़ रुपए लोन लेने की अनुमति मिलने के बाद जयराम सरकार ने राहत की सांस ली है. राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने केंद्र की अनुमति मिलने की पुष्टि की है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी नए वेतन आयोग की सिफारिशों को पंजाब की तर्ज पर लागू करने की मांग उठा रहे थे.

इसके अलावा पुलिस कर्मियों का पे-बैंड का मसला चल रहा था. 25 जनवरी को पूर्ण राज्यत्व दिवस पर मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में घोषणा की. उसके बाद से वित्त विभाग इस आर्थिक बोझ के मसले को सुलझाने में जुटा था. प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र से मंजूर ऋण उठाए जाने की स्थिति में इस साल सरकार करीब 8 हजार करोड़ का कर्ज लेगी. वहीं, ये बात भी ध्यान में रखने वाली है कि बाजार में कर्जों पर ब्याज दर अधिक होने के कारण सरकार ने बीते दिनों अधिसूचित एक हजार करोड़ का ऋण अभी नहीं लिया है.

सरकार यह कर्ज केंद्रीय बजट पेश होने के बाद नए वित्तीय वर्ष में लेगी. इसके अलावा प्रदेश सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अभी तक 4 हजार करोड़ का कर्ज ले लिया है. अब केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 की अंतिम तिमाही जनवरी से मार्च तक के लिए प्रदेश को 4078 करोड़ का ऋण लेने की अनुमति दे दी है. प्रदेश सरकार ने अपने सवा दो लाख के करीब कर्मचारियों को छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत संशोधित वेतन देने का फैसला लिया है. इस फैसले से खजाने पर सालाना करीब 6 हजार करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा. एक लाख 90 हजार पेंशन भोगियों को भी संशोधित दरों पर पेंशन देने की घोषणा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्ण राज्यत्व दिवस के मौके पर की है. पेंशनरों को संशोधित पेंशन देने के मुद्दे पर कैबिनेट में चर्चा होनी है.

ये भी पढ़ें :चरणजीत सिंह: पाकिस्तान को धूल चटाकर ओलंपिक गोल्ड जीतने वाला भारतीय हॉकी का कप्तान

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े वोट बैंक को साधने में जुटी है. मुख्यमंत्री ने हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व दिवस (Himachal Statehood Day)के अवसर पर कर्मचारियों के वित्तीय लाभों से जुड़े ऐलान किए. कर्मचारियों को नए वेतन आयोग का लाभ देने के लिए सरकार को सालाना 6 हजार करोड़ रुपए के करीब धन की जरूरत है.

पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार को केंद्र से राहत (relief from center to Jairam government)मिली है. केंद्र सरकार ने हिमाचल को मौजूदा वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में तय चार हजार करोड़ रुपए का ऋण लेने की अनुमति दे दी. ऐसे में आगामी वित्तीय वर्ष से पहले कर्मचारियों को दिए जाने वाले वित्तीय लाभ का काफी बोझ हल्का हो जाएगा.

इससे पूर्व वित्तायोग की उदार सिफारिशों के कारण हिमाचल को सालाना 950 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मिलती आई है. फिलहाल केंद्र से 4078 करोड़ रुपए लोन लेने की अनुमति मिलने के बाद जयराम सरकार ने राहत की सांस ली है. राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने केंद्र की अनुमति मिलने की पुष्टि की है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी नए वेतन आयोग की सिफारिशों को पंजाब की तर्ज पर लागू करने की मांग उठा रहे थे.

इसके अलावा पुलिस कर्मियों का पे-बैंड का मसला चल रहा था. 25 जनवरी को पूर्ण राज्यत्व दिवस पर मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में घोषणा की. उसके बाद से वित्त विभाग इस आर्थिक बोझ के मसले को सुलझाने में जुटा था. प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र से मंजूर ऋण उठाए जाने की स्थिति में इस साल सरकार करीब 8 हजार करोड़ का कर्ज लेगी. वहीं, ये बात भी ध्यान में रखने वाली है कि बाजार में कर्जों पर ब्याज दर अधिक होने के कारण सरकार ने बीते दिनों अधिसूचित एक हजार करोड़ का ऋण अभी नहीं लिया है.

सरकार यह कर्ज केंद्रीय बजट पेश होने के बाद नए वित्तीय वर्ष में लेगी. इसके अलावा प्रदेश सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अभी तक 4 हजार करोड़ का कर्ज ले लिया है. अब केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 की अंतिम तिमाही जनवरी से मार्च तक के लिए प्रदेश को 4078 करोड़ का ऋण लेने की अनुमति दे दी है. प्रदेश सरकार ने अपने सवा दो लाख के करीब कर्मचारियों को छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत संशोधित वेतन देने का फैसला लिया है. इस फैसले से खजाने पर सालाना करीब 6 हजार करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा. एक लाख 90 हजार पेंशन भोगियों को भी संशोधित दरों पर पेंशन देने की घोषणा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्ण राज्यत्व दिवस के मौके पर की है. पेंशनरों को संशोधित पेंशन देने के मुद्दे पर कैबिनेट में चर्चा होनी है.

ये भी पढ़ें :चरणजीत सिंह: पाकिस्तान को धूल चटाकर ओलंपिक गोल्ड जीतने वाला भारतीय हॉकी का कप्तान

Last Updated : Jan 27, 2022, 9:29 PM IST
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