शिमला: वैश्विक महामारी कोविड-19 ने समूची मानवता को गहरे जख्म दिए. कोविड संकट के दौरान घरों में कैद रहने को मजबूर लोग अवसाद का शिकार होने लगे थे. कोविड से मिले जख्मों को भरने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों ने हिमाचल का रुख किया. हिमाचल की सुंदर वादियां और पर्यटन स्थलों में सुकून पाने के लिए देश भर के सैलानी उमड़ पड़े. कोरोना के कम केस होने से समय-समय पर बंदिशों में छूट दी गई थी. इस साल मार्च से अगस्त तक छह माह के अंतराल में हिमाचल में 32 लाख सैलानी आए.
ये आंकड़ा हिमाचल में पर्यटन के लिए सुखद संकेत लेकर आया. प्रदेश की राजधानी शिमला सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर देश के विभिन्न हिस्सों से सैलानी सैर के लिए आए. हालांकि ,बरसात के दौरान हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की दर्दनाक घटनाएं हुई, लेकिन सैलानियों का आना कम नहीं हुआ. हिमाचल प्रदेश के विकास और आर्थिक क्षेत्र में पर्यटन का अहम योगदान है. हिमाचल में कोविड से पूर्व सालाना पौने दो करोड़ सैलानियों की आमद रिकार्ड की जाती रही है. हिमाचल ने अपने यहां सालाना 2 करोड़ सैलानियों को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए नए पर्यटन स्थलों को विकसित किया जा रहा है.
अटल टनल बनने से हिमाचल में सैलानियों की आमद में तेजी आई. अटल टनल न केवल सामरिक महत्व रखती, बल्कि ये सैलानियों के लिए भी अद्भुत आकर्षण है. प्रदेश के शिमला, कुल्लू ,लाहौल स्पीति,चंबा में पर्यटन स्थलों पर पर्यटक घूमने आते हैं. इसके अलावा धर्मिक पर्यटक भी प्रदेश में काफी ज्यादा आता है,लेकिन कोरोना की वजह से पर्यटक कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया और 2020 में मई में लॉकडाउन के बाद पर्यटकों की आवाजाही पूरी तरह से बंद रही.
प्रदेश में होटल, होम स्टे सहित अन्य पर्यटन गतिविधियां बंद होने से प्रदेश को करीब 55 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ, लेकिन 2021 में कोरोना के मामले कम होने के बाद पर्यटकों की आमद शुरू होने से पर्यटन कारोबार पटरी पर लौटा और 6 महीने में ही 32 लाख पर्यटक शिमला पहुंच गए. अभी भी पर्यटकों के आने का सिलसिला जारी है. पर्यटन निगम के निदेशक अमित कश्यप ने बताया कि कोरोना के चलते 2020 में हिमाचल में पर्यटक कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया था और काफी नुकसान झेलना पड़ा.
पर्यटन निगम को ही 42 करोड़ का नुकसान हुआ. कोरोना के चलते बाहरी राज्यों ओर विदेशों से पर्यटन नहीं आ पाए, लेकिन 2021 में कुछ हद तक राहत मिली और 6 महीने में 32 लाख पर्यटक प्रदेश के अलग अलग स्थलों पर पहुंचे. प्रदेश में कोरोना से पहले हर साल एक करोड़ 70 लाख करीब पर्यटक आते थे, लेकिन कोरोना के चलते दो सालों से पर्यटकों की आमद काफी कम हो गई. उन्होंने कहा कि पर्यटन निगम के प्रदेश में 53 होटल और 15 कैफे हैं और निगम घाटे से उबारने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है.
हिमाचल प्रदेश पर्यटन स्थल है और बाहरी राज्यों सहित विदेशों से हर साल लाखों पर्यटक आते हैं. 2019 में सैलानियों की संख्या 1.72 करोड़ रही. यह संख्या 2018 के मुकाबले 4.63 फीसदी अधिक रही. सरकार ने प्रदेश में पर्यटन गतिविधियां बढ़ाने को कई योजनाएं शुरू की. पर्यटन नीति भी नई बनाई गई इसका असर अब दिखना था, लेकिन कोरोना के चलते सभी योजनाएं धरी रह गई.
बता दें कि हिमाचल में पर्यटक कारोबार का आर्थिकी में काफी बड़ा योगदान रहता है. प्रदेश में कुल 6हजार पर्यटन इकाइयां हैं. इसके अलावा कई और कारोबार भी पर्यटन के साथ जुड़े रहते हैं. पर्यटन हिमाचल की आर्थिकी का मुख्य जरिया है. प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन की 7 फीसदी हिस्सेदारी है, लेकिन कोरोना ने पर्यटन कारोबारियों की कमर तोड़ कर रख दी. कई होटल बंद हो गए. वहीं, लोन न चुका पाने के चलते बिकने की कगार पर आ गए. इस संकट की घड़ी से उबरने के लिए सरकार की तरफ से कोई मदद अभी तक होटल मालिकों को नही दी गई.
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