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शिमला में घरों पर खतरा बने 300 पेड़, बरसात में हो सकता है हादसा - Himachal latest news

राजधानी में 300 पेड़ ऐसे हैं जो लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं जोकि बरसात में कभी भी गिर सकते और बड़ा हादसा भी हो सकता है. ऐसे में स्थानीय लोगों ने नगर निगम शिमला से गुहार लगाई है कि इन पेड़ को जल्द से जल्द कटवाने का प्रबंध किया जाए. नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि पेड़ों को काटने के लिए प्रस्ताव वन विभाग और सब कमेटी को अनुमति के लिए भेजा गया था.

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Published : Jun 15, 2021, 7:08 PM IST

शिमलाः हिमाचल में बरसात के मौसम में अकसर पेड़ गिरने का खतरा बना रहता है. शिमला में भी हर साल पेड़ गिरने से भारी नुकसान होता है. राजधानी के रिहायशी इलाकों में 300 पेड़ ऐसे हैं जो लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं. ये पेड़ बरसात में कभी भी गिर सकते हैं और बड़ा हादसा भी हो सकता है. इन पेड़ों को काटने के लिए लोग नगर निगम शिमला, वन विभाग और जिला प्रशासन से काफी समय से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन इन पेड़ों को काटने की अनुमति वन विभाग से नहीं मिल पा रही है.

विकासनगर, छोटा शिमला, चौड़ा मैदान सहित कई क्षेत्रों में सूखे पेड़ है और इन पेड़ों से घरों को खतरा बना हुआ है. साथ ही सड़क किनारे भी पेड़ों की टहनियां लटक रही हैं. ये पेड़ लोगों को किसी बड़े हादसे को न्यौता दे रहे हैं.

वीडियो.

पेड़ों को काटने के लिए कई बार वन विभाग और नगर निगम को लिखा पत्र

स्थानीय लोगों का कहना है कि इन खतरनाक पेड़ों को काटने के लिए कई बार वन विभाग और नगर निगम को पत्र लिखा है. इसके बावजूद इसके इन पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं दी जा रही है. इन पेड़ों के गिरने का डर हमेशा सताता रहता है और यदि यह पेड़ गिरते हैं तो भवन को भी खतरा है और यहां सड़क किनारे खड़ी गाड़ियां भी इसकी चपेट में आ सकती है. उन्होंने नगर निगम से गुहार लगाई है कि इन पेड़ को जल्द से जल्द कटवाने का प्रबंध किया जाए.

बता दें कि सरकार की ओर से बनाई गई सब कमेटी हर साल बरसात से पहले ही खतरनाक पेड़ों को काटने की अनुमति देती थी, लेकिन इस बार हिमाचल हाईकोर्ट की ओर से शहर में पेड़ों के काटने पर प्रतिबंध लगाने के बाद शहर में नगर निगम लोगों के लिए खतरा बने पेड़ों को नहीं काट पा रहा है. ऐसे में बरसात में शहर में इन पेड़ों के गिरने से बड़ा हादसा भी हो सकता है.

शहर में करीब 300 पेड़ खतरनाकः महापौर

वहीं, नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि शहर में करीब 300 पेड़ खतरनाक है और इन को काटने के लिए वन विभाग और सब कमेटी को अनुमति के लिए भेजा था, लेकिन हाईकोर्ट द्वारा एक याचिका पर सुनवाई के दौरान शहर के अंदर पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगाया है. ऐसे में इन पेड़ों को नहीं काटा जा रहा है लेकिन जल्द ही उन्हें उम्मीद है कि हाईकोर्ट इन पेड़ों को काटने की अनुमति देगा ताकि कोई बड़ा हादसा शहर में ना हो.

हर साल पेड़ों के गिरने से होता है नुक्सान

शिमला शहर में हर साल बरसात के दौरान पेड़ गिरते हैं और कई बार यह पेड़ लोगों के घरों और सड़कों पर गिरने से नुकसान भी होता है. बीते वर्ष भी शहर में जगह-जगह पेड़ गिरने से सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों को नुकसान हुआ था. नगर निगम की ट्री कमेटी हालांकि की समय-समय पर खतरनाक पेड़ों को चिन्हित कर सरकार को ऐसे पेड़ों को कटाने की अनुमति के लिए भेजता है. बिना अनुमति के शहर में पेड़ों को नहीं काटा जा सकता है.

ये भी पढ़ेंः- पेयजल की बर्बादी पर IPH विभाग सख्त: घरों के बाहर चस्पा किए स्टिकर, काटे कनेक्शन

शिमलाः हिमाचल में बरसात के मौसम में अकसर पेड़ गिरने का खतरा बना रहता है. शिमला में भी हर साल पेड़ गिरने से भारी नुकसान होता है. राजधानी के रिहायशी इलाकों में 300 पेड़ ऐसे हैं जो लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं. ये पेड़ बरसात में कभी भी गिर सकते हैं और बड़ा हादसा भी हो सकता है. इन पेड़ों को काटने के लिए लोग नगर निगम शिमला, वन विभाग और जिला प्रशासन से काफी समय से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन इन पेड़ों को काटने की अनुमति वन विभाग से नहीं मिल पा रही है.

विकासनगर, छोटा शिमला, चौड़ा मैदान सहित कई क्षेत्रों में सूखे पेड़ है और इन पेड़ों से घरों को खतरा बना हुआ है. साथ ही सड़क किनारे भी पेड़ों की टहनियां लटक रही हैं. ये पेड़ लोगों को किसी बड़े हादसे को न्यौता दे रहे हैं.

वीडियो.

पेड़ों को काटने के लिए कई बार वन विभाग और नगर निगम को लिखा पत्र

स्थानीय लोगों का कहना है कि इन खतरनाक पेड़ों को काटने के लिए कई बार वन विभाग और नगर निगम को पत्र लिखा है. इसके बावजूद इसके इन पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं दी जा रही है. इन पेड़ों के गिरने का डर हमेशा सताता रहता है और यदि यह पेड़ गिरते हैं तो भवन को भी खतरा है और यहां सड़क किनारे खड़ी गाड़ियां भी इसकी चपेट में आ सकती है. उन्होंने नगर निगम से गुहार लगाई है कि इन पेड़ को जल्द से जल्द कटवाने का प्रबंध किया जाए.

बता दें कि सरकार की ओर से बनाई गई सब कमेटी हर साल बरसात से पहले ही खतरनाक पेड़ों को काटने की अनुमति देती थी, लेकिन इस बार हिमाचल हाईकोर्ट की ओर से शहर में पेड़ों के काटने पर प्रतिबंध लगाने के बाद शहर में नगर निगम लोगों के लिए खतरा बने पेड़ों को नहीं काट पा रहा है. ऐसे में बरसात में शहर में इन पेड़ों के गिरने से बड़ा हादसा भी हो सकता है.

शहर में करीब 300 पेड़ खतरनाकः महापौर

वहीं, नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि शहर में करीब 300 पेड़ खतरनाक है और इन को काटने के लिए वन विभाग और सब कमेटी को अनुमति के लिए भेजा था, लेकिन हाईकोर्ट द्वारा एक याचिका पर सुनवाई के दौरान शहर के अंदर पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगाया है. ऐसे में इन पेड़ों को नहीं काटा जा रहा है लेकिन जल्द ही उन्हें उम्मीद है कि हाईकोर्ट इन पेड़ों को काटने की अनुमति देगा ताकि कोई बड़ा हादसा शहर में ना हो.

हर साल पेड़ों के गिरने से होता है नुक्सान

शिमला शहर में हर साल बरसात के दौरान पेड़ गिरते हैं और कई बार यह पेड़ लोगों के घरों और सड़कों पर गिरने से नुकसान भी होता है. बीते वर्ष भी शहर में जगह-जगह पेड़ गिरने से सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों को नुकसान हुआ था. नगर निगम की ट्री कमेटी हालांकि की समय-समय पर खतरनाक पेड़ों को चिन्हित कर सरकार को ऐसे पेड़ों को कटाने की अनुमति के लिए भेजता है. बिना अनुमति के शहर में पेड़ों को नहीं काटा जा सकता है.

ये भी पढ़ेंः- पेयजल की बर्बादी पर IPH विभाग सख्त: घरों के बाहर चस्पा किए स्टिकर, काटे कनेक्शन

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