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3 दिन बस मौज-मस्ती और खाना-पीना, होली से पहले किन्नौर में अनोखे सांगला पर्व का आगाज

होली के दौरान सांगला में अनोखा पर्व मनाया जाता है. सांगला में होली पर्व के दौरान गांव के लोग टोलियां बनाकर नाचते-गाते हैं. दिनभर मंदिर प्रांगण में किन्नौरी नाटी का दौर चलता है.

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Published : Mar 19, 2019, 6:57 AM IST

सांगला होली उत्सव (फाइल फोटो)

शिमला: जनजातीय जिला किन्नौर में होली के दौरान सांगला में अनोखा पर्व मनाया जाता है. ये पर्व अपने आप में अलग पहचान रखता है. तीन दिन तक चलने वाले इस पर्व में सभी महिलाएं, पुरूष, बच्चे, युवा और बुजुर्ग टोली बना कर होली का पर्व मनाते हैं.

सांगला में होली पर्व के दौरान गांव के लोग टोलियां बनाकर नाचते-गाते हैं और एक दूसरे पर गुलाल के रंग में रंग कर इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. सांगला में होली पर्व के पहले दिन सोमवार को दो बाबे, दो राजा और दो रानियों के साथ ग्रामीण देवता बैरिंगनाग के मंदिर प्रांगण से आशीर्वाद लेकर वाद्य यंत्रों की धुनों पर थिरकते हुए निकले.

सांगला होली पर्व के पहले दिन लोग सोमवार को लोगों ने देवता का आशीर्वाद लेने के बाद दिन भर एक-दूसरे को गुलाल से रंग कर पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ उठाया. मंगलवार को सांगला पर्व के दूसरे दिन भी इसी तरह टोलियां मंदिर प्रांगण से होते हुए आजाद कश्मीर, बोनिगंसारिंग, बरगारंग और छूदो सारिंग होते हुए मंदिर पहुंचेंगी.

तीसरे दिन देवता बेरिंगनाग के मंदिर प्रांगण से तैयार होकर सभी ग्रामीण वाद्य यंत्रों की धुनों पर नाचते गाते सांगला पर्व मनाएंगे. स्थानीय बाजारों से होते हुए मंदिर पहुंच कर होली का दहन किया जाएगा. गुरुवार को चौथे दिन लोग किन्नौरी पारंपरिक वेशभूषा में मेले का लुत्फ उठाएंगे. जिस दौरान दिनभर मंदिर प्रांगण में किन्नौरी नाटी का दौर चलता है.

शिमला: जनजातीय जिला किन्नौर में होली के दौरान सांगला में अनोखा पर्व मनाया जाता है. ये पर्व अपने आप में अलग पहचान रखता है. तीन दिन तक चलने वाले इस पर्व में सभी महिलाएं, पुरूष, बच्चे, युवा और बुजुर्ग टोली बना कर होली का पर्व मनाते हैं.

सांगला में होली पर्व के दौरान गांव के लोग टोलियां बनाकर नाचते-गाते हैं और एक दूसरे पर गुलाल के रंग में रंग कर इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. सांगला में होली पर्व के पहले दिन सोमवार को दो बाबे, दो राजा और दो रानियों के साथ ग्रामीण देवता बैरिंगनाग के मंदिर प्रांगण से आशीर्वाद लेकर वाद्य यंत्रों की धुनों पर थिरकते हुए निकले.

सांगला होली पर्व के पहले दिन लोग सोमवार को लोगों ने देवता का आशीर्वाद लेने के बाद दिन भर एक-दूसरे को गुलाल से रंग कर पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ उठाया. मंगलवार को सांगला पर्व के दूसरे दिन भी इसी तरह टोलियां मंदिर प्रांगण से होते हुए आजाद कश्मीर, बोनिगंसारिंग, बरगारंग और छूदो सारिंग होते हुए मंदिर पहुंचेंगी.

तीसरे दिन देवता बेरिंगनाग के मंदिर प्रांगण से तैयार होकर सभी ग्रामीण वाद्य यंत्रों की धुनों पर नाचते गाते सांगला पर्व मनाएंगे. स्थानीय बाजारों से होते हुए मंदिर पहुंच कर होली का दहन किया जाएगा. गुरुवार को चौथे दिन लोग किन्नौरी पारंपरिक वेशभूषा में मेले का लुत्फ उठाएंगे. जिस दौरान दिनभर मंदिर प्रांगण में किन्नौरी नाटी का दौर चलता है.

शिमला। जयराम सरकार के जवाब से असंतुष्ट चुनाव आयोग ने जिला शिमला के जिला उपायुक्त अमित कश्यप पर आखिर में गाज गिरा ही दी है। उन्हें जिला उपायुक्त शिमला के पद से हटा दिया गया है। इस बावत मुख्य सचिव बी के अग्रवाल की ओर से आज शाम को अधिसूचना जारी कर दी गई है। जिला शिमला का डीसी निदेशक नगर नियोजन राजेश्वर गोयल को बनाया गया है। चुनाव आयोग ने सुबह मुख्य सचिव बी के अग्रवाल को आदेश दिए कि डीसी शिमला का तुरंत हटा दिया जाए। आयोग ने जयराम सरकार की ओर से भेजी तथ्यात्मक रपट को भी नकार दिया। इससे पहले चुनाव आयोग ने चौपाल ने 12 मार्च को चौपाल के एसडीएम पर गाज गिराई थी।

याद रहे एसडीएम चौपाल मुकेश रेपसवाल ने सितंबर 2018 में चौपाल में स्ट्रांग रूम खोल दिया था। उन्होंने ईवीएम भी खोली थी व वहां अपना कोर्ट रूम लगा दिया था। इसकी शिकायत पर चुनाव आयोग ने उन्हें व डीसी शिमला को 12 मार्च को तुरंत हटाने के आदेश दिए है। आयोग ने कहा था कि एसडीएम चौपाल ने कानून का उल्ल्ंधन किया था व डीसी शिमला उसके नियंत्रक अधिकारी थी। उन्हें तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया इसलिए दोनों को तुरंत हटा दिया जाए व उन्हें चार्जशीट कर दिया जाए।

इस पर मुख्य सचिव ने आयोग को सरकार की ओर से जवाब भेजा व कहा कि शिमला जिला में इवीएम जिला उपायुक्त् के नियंत्रण में नहीं होती है। यह चार पांच जगह ही स्टोर होतीहै व संबधित एसडीएम ही इसके लिए जिम्मदार होते है। उन्होंने अपने जवाब में कहा था कि जब अक्तूबर महीने में उन्हें इस बावत जानकारी मिली तो उन्होंने मौके पर एडीएम को भेजा और पूरी रिपोर्अ लेने के बाद एसडभ्एम के खिलाफ कार्यवाही भी की थी व रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी थी। सरकार ने चुनाव आयोग को जवाब भेजने के बाद जिला उपायुक्त अमित कश्यप का तबादला नहीं किया व आयोग के आदेशें का इंतजार करते रहे। आज आयोग ने सरकार के जवाब को नकारते हुए मुख्य सचवि को पांच बजे से पहले अमित कश्यप का तबादला करने और उन्हें रिपोर्ट देने के आदेश दे दिए। शाम को अमति कश्यप को हटज्ञने के आदेश हो गए। इसके अलावा सरकार ने 2012 काडर के हिमाचल प्रशासनिक सेवा  के अधिकारी अजित कुमार भारद्वाज को एसडीएम चौपाल लगा दिया है। एसडीएम चौपाल का कार्यभार वहां के तहसीलदार को दिया गया था।

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