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IGMC पहुंचा कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज, 10 दिन पहले हॉन्ग कॉन्ग से लौटा है व्यक्ति

राजधानी शिमला के आईजीएमसी में कोरोना वायरस का एक संदिग्ध मामला दर्ज किया गया है. मरीज कफ की परेशानी के चलते अपना चेकअप करवाने के लिए अस्पताल पहुंचा था. मरीज के पिछले दिनों के यात्रा ब्यौरे के बारे में जब उससे पूछा गया तो पता चला कि मरीज 10 दिन पहले ही हॉन्ग कॉन्ग से वापस लौटा है.

corona virus suspect in himachal pradesh
शिमला में मिले कोरोना के संदिग्ध की जांच शुरू
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Published : Mar 12, 2020, 10:01 PM IST

शिमलाः राजधानी शिमला के आईजीएमसी में कोरोना वायरस का एक अन्य संदिग्ध मामला दर्ज किया गया है. मरीज कफ की परेशानी के चलते अपना चैकअप करवाने के लिए अस्पताल पहुंचा था. मरीज के पिछले दिनों के यात्रा ब्यौरे के बारे में जब उससे पूछा गया तो पता चला कि मरीज 10 दिन पहले ही हॉन्ग कॉन्ग से वापस लौटा है.

इस दौरान संदिग्ध किस-किस से मिला है, इसकी पूरी डीटेल ली जा रही है. कोरोना को लेकर एतिहात बरतने के लिए अस्पताल प्रशासन ने मरीज को ई-ब्लॉक स्थित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया है.

वीडियो.

मरीज का इलाज एक्सपर्ट डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की निगरानी में किया जा रहा है. अस्पताल प्रशासन को इसकी सूचना मिलते ही प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम और कड़े कर दिए गए हैं. आइसोलेशन वार्ड को स्टरलाइज किया गया. नाइटड्यूटी में मौजूद सिक्योरिटी, पैरामेडिकल स्टाफ को एन-95 मास्क दिए गए.

एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि मरीज शिमला का रहने वाला है. मरीज को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर निगरानी में रखा गया है. पिछले हफ्ते कोरोना प्रभावित देश दक्षिण कोरिया से बिलासपुर का एक संदिग्ध आईजीएमसी में तीन दिन तक आइसोलेशन वार्ड में रहा. उस समय आईजीएमसी में टेस्ट सुविधा नहीं थी, तो मरीज का सैंपल पुणे भेजा गया था. दो दिन बाद संदिग्ध की रिपोर्ट निगेटिव आई थी. मरीज के आने से अस्पताल में हड़कंप मच गया था.

अब आईजीएमसी पूरी तरह टेस्ट करने के लिए सक्षम है. आईजएमसी पहुंचने वाले कोरोना वायरस के संदिग्धों के टेस्ट यहीं किए जाएंगे, लेकिन ऐतिहात के तौर पर एक सैंपल कुरियर के माध्यम से पुणे लैब भी भेजा जाएगा. शुरुआती दौर में मरीज के दो सैंपल लिए जाएंगे ताकि टेस्ट में किसी प्रकार की अनियमितता होने की आशंका न हो.

ये भी पढ़ें: धर्मशाला में मैच की टिकटों के पैसे होंगे वापस, खेल रद्द होने से HPCA निराश

शिमलाः राजधानी शिमला के आईजीएमसी में कोरोना वायरस का एक अन्य संदिग्ध मामला दर्ज किया गया है. मरीज कफ की परेशानी के चलते अपना चैकअप करवाने के लिए अस्पताल पहुंचा था. मरीज के पिछले दिनों के यात्रा ब्यौरे के बारे में जब उससे पूछा गया तो पता चला कि मरीज 10 दिन पहले ही हॉन्ग कॉन्ग से वापस लौटा है.

इस दौरान संदिग्ध किस-किस से मिला है, इसकी पूरी डीटेल ली जा रही है. कोरोना को लेकर एतिहात बरतने के लिए अस्पताल प्रशासन ने मरीज को ई-ब्लॉक स्थित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया है.

वीडियो.

मरीज का इलाज एक्सपर्ट डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की निगरानी में किया जा रहा है. अस्पताल प्रशासन को इसकी सूचना मिलते ही प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम और कड़े कर दिए गए हैं. आइसोलेशन वार्ड को स्टरलाइज किया गया. नाइटड्यूटी में मौजूद सिक्योरिटी, पैरामेडिकल स्टाफ को एन-95 मास्क दिए गए.

एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि मरीज शिमला का रहने वाला है. मरीज को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर निगरानी में रखा गया है. पिछले हफ्ते कोरोना प्रभावित देश दक्षिण कोरिया से बिलासपुर का एक संदिग्ध आईजीएमसी में तीन दिन तक आइसोलेशन वार्ड में रहा. उस समय आईजीएमसी में टेस्ट सुविधा नहीं थी, तो मरीज का सैंपल पुणे भेजा गया था. दो दिन बाद संदिग्ध की रिपोर्ट निगेटिव आई थी. मरीज के आने से अस्पताल में हड़कंप मच गया था.

अब आईजीएमसी पूरी तरह टेस्ट करने के लिए सक्षम है. आईजएमसी पहुंचने वाले कोरोना वायरस के संदिग्धों के टेस्ट यहीं किए जाएंगे, लेकिन ऐतिहात के तौर पर एक सैंपल कुरियर के माध्यम से पुणे लैब भी भेजा जाएगा. शुरुआती दौर में मरीज के दो सैंपल लिए जाएंगे ताकि टेस्ट में किसी प्रकार की अनियमितता होने की आशंका न हो.

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