शिमला: राजधानी शिमला में 14वां आदिवासी यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू हो गया है. गेयटी थियेटर में करवाए जा रहे इस कार्यक्रम में सोमवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला पहुंचे. इस दौरान उन्होंने देशभर से आए 200 के करीब आदिवासी युवाओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आदिवासी युवा जल, जंगल, जमीन, जलाश्य के महत्व को अच्छी तरह जानते और समझते हैं, क्योंकि वे प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर जीवन को आगे बढ़ाने का महत्व समझते हैं.
आदिवासी समाज प्रकृति से जरूरी संसाधन लेते हैं. उतनी ही श्रद्धा से प्रकृति की सेवा भी करते हैं. यही संवेदनशीलता आज वैश्विक अनिवार्यता बन गई है. इसे सभी को समझाने और उनके माध्यम से मार्गदर्शन करने की जरूरत है. राज्यपाल ने कहा कि अगले 25 वर्षों की यात्रा देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘अमृत काल’ कहा है. इस अमृत काल में प्रधानमंत्री ने जिन ‘पंच प्रण’ का आह्वान किया है. उनमें विकसित भारत, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता व नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्य पालन शामिल है.
उन्होंने कहा कि हर नागरिक को इन्हें कार्यान्वित करने में अपना बहुमूल्य योगदान देने की आवश्यकता है. हिमाचल प्रदेश के नेहरू युवा केंद्र संगठन के माध्यम से 18 मार्च तक शिमला में 14वां आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न जिलों से आए 200 आदिवासी युवा भाग ले रहे हैं, जिनमें विशेष तौर पर छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश और ओडिशा से आए प्रतिभागी शामिल हैं.
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