ETV Bharat / state

HPU में दिव्यांग छात्रों को हर विषय में मिलेगी 1 अतिरिक्त सीट, कार्यकारिणी परिषद ने लिया फैसला

एचपीयू में एमफिल और पीएचडी में दिव्यांग छात्रों के लिए एक सीट रिजर्व रखी जाएगी. प्रदेश विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद की बैठक में सोमवार को ये फैसला लिया गया.

HPU Shimla
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय
author img

By

Published : Dec 23, 2019, 9:56 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद की बैठक में कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने सोमवार को दिव्यांग छात्रों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए विश्वविद्यालय में अतिरिक्त उपाय किए जाने की जानकारी दी.एचपीयू कार्यकारिणी परिषद में फैसला लिया गया कि एचपीयू में एमफिल और पीएचडी में दिव्यांग छात्रों के लिए एक सीट रिजर्व रखी जाएगी.

एचपीयू कार्यकारिणी परिषद के सदस्य और विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले पर विचार करने के लिए 23 नवंबर को उनकी मांग पर कार्यकारिणी परिषद ने एक समिति बनाई थी.

वीडियो

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एमफिल और पीएचडी में हर विभाग में दिव्यांग छात्रों को एक अतिरिक्त सीट दी जा सकती है. इसका किसी दूसरे आरक्षित वर्ग की सीटों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. अब विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद में ये फैसला लिया गया कि दिव्यांग छात्रों को एक सीट अतिरिक्त देने पर विभाग के किसी एक शिक्षक को भी उसके शोधार्थियों के कोटे में एक सीट अतिरिक्त दी जाएगी.

अभी तक जहां सामान्य कोर्सिज में दिव्यांग छात्रों को हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत पांच फीसदी आरक्षण मिल रहा था. इन विषयों में सीटों की संख्या 40 थी, लेकिन पीएचडी में मात्र 20 ही सीटें होती हैं. ऐसे में यहां दिव्यांग छात्रों को आरक्षण नहीं मिल पा रहा था, जिसका अब विकल्प एचपीयू ने निकाला है.

प्रो.अजय श्रीवास्तव ने कहा की एचपीयू इस फैसले को लागू करने वाला उत्तर भारत का पहला विश्वविद्यालय है. ऐतिहासिक फैसले को लागू करने के लिए उन्होंने एचपीयू कुलपति का आभार जताया है. प्रदेश के दिव्यांग छात्रों को अब एमफिल ओर पीएचडी में प्रवेश की राह आसान होगी, जिससे दिव्यांग छात्र उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे.

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद की बैठक में कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने सोमवार को दिव्यांग छात्रों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए विश्वविद्यालय में अतिरिक्त उपाय किए जाने की जानकारी दी.एचपीयू कार्यकारिणी परिषद में फैसला लिया गया कि एचपीयू में एमफिल और पीएचडी में दिव्यांग छात्रों के लिए एक सीट रिजर्व रखी जाएगी.

एचपीयू कार्यकारिणी परिषद के सदस्य और विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले पर विचार करने के लिए 23 नवंबर को उनकी मांग पर कार्यकारिणी परिषद ने एक समिति बनाई थी.

वीडियो

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एमफिल और पीएचडी में हर विभाग में दिव्यांग छात्रों को एक अतिरिक्त सीट दी जा सकती है. इसका किसी दूसरे आरक्षित वर्ग की सीटों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. अब विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद में ये फैसला लिया गया कि दिव्यांग छात्रों को एक सीट अतिरिक्त देने पर विभाग के किसी एक शिक्षक को भी उसके शोधार्थियों के कोटे में एक सीट अतिरिक्त दी जाएगी.

अभी तक जहां सामान्य कोर्सिज में दिव्यांग छात्रों को हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत पांच फीसदी आरक्षण मिल रहा था. इन विषयों में सीटों की संख्या 40 थी, लेकिन पीएचडी में मात्र 20 ही सीटें होती हैं. ऐसे में यहां दिव्यांग छात्रों को आरक्षण नहीं मिल पा रहा था, जिसका अब विकल्प एचपीयू ने निकाला है.

प्रो.अजय श्रीवास्तव ने कहा की एचपीयू इस फैसले को लागू करने वाला उत्तर भारत का पहला विश्वविद्यालय है. ऐतिहासिक फैसले को लागू करने के लिए उन्होंने एचपीयू कुलपति का आभार जताया है. प्रदेश के दिव्यांग छात्रों को अब एमफिल ओर पीएचडी में प्रवेश की राह आसान होगी, जिससे दिव्यांग छात्र उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे.

Intro:नोट: पैकेज व्रैप से चैक करें।

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के हर विषय में एमफिल और पीएचडी में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए 1 सीट आरक्षित रखी जाएगी. एचपीयू एमफिल और पीएचडी के हर विषय में एक अतिरिक्त सीट बढ़ाएगा जिस पर प्रवेश दिव्यांग छात्रों को ही दिया जाएगा. यह ऐतिहासिक फैसला हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद की बैठक में सोमवार को लिया गया. इस फैसले को लागू करने वाला हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय उत्तर भारत का पहला विश्वविद्यालय बन गया है. उत्तर भारत के किसी भी विश्वविद्यालय में ऐसा पहली बार किया गया है.


Body:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद की बैठक में कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने विकलांग वर्ग को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए विश्वविद्यालय में अतिरिक्त उपाय किए जाने की जानकारी दी.एचपीयू कार्यकारिणी परिषद में इसी के तहत यह फैसला लिया गया कि एचपीयू में एमफिल और पीएचडी में दिव्यांग छात्रों के लिए एक सीट रिजर्व रखी जाएगी. एचपीयू कार्यकारिणी परिषद के सदस्य और विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले पर विचार करने के लिए 23 नवंबर को उनकी मांग पर कार्यकारिणी परिषद ने एक समिति बनाई थी. इस समिति प्रो.अजय श्रीवास्तव के साथ प्रो. नागेश ठाकुर और प्रो. अरविंद कुमार भट्ट को शामिल किया गया था. वहीं इस समिति का अध्यक्ष कुलसचिव को बनाया गया था.


Conclusion:इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एमफिल और पीएचडी में हर विभाग में दिव्यांग विद्यार्थियों को एक अतिरिक्त सीट दी जा सकती है. इसका किसी दूसरे आरक्षित वर्ग की सीटों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. अब विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद में यह फैसला लिया गया कि दिव्यांग वर्ग के विद्यार्थियों को एक सीट अतिरिक्त देने पर विभाग के किसी एक शिक्षक को भी उसके शोधार्थियों के कोटे में 1 सीट अतिरिक्त दी जाएगी। अभी तक जहां सामान्य कोर्सिज में दिव्यांग छात्रों को हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत 5 फ़ीसदी आरक्षण मिल रहा था कियूंकि इन विषयों में सीटों की संख्या 40 थी.लेकिन पीएचडी में मात्र 20 ही सीटें होती है ऐसे में यहां दिव्यांग छात्रों को आरक्षण नहीं मिल पा रहा था जिसका अब यह विकल्प एचपीयू ने निकाला है. प्रो.अजय श्रीवास्तव ने कहा की एचपीयू इस फ़ैसले को लागू करने वाला उत्तरभारत का पहला विश्वविद्यालय है और इस ऐतिहासिक फ़ैसले को लागू करने के लिए उन्होंने एचपीयू कुलपति का भी आभार जताया है. इसके साथ ही एचपीयू डिसएबल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन की सहसंयोजक सविना जहां ने भी एचपीयू कुलपति का आभार जताते हुए कहा कि इस फ़ैसले से प्रदेश के दिव्यांग छात्रों को जो एमफिल ओर पीएचडी में प्रवेश की राह आसान होगी ओर वह उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.