शिमला: गंभीर बीमारियों और आर्थिक मुसीबत से परेशान जनता के लिए एक राहत भरी खबर है. साधनहीन जनता को सहारा देने वाले मुख्यमंत्री राहत कोष में मंगलवार को एकसाथ डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक का अंशदान मिला.
एचपी जनरल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन (जीआईसी) एचपी स्टेट इंडस्ट्रियल डवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचपीएसआईडीसी) सहित एचपी स्टेट इलेक्ट्रिीसिटी बोर्ड ने 1.51 करोड़ रुपए का अंशदान किया है. सभी ने 51-51 लाख रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए हैं. जीआईसी, औद्योगिक विकास निगम व बिजली बोर्ड के इस अंशदान से जरूरतमंद लोगों को सहारा मिलेगा.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री राहत कोष से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों व आर्थिक सहायता की जरूरत वाले लोगों की मदद की जाती है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस पुनीत कार्य के लिए तीनों संस्थाओं का आभार जताया है.
राजपत्रित अधिकारी संघ ने भी दिया 1.51 लाख का अंशदान
हिमाचल प्रदेश सचिवालय राजपत्रित अधिकारी संघ ने भी 1.51 लाख रुपए का चैक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए भेंट किया. संघ के अध्यक्ष कुलतार राणा, महासचिव डॉ. विजय ज्योति, संयुक्त सचिव मुनीष शर्मा, निशा कश्यप, कोषाध्यक्ष सरजीव मेहरा और कार्यकारी सदस्य अनीता सिंह ने अंशदान का चैक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेंट किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत कोष में आया अंशदान कई लोगों का सहारा बनता है. उन्होंने सभी से कोष में उदारतापूर्वक अंशदान का आग्रह भी किया. यहां बता दें कि जयराम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने पर दिसंबर 2017 में सबसे पहला अंशदान 11 लाख रुपए का आया था. ये अंशदान साईं इंजीनियरिंग फाउंडेशन शिमला ने दिया था. सबसे बड़ी रकम 5.43 करोड़ रुपए लार्सन एंड टुब्रो कंपनी ने अंशदान के तौर पर दी थी.