मंडी: उतराखंड में हुए सिलक्यारा टनल हादसा में 41 श्रमिक पिछले 13 दिनों से अंदर फंसे हुए. ऐसे में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सभी निर्माणाधीन टनलों की सुरक्षा जांचने के सख्त निर्देश जारी किए हैं. इन निर्देशों का पालन करते हुए एनएचएआई ने मंडी में भी सभी निर्माणाधीन टनलों की सुरक्षा जांचने का कार्य शुरू कर दिया है. अगले 10 दिनों में टनलों की सुरक्षा की सारी रिपोर्ट बनाकर मंत्रालय को सौंप दी जाएगी.
बता दें कि मंडी जिला में इस वक्त 7 टनलें निर्माणाधीन हैं. यहां पर सैंकड़ों मजदूर कार्यरत हैं और दिन रात यह कार्य प्रगति पर है. इनमें 4 टनलें मंडी बाइपास प्रोजेक्ट की हैं. जबकि 3 टनलें पंडोह बाइपास टकोली प्रोजेक्ट की हैं. इन सभी टनलों में निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा को लेकर क्या-क्या कार्य किया जा रहा है? इन सभी विषयों पर रिपोर्ट मांगी गई है. ऐसी जानकारी भी सामने आई है कि निर्माणाधीन टनलों में की सुरक्षा जांचने के लिए एनएचएआई और डीएमआरसी यानी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की टीम संयुक्त रूप से यहां आकर जांच कर सकती है.
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरूण चारी ने बताया कि "निर्माणाधीन टनलों में सुरक्षा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रखी गई है. सुरक्षा की जांच करना रूटीन का कार्य है और यह समय-समय पर होती रहती है. एनएचएआई ने सारी रिपोर्ट मांगी है, जिसपर कार्य शुरू कर दिया गया है. अगले 10 दिनों के अंदर यह रिपोर्ट बनाकर एनएचएआई को भेज दी जाएगी."
मंडी जिला की अगर बात करें तो यहां पर निर्माणाधीन टनलों में अभी तक कोई भी बड़ा हादसा नहीं हुआ है. बिलासपुर जिला में निर्माण के दौरान टनल धंसने से कुछ मजूदर जरूर फंसे थे, लेकिन मंडी जिला में अभी तक ऐसी कोई भी घटना सामने नहीं आई है.
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