करसोग: जिला मंडी के करसोग में किसानों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया. जिसमें किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी गई.
विकासखंड में कृषि विभाग की ओर से ग्राम पंचायत भंथल के लठेहरी में आयोजित किए गए इस शिविर में किसानों को कम लागत में प्राकृतिक तकनीक से अच्छी पैदावार लेने के बारे में बताया गया. कृषि विभाग की सहायक तकनीकी प्रबन्धक सोनाली महाजन व मास्टर ट्रेनर तेजराम शर्मा ने किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के टिप्स दिए.
इस दौरान किसानों को घर पर ही उपलब्ध संसाधनों से बीजामृत, जीवामृत , घन जीवामृत व कीटनाशक तैयार करने की विधि बताई गई. रासायनिक खेती की तुलना में ये तकनीक बहुत बेहतर है. सुभाष पालेकर प्राकृतिक तकनीक से किसान बहुत कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
स्वास्थ्य की दृष्टि से भी ये तकनीक काफी फायदेमंद है. इसको देखते हुए किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया, ताकि करसोग को रासायनिक खेती से मुक्त किया जा सके. इसके अतिरिक्त किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती में सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी के बारे में भी जानकारी दी गई. दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए किसानों को मुफ्त में भी बीज भी बांटे गए.
बता दें कि करसोग में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने लिए विभिन्न गांव में कृषि विभाग शिविर आयोजित कर रहा है. जिसमें किसानों को प्राकृतिक खेती के लाभों के बारे में जानकारी दी जा रही है. इसी का नतीजा है कि आज करसोग में 2 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि में सुभाष पालेकर प्राकृतिक तकनीक से खेती की जा रही है.
कृषि विभाग की सहायक तकनीकी प्रबन्धक सोनाली महाजन ने बताया कि ग्राम पंचायत भंथल के लठेहरी गांव के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि किसानों को सब्सिडी के बारे में बताया गया.