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कोरोना पर आस्था भारी! देव मतलोड़ा के वार्षिक उत्सव देव कांढा में पहुंचे हजारों श्रद्धालु

कोरोना काल में मंडी व कुल्लू की सराज घाटी के सबसे बड़े क्षेत्र में पूजे जाने वाले बड़ा देओ के इस वार्षिक कार्यक्रम में हालांकि बहुत कम लोगों के आने के क्यास लगाए जा रहे थे, लेकिन इस वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर भीड़ के अब तक के पुराने रिकार्ड ध्वस्त कर दिए. सराज घाटी के देव कांढा में बुधवार को हजारों लोगों की भीड़ ने अपने इष्ट देवता देव श्री मतलोड़ा के दरबार में हाजरी भारी.

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Published : Nov 5, 2020, 3:31 PM IST

सराज/मंडी: जिला मंडी की सराज घाटी के देव कांढा में बुधवार को हजारों लोगों की भीड़ ने अपने इष्ट देवता देव श्री मतलोड़ा के दरबार में हाजरी भारी. कोरोना काल में मंडी व कुल्लू की सराज घाटी के सबसे बड़े क्षेत्र में पूजे जाने वाले बड़ा देओ के इस वार्षिक कार्यक्रम में हालांकि बहुत कम लोगों के आने के क्यास लगाए जा रहे थे, लेकिन इस वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर भीड़ के अब तक के पुराने रिकार्ड ध्वस्त कर दिए.

बड़ा देओ मतलोड़ा के हारियान हेमराज ने बताया कि इस बार देवता की कार्तिक पूजा के इस समागम में हजारों लोगों ने शिरकत की और देवता का आशीर्वाद लिया. देवता का यह वार्षिक होम सामूहिक मुंडन संस्कारों के लिए याद किया जाता है.

वीडियो.

मान्यता है कि इस स्थान पर बच्चों के मुंडन संस्कार करवाने से बालकों को देवता का तत्काल आशीर्वाद मिलता है. इसे सराज घाटी के देव कांढा नामक स्थान पर, जिसकी ऊंचाई 10 हजार फुट के आसपास है पर प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है.

कौन हैं देव मतलोड़ा

देव श्री मतलोड़ा को सराज घाटी में बड़ा देओ के नाम से जाना जाता है. देवता की मुख्य कोठी चोहठ नामक स्थान पर है. प्रजा के नाम पर इस देवता को आधे से ज्यादा सराज में कुलिष्ट का दर्जा प्राप्त है. देवता को प्राचीन काल से ही मंडी एवं कुल्लू सराज में धुर प्राप्त है. देव धामियों ने बताया कि देव इतिहास में बड़ा देओ के धुर, मतलब दाईं ओर कोई अन्य देवता अभी तक नहीं बैठा है.

पढ़ें: असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने की तैयारी, मंडी में पुलिस ने लगाए 20 CCTV कैमरे

सराज/मंडी: जिला मंडी की सराज घाटी के देव कांढा में बुधवार को हजारों लोगों की भीड़ ने अपने इष्ट देवता देव श्री मतलोड़ा के दरबार में हाजरी भारी. कोरोना काल में मंडी व कुल्लू की सराज घाटी के सबसे बड़े क्षेत्र में पूजे जाने वाले बड़ा देओ के इस वार्षिक कार्यक्रम में हालांकि बहुत कम लोगों के आने के क्यास लगाए जा रहे थे, लेकिन इस वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर भीड़ के अब तक के पुराने रिकार्ड ध्वस्त कर दिए.

बड़ा देओ मतलोड़ा के हारियान हेमराज ने बताया कि इस बार देवता की कार्तिक पूजा के इस समागम में हजारों लोगों ने शिरकत की और देवता का आशीर्वाद लिया. देवता का यह वार्षिक होम सामूहिक मुंडन संस्कारों के लिए याद किया जाता है.

वीडियो.

मान्यता है कि इस स्थान पर बच्चों के मुंडन संस्कार करवाने से बालकों को देवता का तत्काल आशीर्वाद मिलता है. इसे सराज घाटी के देव कांढा नामक स्थान पर, जिसकी ऊंचाई 10 हजार फुट के आसपास है पर प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है.

कौन हैं देव मतलोड़ा

देव श्री मतलोड़ा को सराज घाटी में बड़ा देओ के नाम से जाना जाता है. देवता की मुख्य कोठी चोहठ नामक स्थान पर है. प्रजा के नाम पर इस देवता को आधे से ज्यादा सराज में कुलिष्ट का दर्जा प्राप्त है. देवता को प्राचीन काल से ही मंडी एवं कुल्लू सराज में धुर प्राप्त है. देव धामियों ने बताया कि देव इतिहास में बड़ा देओ के धुर, मतलब दाईं ओर कोई अन्य देवता अभी तक नहीं बैठा है.

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