मंडी: जिला मंडी में भाषा अध्यापकों ने पदनाम बदले जाने को लेकर स्थानीय विधायक हीरा को ज्ञापन सौंपा. इसमें शास्त्री अध्यपकों को टीजीटी शास्त्री और टीजीटी हिंदी पदनाम दिए जाने की मांग की है. भाषा अध्यपकों ने विधायक से विधानसभा के बजट सत्र के दौरान इस विषय को उठाए जाने का आग्रह किया है. ताकि अन्य राज्यों की तरह हिमाचल में भी इस व्यवस्था को लागू किया जा सके. ये ज्ञापन हिमाचल प्रदेश राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद खंड करसोग की ओर से उपाध्यक्ष मंडी कुल्लू क्षेत्र भावेंद्र गौतम, महासचिव मंडी बलवंत शर्मा और राज्य प्रवक्ता शांता कुमार की अगुवाई में सौंपा गया.
अध्यापकों ने पदनाम बदले जाने को लेकर विधायक को दिया ज्ञापन
भाषा अध्यपकों का कहना है कि हिमाचल में शास्त्री एवं भाषा अध्यापकों की नियुक्ति भर्ती एवम पदोन्नति नियमों (आरटीई,2009) के तहत शास्त्री एवं भाषा अध्यापकों को टीजीटी का पदनाम दिया गया है. ये व्यवस्था अन्य राज्यों में लागू है, लेकिन हिमाचल में इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है. इस कारण भाषा अध्यापक जिस पद पर नियुक्त होते हैं, उसी पद से सेवानिवृत्त भी हो रहे हैं. इसे कारण भाषा अध्यापकों को पूरे सेवा काल में न तो पदोन्नति का अवसर प्राप्त होता है और न ही उन्हें अर्जित अतिरिक्त व्यावसायिक एवं दूसरी तरह की उपाधियों की उपयोगिता का लाभ मिल पाता है.
विधायक ने विधानसभा में मामला उठाने का दिया आश्वासन
हिमाचल प्रदेश राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद खंड करसोग का कहना है कि विधायक ने मांग को उचित मानते हुए इस मामले को विधानसभा में रखने का आश्वासन दिया है. वहीं, राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद खंड करसोग की ओर से उपाध्यक्ष मंडी कुल्लू क्षेत्र भावेंद्र गौतम ने बताया कि भाषा अध्यापकों का पदनाम बदलने के लिए स्थानीय विधायक हीरालाल को ज्ञापन सौंपा गया. इसमें विधायक से इस मांग को विधानसभा में उठाए जाने का आग्रह किया गया है.
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