मंडी: जिला मंडी टैक्सी एकता संगठन ने प्रदेश सरकार से तुरंत प्रभाव से प्रदेश में टैक्सी सेवाएं बहाल करने मांग की है, ताकि पिछले कई दिनों से टैक्सी सेवाएं बंद करने से प्रभावित प्रदेश के 40 हजार लोगों को राहत मिल सके.
टैक्सी एकता संगठन के प्रधान महेंद्र गुलेरिया ने बताया कि अकेले मंडी जिले में ही 2000 लोग टैक्सी के कारोबार से जुड़े हैं. अब ये घर में बेकार बैठे हैं, टैक्सियां खड़ी हैं. बैंकों से लोन लेकर व भारी भरकम टैक्स भर कर उन्होंने यह स्वरोजगार अपनाया है, मगर अब उन्हें अपने परिवारों का गुजारा करना मुश्किल हो गया है.
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'निजी वाहनों को चलाने की इजाजत पर टैक्सियां बंद'
संगठन के प्रधान महेंद्र गुलेरिया ने बताया कि एक तरफ तो निजी वाहनों को चलाने की इजाजत दे रखी है, जबकि टैक्सियां बंद कर दी गई हैं और कई निजी वाहन मालिक इस आड़ में सवारियां ढो रहे हैं. उन्होंने बताया कि टैक्सी ऑपरेटर यूनियनें 9 मई से लगातार परिवहन विभाग, उपायुक्त व मुख्यमंत्री से गुहार लगाते आ रहे हैं, उनसे पत्राचार कर रहे हैं कि उनकी समस्या को समझा जाए व इसे हल किया जाए.
इस पत्राचार का कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है. ई-मेल से भी सरकार व विभाग को ज्ञापन भेजा है मगर इस पर भी कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है. टैक्सी एकता संगठन ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जिस तरह से निजी वाहनों को चलाने की इजाजत कोरोना कर्फ्यू के दौरान दी गई है उसी तरह से टैक्सियों को भी दी जाए.
काम करने की अनुमति दी जाए
संगठन का कहना है कि टैक्सी ऑपरेटर पूरे मापदंडों का पालन करके टैक्सियां चलाएंगे. उन्हें काम करने की अनुमति दी जाए, ताकि टैक्सी ऑपरेटर भी अपने परिवार के लिए दो रोटी का जुगाड़ कर सकें.
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