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Pandoh Bridge: पंडोह में बनकर तैयार हुआ झूला पुल, 90 किलो का भार उठाने की है क्षमता

हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के पंडोह में झूला पुल का निर्माण काम पूरा कर लिया गया है. यह पुल 1 महीने में बनकर तैयार हुआ है. इस झूला पुल की 90 किलो भार उठाने की क्षमता है. पढ़ें पूरी खबर... (Pandoh Bridge).

Suspension bridge completed in Pandoh
पंडोह में बनकर तैयार हुआ झूला पुल
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 18, 2023, 4:48 PM IST

मंडी: पंडोह बाजार में स्थित 100 साल पुराने लाल पुल के टूट जाने के बाद उसके समानांतर बनाए जा रहे झूला पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. अब इस झूला पुल को आवागमन के लिए सुचारू कर दिया गया है. 6 लाख की लागत से एक महीने में बनकर तैयार हुआ यह झूला पुल द्रंग और मंडी सदर विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ने का कार्य करेगा.

झूला पुल की 90 किलो भार उठाने की क्षमता है. इस पर लोग भी सवार होकर ब्यास नदी का पार कर पाएंगे, लेकिन लोगों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि 90 किलो से अधिक का भार इसपर न लादा जाए. हालांकि विभाग ने इस पुल को तैयार तो कर दिया है, लेकिन जहां पर उतरने और चढ़ने के स्थान बनाए गए हैं वहां पर रेलिंग नहीं है. जिस कारण झूला पुल पर सवार होने वालों को गिरने का खतरा सता सकता है. लोगों ने रेलिंग लगाने की मांग उठाई है.

लोक निर्माण विभाग थलौट डिविजन के अधिशाषी अभियंता विनोद राणा ने बताया कि पुल को सुचारू कर दिया गया है. यह पुल ब्यास नदी पर बने अन्य झूला पुल की तरह ही है, लेकिन लोगों को इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि इस पर ज्यादा वजन न डालें. यदि कुछ कमियां रह गई हैं तो उन्हें भी जल्द ही दूर कर दिया जाएगा.

पंडोह वासी पक्के और बड़े पुल के इंतजार में: वहीं, पंडोह और इलाका बदार के लोग बड़े और पक्के पुल के इंतजार में हैं. पुल टूटने के कारण पंडोह बाजार की आर्थिकी गड़बड़ा गई है और इलाका बदार की करीब एक दर्जन पंचायतों को पंडोह तक पहुंचने के लिए पांच किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है. इन्होंने सरकार से पंडोह में बनने वाले पुल के लिए जल्द से जल्द धनराशि जारी करने और इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग उठाई है.

ये भी पढ़ें- Himachal Monsoon Session 2023: काम रोको प्रस्ताव की अनुमति न मिलने के कारण विपक्ष ने किया सदन से वॉकआउट

मंडी: पंडोह बाजार में स्थित 100 साल पुराने लाल पुल के टूट जाने के बाद उसके समानांतर बनाए जा रहे झूला पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. अब इस झूला पुल को आवागमन के लिए सुचारू कर दिया गया है. 6 लाख की लागत से एक महीने में बनकर तैयार हुआ यह झूला पुल द्रंग और मंडी सदर विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ने का कार्य करेगा.

झूला पुल की 90 किलो भार उठाने की क्षमता है. इस पर लोग भी सवार होकर ब्यास नदी का पार कर पाएंगे, लेकिन लोगों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि 90 किलो से अधिक का भार इसपर न लादा जाए. हालांकि विभाग ने इस पुल को तैयार तो कर दिया है, लेकिन जहां पर उतरने और चढ़ने के स्थान बनाए गए हैं वहां पर रेलिंग नहीं है. जिस कारण झूला पुल पर सवार होने वालों को गिरने का खतरा सता सकता है. लोगों ने रेलिंग लगाने की मांग उठाई है.

लोक निर्माण विभाग थलौट डिविजन के अधिशाषी अभियंता विनोद राणा ने बताया कि पुल को सुचारू कर दिया गया है. यह पुल ब्यास नदी पर बने अन्य झूला पुल की तरह ही है, लेकिन लोगों को इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि इस पर ज्यादा वजन न डालें. यदि कुछ कमियां रह गई हैं तो उन्हें भी जल्द ही दूर कर दिया जाएगा.

पंडोह वासी पक्के और बड़े पुल के इंतजार में: वहीं, पंडोह और इलाका बदार के लोग बड़े और पक्के पुल के इंतजार में हैं. पुल टूटने के कारण पंडोह बाजार की आर्थिकी गड़बड़ा गई है और इलाका बदार की करीब एक दर्जन पंचायतों को पंडोह तक पहुंचने के लिए पांच किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है. इन्होंने सरकार से पंडोह में बनने वाले पुल के लिए जल्द से जल्द धनराशि जारी करने और इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग उठाई है.

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