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Sundernagar Assembly Seat: प्रत्याशियों की बढ़ी टेंशन, अभिषेक ठाकुर ने त्रिकोणीय बनाया मुकाबला

2012 के बाद 2022 में सुंदरनगर विधासभा सीट से त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. बीजेपी प्रत्याशी राकेश जम्वाल और कांग्रेस उम्मीदवार सोहन लाल ठाकुर को निर्दलीय प्रत्याशी अभिषेक ठाकुर कड़ी टक्कर दे रहे हैं. सुंदरनगर सीट पर 6 बार जीत का झंडा फहराने वाले रूप सिंह के अभिषेक बेटे हैं. जानें सीट का इतिहास..

Sundernagar assembly seat
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Published : Nov 30, 2022, 4:20 PM IST

Updated : Nov 30, 2022, 4:44 PM IST

सुंदरनगर/मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की सुंदरनगर विधानसभा सीट संख्या 27 है. यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है. सुंदरनगर विधानसभा सीट पर 2017 में भाजपा के राकेश जम्वाल ने जीत दर्ज की थी, जबकि 2012 में यहां कांग्रेस ने कब्जा जमाया था. सुंदरनगर विधानसभा सीट पर लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी पार्टी ने राज किया है. (Sundernagar Assembly Seat ) ( Congress Candidate Sohan Lal thakur) ( BJP Candidate Rakesh Kumar Jamwal) (Independent Candidate Abhishek Thakur)

सुंदरनगर सीट पर वोटिंग: 2022 के विधानसभा चुनावों में मंडी जिले में 75.31% मतदान हुआ. सुंदरनगर विधानसभा में 83 हजार 13 में से 64 हजार 162 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. मतदाताओं की संख्या की बात करें तो कुल 31623 पुरुष और 32956 महिला मतदाता शामिल हैं. सुंदरनगर में 77.80% मतदान दर्ज किया गया. ( himachal pradesh elections result 2022 )

Sundernagar Assembly Seat
सुंदरनगर सीट का इतिहास

पिछले चुनावों के नतीजे : 2017 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राकेश जम्वाल ने जीत दर्ज की थी, उन्हें 32545 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सोहनलाल को 23282 मत मिले थे. इस तरह भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राकेश जम्वाल ने 9263 मत के अंतर से जीत हासिल की थी. इससे पहले 2012 में कांग्रेस के प्रत्याशी सोहनलाल ने जीत दर्ज की थी. 2007 में यहां से भाजपा के प्रत्याशी रूप सिंह ने जीत दर्ज की थी. 2003 में कांग्रेस प्रत्याशी सोहनलाल ठाकुर जीते थे.

छह बार जीत दर्ज कर चुके हैं रूप सिंह ठाकुर: सुंदरनगर विधानसभा सीट पर भाजपा नेता रूप सिंह ठाकुर 6 बार विधायक रह चुके हैं. 1972 के विधानसभा चुनावों में यहां से गंगा सिंह ने जीत दर्ज की थी. 1977 में रूप सिंह ने जनता पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की और हिमाचल प्रदेश के सबसे युवा मंत्री भी बने. दूसरी बार 1982 में विधायक का चुनाव जीते, इसके बाद 1985 में विधायक चुने गए, फिर 1990 में रूप सिंह चौथी बार विधायक बने. 1998 में रूप सिंह पांचवीं बार और 2007 में छठी बार विधायक चुने गए.

2012 में हुआ था त्रिकोणीय मुकाबला: वर्ष 2012 में रूप सिंह ठाकुर को भारतीय जनता पार्टी की ओर से टिकट नहीं मिलने पर निराशा हाथ लगी और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया. वर्ष 2012 में सुंदरनगर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हुआ. जिसमें कांग्रेस के सोहन लाल ठाकुर को 24258 मत, निर्दलीय रूप सिंह ठाकुर को 15268 और भाजपा की ओर से चुनाव लड़ रहे राकेश जम्वाल को 11500 मत हासिल हुए.

जब राकेश जम्वाल को मिला था रूप सिंह का साथः 2017 में राकेश जम्वाल ने सुंदरनगर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव लड़ा. 2017 के विधानसभा चुनावों में रूप सिंह ठाकुर ने राकेश जम्वाल का साथ दिया और 100 से अधिक जनसभाओं में उनके लिए वोट मांगे मांगे थे. जिसके दम पर राकेश जम्वाल विधानसभा पहुंचने में कामयाब हुए. राकेश जम्वाल ने 9263 मतों से जीत हासिल की थी. इस चुनाव में सोहनलाल ठाकुर को हार का मुंह देखना पड़ा. इसके उपरांत रूप सिंह ठाकुर को भारतीय जनता पार्टी और सरकार में कोई भी पद ना मिलने और किसी कार्यक्रम व जनसभा में न्योता न देने पर रूप सिंह ठाकुर के समर्थक काफी नाराज दिखे. नाराजगी से खफा होकर रूप सिंह ठाकुर के बेटे अभिषेक ठाकुर पिछले 5 वर्षों से लगातार जनता के बीच डटे रहे और 2022 के विधानसभा चुनावों में निर्दलीय चुनावी मैदान में कूद गए.

इस बार भी त्रिकोणीय मुकाबलाः अभिषेक ठाकुर के चुनावी समर में कूदने के उपरांत सुंदरनगर में एक बार फिर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला. यहां पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से राकेश जम्वाल चुनावी मैदान में हैं. वहीं दूसरी ओर सोहन लाल ठाकुर कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं. रूप सिंह ठाकुर के पुत्र अभिषेक ठाकुर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में हैं.

सुंदरनगर से 9 प्रत्याशी चुनावी मैदान मेंः सुन्दरनगर विधानसभा से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवार सोहन लाल, भाजपा से राकेश जम्वाल, आम आदमी की प्रत्याशी पूजा वर्मा, बहुजन समाज पार्टी के नारायण सिंह, राष्ट्रीय देव भूमि पार्टी के उम्मीदवार रणविजय सिंह, आजाद प्रत्याशियों में हेत राम, टेक चंद, अभिषेक ठाकुर व ठाकुर सिंह सहित 9 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.

संपत्ति का ब्योराः भाजपा प्रत्याशी राकेश जम्वाल के पास 1 करोड़ 79 लाख 66 हजार 689 की चल व 2 करोड़ 12 लाख 77 हजार 500 की अचल संपत्ति है. कांग्रेस प्रत्याशी सोहन लाल के पास 95 लाख 51 हजार 796 की चल व 20 करोड़ 80 लाख की अचल संपत्ति है. पूर्व मंत्री रूप सिंह के पुत्र वह आजाद प्रत्याशी अभिषेक ठाकुर के पास 4 करोड़ 10 लाख 9 हजार 199 की चल व 3 करोड 52 लाख 91 हजार 844 की अचल संपत्ति है.

क्षेत्र की समस्याएंः सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए तो यह क्षेत्र सबसे पुरानी रियासतों में शुमार है. यहां नलवाड व सुकेत देवता मेला दो राज्य स्तरीय मेले होते हैं. सुंदरनगर में होने वाला सुकेत देवता मेला आज भी उपेक्षा का शिकार है. सुकेत के प्राचीन देवता यात्रा भत्ता ना मिलने के कारण मेले में नहीं पहुंचते हैं. विधायक राकेश जम्वाल ने यहां पर देव सदन बनाने की घोषणा की थी. लेकिन आज दिन तक देव सदन के लिए एक ईंट भी नहीं लग पाई. सरकारी स्कूलों की हालत दयनीय बनी हुई है. निहरी कॉलेज स्टाफ की कमी से जूझ रहा है.

सुंदरनगर में भी फोरलेन प्रभावित 4 गुना उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं. 2022 के विधानसभा चुनावों में जनता द्वारा यह मुद्दे भी उठाए गए. वहीं महंगाई व बेरोजगारी भी इन चुनावों में जनता का मुद्दा रहा. बरहाल 12 नवंबर को हुए मतदान के बाद 8 दिसंबर को ईवीएम में बंद मतों की गणना की जाएगी. जनता किसे अपना आशीर्वाद देती है चुनावी परिणाम सामने के बाद पता चलेगा.

पढ़ें- Jawali Assembly Seat: इस सीट पर हर 5 साल में बदलते हैं विधायक, जवाली का किला कौन करेगा फतह?

सुंदरनगर/मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की सुंदरनगर विधानसभा सीट संख्या 27 है. यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है. सुंदरनगर विधानसभा सीट पर 2017 में भाजपा के राकेश जम्वाल ने जीत दर्ज की थी, जबकि 2012 में यहां कांग्रेस ने कब्जा जमाया था. सुंदरनगर विधानसभा सीट पर लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी पार्टी ने राज किया है. (Sundernagar Assembly Seat ) ( Congress Candidate Sohan Lal thakur) ( BJP Candidate Rakesh Kumar Jamwal) (Independent Candidate Abhishek Thakur)

सुंदरनगर सीट पर वोटिंग: 2022 के विधानसभा चुनावों में मंडी जिले में 75.31% मतदान हुआ. सुंदरनगर विधानसभा में 83 हजार 13 में से 64 हजार 162 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. मतदाताओं की संख्या की बात करें तो कुल 31623 पुरुष और 32956 महिला मतदाता शामिल हैं. सुंदरनगर में 77.80% मतदान दर्ज किया गया. ( himachal pradesh elections result 2022 )

Sundernagar Assembly Seat
सुंदरनगर सीट का इतिहास

पिछले चुनावों के नतीजे : 2017 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राकेश जम्वाल ने जीत दर्ज की थी, उन्हें 32545 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सोहनलाल को 23282 मत मिले थे. इस तरह भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राकेश जम्वाल ने 9263 मत के अंतर से जीत हासिल की थी. इससे पहले 2012 में कांग्रेस के प्रत्याशी सोहनलाल ने जीत दर्ज की थी. 2007 में यहां से भाजपा के प्रत्याशी रूप सिंह ने जीत दर्ज की थी. 2003 में कांग्रेस प्रत्याशी सोहनलाल ठाकुर जीते थे.

छह बार जीत दर्ज कर चुके हैं रूप सिंह ठाकुर: सुंदरनगर विधानसभा सीट पर भाजपा नेता रूप सिंह ठाकुर 6 बार विधायक रह चुके हैं. 1972 के विधानसभा चुनावों में यहां से गंगा सिंह ने जीत दर्ज की थी. 1977 में रूप सिंह ने जनता पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की और हिमाचल प्रदेश के सबसे युवा मंत्री भी बने. दूसरी बार 1982 में विधायक का चुनाव जीते, इसके बाद 1985 में विधायक चुने गए, फिर 1990 में रूप सिंह चौथी बार विधायक बने. 1998 में रूप सिंह पांचवीं बार और 2007 में छठी बार विधायक चुने गए.

2012 में हुआ था त्रिकोणीय मुकाबला: वर्ष 2012 में रूप सिंह ठाकुर को भारतीय जनता पार्टी की ओर से टिकट नहीं मिलने पर निराशा हाथ लगी और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया. वर्ष 2012 में सुंदरनगर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हुआ. जिसमें कांग्रेस के सोहन लाल ठाकुर को 24258 मत, निर्दलीय रूप सिंह ठाकुर को 15268 और भाजपा की ओर से चुनाव लड़ रहे राकेश जम्वाल को 11500 मत हासिल हुए.

जब राकेश जम्वाल को मिला था रूप सिंह का साथः 2017 में राकेश जम्वाल ने सुंदरनगर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव लड़ा. 2017 के विधानसभा चुनावों में रूप सिंह ठाकुर ने राकेश जम्वाल का साथ दिया और 100 से अधिक जनसभाओं में उनके लिए वोट मांगे मांगे थे. जिसके दम पर राकेश जम्वाल विधानसभा पहुंचने में कामयाब हुए. राकेश जम्वाल ने 9263 मतों से जीत हासिल की थी. इस चुनाव में सोहनलाल ठाकुर को हार का मुंह देखना पड़ा. इसके उपरांत रूप सिंह ठाकुर को भारतीय जनता पार्टी और सरकार में कोई भी पद ना मिलने और किसी कार्यक्रम व जनसभा में न्योता न देने पर रूप सिंह ठाकुर के समर्थक काफी नाराज दिखे. नाराजगी से खफा होकर रूप सिंह ठाकुर के बेटे अभिषेक ठाकुर पिछले 5 वर्षों से लगातार जनता के बीच डटे रहे और 2022 के विधानसभा चुनावों में निर्दलीय चुनावी मैदान में कूद गए.

इस बार भी त्रिकोणीय मुकाबलाः अभिषेक ठाकुर के चुनावी समर में कूदने के उपरांत सुंदरनगर में एक बार फिर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला. यहां पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से राकेश जम्वाल चुनावी मैदान में हैं. वहीं दूसरी ओर सोहन लाल ठाकुर कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं. रूप सिंह ठाकुर के पुत्र अभिषेक ठाकुर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में हैं.

सुंदरनगर से 9 प्रत्याशी चुनावी मैदान मेंः सुन्दरनगर विधानसभा से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवार सोहन लाल, भाजपा से राकेश जम्वाल, आम आदमी की प्रत्याशी पूजा वर्मा, बहुजन समाज पार्टी के नारायण सिंह, राष्ट्रीय देव भूमि पार्टी के उम्मीदवार रणविजय सिंह, आजाद प्रत्याशियों में हेत राम, टेक चंद, अभिषेक ठाकुर व ठाकुर सिंह सहित 9 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.

संपत्ति का ब्योराः भाजपा प्रत्याशी राकेश जम्वाल के पास 1 करोड़ 79 लाख 66 हजार 689 की चल व 2 करोड़ 12 लाख 77 हजार 500 की अचल संपत्ति है. कांग्रेस प्रत्याशी सोहन लाल के पास 95 लाख 51 हजार 796 की चल व 20 करोड़ 80 लाख की अचल संपत्ति है. पूर्व मंत्री रूप सिंह के पुत्र वह आजाद प्रत्याशी अभिषेक ठाकुर के पास 4 करोड़ 10 लाख 9 हजार 199 की चल व 3 करोड 52 लाख 91 हजार 844 की अचल संपत्ति है.

क्षेत्र की समस्याएंः सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए तो यह क्षेत्र सबसे पुरानी रियासतों में शुमार है. यहां नलवाड व सुकेत देवता मेला दो राज्य स्तरीय मेले होते हैं. सुंदरनगर में होने वाला सुकेत देवता मेला आज भी उपेक्षा का शिकार है. सुकेत के प्राचीन देवता यात्रा भत्ता ना मिलने के कारण मेले में नहीं पहुंचते हैं. विधायक राकेश जम्वाल ने यहां पर देव सदन बनाने की घोषणा की थी. लेकिन आज दिन तक देव सदन के लिए एक ईंट भी नहीं लग पाई. सरकारी स्कूलों की हालत दयनीय बनी हुई है. निहरी कॉलेज स्टाफ की कमी से जूझ रहा है.

सुंदरनगर में भी फोरलेन प्रभावित 4 गुना उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं. 2022 के विधानसभा चुनावों में जनता द्वारा यह मुद्दे भी उठाए गए. वहीं महंगाई व बेरोजगारी भी इन चुनावों में जनता का मुद्दा रहा. बरहाल 12 नवंबर को हुए मतदान के बाद 8 दिसंबर को ईवीएम में बंद मतों की गणना की जाएगी. जनता किसे अपना आशीर्वाद देती है चुनावी परिणाम सामने के बाद पता चलेगा.

पढ़ें- Jawali Assembly Seat: इस सीट पर हर 5 साल में बदलते हैं विधायक, जवाली का किला कौन करेगा फतह?

Last Updated : Nov 30, 2022, 4:44 PM IST
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