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बारिश और बर्फबारी का दौर जारी, छोटी काशी मंडी में भी गिरा पारा

बर्फबारी और बारिश से मंडी में एक बार फिर से पारा लुढ़क गया है. किसानों ने राहत की सांस ली है. जिले की बल्हघाटी समेत अन्य जगहों पर टमाटर, बैंगन, खीरा, शिमला मिर्च की पौध तैयार की जा रही है. फसल को बारिश होने के बाद संजीवनी मिल गई है. वहीं यह बारिश और बर्फबारी सेब की फसल के लिए भी अच्छी मानी जा रही है.

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Published : Apr 21, 2021, 10:10 PM IST

मंडी: पिछले 2 दिनों से ऊपरी इलाकों में जारी बर्फबारी और मैदानी इलाकों में झमाझम बारिश से मौसम ठंडा हो गया है. बुधवार दिन भर भी बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रहा. बारिश के बीच निचले इलाकों में ओलावृष्टि भी देखने को मिली.

मौसम बदलने से तापमान में गिरावट

बर्फबारी और बारिश से मंडी में एक बार फिर से पारा लुढ़क गया है. किसानों ने राहत की सांस ली है. जिले की बल्हघाटी समेत अन्य जगहों पर टमाटर, बैंगन, खीरा, शिमला मिर्च की पौध तैयार की जा रही है. फसल को बारिश होने के बाद संजीवनी मिल गई है. वहीं यह बारिश और बर्फबारी सेब की फसल के लिए भी अच्छी मानी जा रही है.

24 अप्रैल से मौसम साफ होने की संभावना

प्रदेश में इस बार बारिश कम ही हुई है जिससे अधिकतर किसानों की गेहूं की फसल बर्बाद हो गई थी. हालांकि बारिश होने से जहां किसानों और बागवानों को राहत मिली है वहीं ओलावृष्टि से किसानों और बागवानी के लिए दिक्कत भी पैदा हो सकती है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 23 अप्रैल तक मौसम खराब रहेगा, 24 अप्रैल से धूप खिलने की संभावना है.

ये भी पढ़ें: कर्मचारी को ईमानदारी का मिला तोहफा, संस्थान के निदेशक ने कार की भेंट

मंडी: पिछले 2 दिनों से ऊपरी इलाकों में जारी बर्फबारी और मैदानी इलाकों में झमाझम बारिश से मौसम ठंडा हो गया है. बुधवार दिन भर भी बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रहा. बारिश के बीच निचले इलाकों में ओलावृष्टि भी देखने को मिली.

मौसम बदलने से तापमान में गिरावट

बर्फबारी और बारिश से मंडी में एक बार फिर से पारा लुढ़क गया है. किसानों ने राहत की सांस ली है. जिले की बल्हघाटी समेत अन्य जगहों पर टमाटर, बैंगन, खीरा, शिमला मिर्च की पौध तैयार की जा रही है. फसल को बारिश होने के बाद संजीवनी मिल गई है. वहीं यह बारिश और बर्फबारी सेब की फसल के लिए भी अच्छी मानी जा रही है.

24 अप्रैल से मौसम साफ होने की संभावना

प्रदेश में इस बार बारिश कम ही हुई है जिससे अधिकतर किसानों की गेहूं की फसल बर्बाद हो गई थी. हालांकि बारिश होने से जहां किसानों और बागवानों को राहत मिली है वहीं ओलावृष्टि से किसानों और बागवानी के लिए दिक्कत भी पैदा हो सकती है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 23 अप्रैल तक मौसम खराब रहेगा, 24 अप्रैल से धूप खिलने की संभावना है.

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