करसोग: नगर पंचायत के सफाई कर्मचारियों के समर्थन में शिमला नगर निगम की सैहब सोसायटी भी सामने आ गई है. सैहब सोसायटी वेलफेयर वर्कर यूनियन नगर निगम शिमला ने महिला सफाई कर्मचारी की ओर से दर्ज करवाई गई एफआईआर पर 24 घण्टे में निष्पक्ष जांच शुरू करने का अल्टीमेटम दिया है. जांच शुरू ना होने पर सैहब सोसायटी के कर्मचारी भी नगर पंचायत करसोग के सफाई कर्मचारियों के समर्थन में सड़कों पर उतरेंगे.
जल्द से जांच शुरू करने की दी चेतावनी
वेलफेयर वर्कर यूनियन का कहना है कि 3 दिन पहले नगर पंचायत करसोग में महिला सफाई कर्मचारी के साथ जाति सूचक शब्द का प्रयोग हुआ था, जो बिल्कुल गलत है. इस बारे में महिला सफाई कर्मचारी ने थाना करसोग में एफआईआर भी दर्ज करवाई थी, लेकिन अभी तक इस मामले पर जांच शुरू नहीं हुई है. इसलिए इस मामले पर जल्द से जल्द जांच शुरू होनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो सैहब सोसायटी के सभी सफाई कर्मचारी नगर पंचायत में सफाई कर्मचारियों के समर्थन में खड़े हो जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी.
सैहब सोसायटी में 842 कर्मचारी
प्रदेश की पहली नगर निगम शिमला में शहर की सफाई व्यवस्था का जिम्मा सैहब सोसायटी के कर्मचारियों पर है. यूनियन के अध्यक्ष के मुताबिक वर्तमान में सैहब सोसायटी में 842 कर्मचारी हैं. जो राजधानी की सफाई व्यवस्था का जिम्मा देख रहे हैं. करसोग नगर पंचायत में अगर सफाई कर्मचारी की ओर से दर्ज करवाई गई एफआईआर पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो सभी सफाई कर्मचारी समर्थन में खड़े हो जाएंगे.
नगर पंचायत के सफाई कर्मचारियों के समर्थन में उतरेगी सैहब सोसायटी
सैहब सोसायटी वेलफेयर वर्कर यूनियन नगर निगम शिमला के अध्यक्ष जसवंत का कहना है कि 3 दिन पहले करसोग में हमारे कर्मचारी के साथ जाति सूचक शब्द का प्रयोग किया गया था. ये बिल्कुल गलत है. इस मामले पर एफआईआर दर्ज हुई है, लेकिन मामले की निष्पक्ष जांच अभी तक शुरू नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि 24 घण्टे में मामले पर निष्पक्ष जांच आरम्भ नहीं हुई तो शिमला में भी सैहब सोसायटी वेलफेयर वर्कर यूनियन नगर पंचायत के सफाई कर्मचारियों के समर्थन में उतरेगी.
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