धर्मपुर/मंडी: जिला भर में पंचायत चुनाव का प्रचार जोरों शोरों से शुरू हो गया है. चुनाव आयोग ने जो गाइडलाइन निर्धारित की है, उसके अनुसार अगर किसी उम्मीदवार ने सरकारी भूमि पर कब्जा किया हो या फिर उसके नाम पुलिस में या फिर कोर्ट में केस चला हो तो उसका नामांकन रद्द हो सकता है.
रद्द हो सकता है नामांकन
एसडीएम धर्मपुर सुनील वर्मा ने बताया कि अगर उम्मीदवार के नाम के अलावा उसके दादा-दादी, माता-पिता, पुत्र व अविवाहिता बेटी ने भी सरकारी भूमि पर कब्जा किया हो तब भी उस उम्मीदवार का चुनाव रद्द हो सकता है. उन्होंने कहा कि इसके इलावा कानूनी केस उस उम्मीदवार के नाम चला हुआ है, तब भी उसका नामाकंन रद्द हो सकता है.
नामांकन के दौरान यह शपथ पत्र देना होगा
एसडीएम ने बताया कि उम्मीदवार को नामांकन के दौरान यह शपथ पत्र देना होगा. इसके इलावा अगर किसी को पंचायत में चुनाव संबंधी मामलों में धांधली के चलते सजा हुई हो, अगर किसी व्यक्ति को सरकारी सेवा से निष्काषित किया गया हो, जो व्यक्ति सरकारी रोजगार में हो, वह भी चुनाव नहीं लड़ सकता है. साथ ही आदतन अपराधी एक्ट-1969 के तहत पंजीकृत हो वह भी चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं रखता.
ये शर्तें भी करनी होगी पूरी
वहीं, किसी भी पंचायत के द्वारा करवाए गए कार्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर किसी प्रकार की भागीदार या स्वार्थ निहित हो वह भी चुनाव नहीं लड़ सकता है. किसी व्यक्ति पर पंचायत सभा समिति, जिला परिषद फंड द्वारा दर्शाए गए शुल्क की अदायगी न की गई हो तो वह व्यक्ति भी चुनाव नहीं लड़ सकता है. अगर किसी ने सरकारी धन अपने पास रखा हो और पंचायत के पैसे की अदायगी नहीं की हो और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार के मामले में सेक्शन 180 के तहत दोषी करार दिया हो वह भी चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं नहीं रखता है. उपरोक्त इन शर्तों को पूरा करने वाले ही पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं.