करसोग: मंडी के करसोग में आजादी के सात दशक बाद भी सड़कों की हालत खस्ती है. यहां पहाड़ों से सड़क पर गिरने वाले मलबे को रोकने के लिए कोई रिटेनिंग वॉल नहीं लगाई गई है और न ही वाहनों की सुरक्षा के लिए सड़क के किनारे पैरापिट की कोई व्यवस्था है.
वहीं, सनारली से बैहना की सड़क की हालत भी बदहाली के कारण कई लोगों की जान पर भारी पड़ रही है. करसोग में लोग तंग और बदहाल सड़कों में जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं. ऐसी ही करसोग से रामपुर को जोड़ने वाली एक सड़क है, जो मरम्मत के अभाव में वाहन चालकों के लिए खतरनाक साबित हो रही है और सड़क पर कई बड़े हादसे हो चुके हैं.
वहीं, पीडब्ल्यूडी विभाग सड़क की हालत को सुधारने का नाम नहीं ले रहा है. विभाग ने जन आक्रोश के बाद खानापूर्ति के लिए कई बार पेैच वर्क का कार्य जरूर किया है, लेकिन कुछ ही दिनों में सड़क उखड़ने लगे.
हादसों को स्थाई तौर पर रोकने के लिए विभाग के प्रयास जमीनी स्तर पर नजर नहीं आ रहे हैं. लंबे समय से अनदेखी के कारण सड़क पर जगह-जगह गड्डे पड़ गए हैं और बारिश के दिनों में पहाड़ों से सड़क पर पत्थर और मलबा गिरने को रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी ने रिटेनिंग वॉल लगाए जाने की भी जहमत नहीं उठाई है.
कई स्थानों पर सड़क किनारे दूर-दूर तक पैरापिट भी नजर नहीं आते हैं. स्थानीय लोगों ने पड़ोसी होने के नाते मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से सड़कों की हालत सुधारे जाने की उम्मीद लगाई है. सेवानिवृत्त पर्यटन अधिकारी एडी शर्मा का कहना है कि करसोग में सड़कों की हालत बहुत ही खराब है. विभाग का इस ओर कोई ध्यान नहीं है, जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हमारे पड़ोसी है, उम्मीद है कि वे इस तरफ विशेष ध्यान देंगे.
करसोग पीडब्ल्यूडी डिवीजन के अधिशाषी अभियंता मान सिंह का कहना है कि बखरौट से लुहरी तक सड़क की मरम्मत का एस्टीमेट तैयार किया गया है. इसके बाद जल्द ही टेंडर लगाकर सड़क में टारिंग का कार्य किया जाएगा.
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