ETV Bharat / state

कोविड वार्ड में तीमारदारों के आने-जाने पर प्रतिबंध, इस वजह से लिया गया फैसला

नेरचौक मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में अब तीमारदारों की एंट्री पर सख्ती बरती जा रही है. कॉलेज के एमएस डॉ. जीवानंद चौहान ने बताया कि कोविड वार्ड में संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है. यहां कुछ गंभीर मरीजों के तीमारदारों को अंदर आने की अनुमति दी गई थी, लेकिन तीमारदार कोविड नियमों का पालन नहीं कर रहे थे.

फोटो
author img

By

Published : May 21, 2021, 12:59 PM IST

Updated : May 21, 2021, 4:33 PM IST

मंडी: लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज नेरचौक के कोविड वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीजों के तीमारदारों की एंट्री पर अब सख्ती बरती जा रही है. अब एक बार जो तीमारदार कोविड वार्ड में चला गया तो फिर उसे बाहर आने की अनुमति नहीं होगी.

वार्ड में संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा

कॉलेज के एमएस डॉ. जीवानंद चौहान ने बताया कि कोविड वार्ड में संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है. यहां कुछ गंभीर मरीजों के तीमारदारों को अंदर आने की अनुमति दी गई थी, लेकिन तीमारदार कोविड नियमों का पालन नहीं कर रहे थे. जिससे वार्ड में अलग-अलग प्रकार के वायरस से संक्रमित होने का खतरा है. तीमारदार अपनी मर्जी से कभी भी अंदर-बाहर आ जा रहे हैं और इससे संक्रमण के फैलने का खतरा बना हुआ है.

दस दिनों तक रहना होगा आइसोलेशन में

डॉ. चौहान ने कहा कि अब यदि कोई तीमारदार अंदर आ गया तो फिर उसे पीपीई किट पहनकर ही रहना होगा और वह बाहर नहीं जा सकेगा. बाहर जाने के बाद भी दस दिनों तक आइसोलेशन में रहने के बाद अपना टेस्ट करवाना होगा, ताकि संक्रमण की रोकथाम की जा सके.

डॉक्टरों और अन्य स्टाफ के साथ कर रहे दुर्व्यवहार

डॉ. जीवानंद चौहान ने बताया कि कुछ तीमारदार डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार भी कर रहे हैं. एक महिला के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दे दी गई है. जब किसी गंभीर मरीज की मृत्यु होती है तो उसका वीडियो बनाकर वायरल किया जा रहा है. जबकि मृत्यु के समय किसी का भी बेचैन होना स्वभाविक है. एमएस ने कहा कि तीमारदारों की ऐसी हरकतों से अस्पताल प्रबंधन का नाम बदनाम हो रहा है, जबकि अंदर सभी मरीजों को बेहतर सुविधा दी जा रही है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी का बड़ा खुलासा, बोला: हिमाचल के बद्दी में है नकली रेमडेसिविर की फैक्टरी

मंडी: लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज नेरचौक के कोविड वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीजों के तीमारदारों की एंट्री पर अब सख्ती बरती जा रही है. अब एक बार जो तीमारदार कोविड वार्ड में चला गया तो फिर उसे बाहर आने की अनुमति नहीं होगी.

वार्ड में संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा

कॉलेज के एमएस डॉ. जीवानंद चौहान ने बताया कि कोविड वार्ड में संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है. यहां कुछ गंभीर मरीजों के तीमारदारों को अंदर आने की अनुमति दी गई थी, लेकिन तीमारदार कोविड नियमों का पालन नहीं कर रहे थे. जिससे वार्ड में अलग-अलग प्रकार के वायरस से संक्रमित होने का खतरा है. तीमारदार अपनी मर्जी से कभी भी अंदर-बाहर आ जा रहे हैं और इससे संक्रमण के फैलने का खतरा बना हुआ है.

दस दिनों तक रहना होगा आइसोलेशन में

डॉ. चौहान ने कहा कि अब यदि कोई तीमारदार अंदर आ गया तो फिर उसे पीपीई किट पहनकर ही रहना होगा और वह बाहर नहीं जा सकेगा. बाहर जाने के बाद भी दस दिनों तक आइसोलेशन में रहने के बाद अपना टेस्ट करवाना होगा, ताकि संक्रमण की रोकथाम की जा सके.

डॉक्टरों और अन्य स्टाफ के साथ कर रहे दुर्व्यवहार

डॉ. जीवानंद चौहान ने बताया कि कुछ तीमारदार डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार भी कर रहे हैं. एक महिला के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दे दी गई है. जब किसी गंभीर मरीज की मृत्यु होती है तो उसका वीडियो बनाकर वायरल किया जा रहा है. जबकि मृत्यु के समय किसी का भी बेचैन होना स्वभाविक है. एमएस ने कहा कि तीमारदारों की ऐसी हरकतों से अस्पताल प्रबंधन का नाम बदनाम हो रहा है, जबकि अंदर सभी मरीजों को बेहतर सुविधा दी जा रही है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी का बड़ा खुलासा, बोला: हिमाचल के बद्दी में है नकली रेमडेसिविर की फैक्टरी

Last Updated : May 21, 2021, 4:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.