मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आयोजित राहत पुनर्वास बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश के नदी नालों में हो रही अवैध डंपिंग का मुद्दा प्राथमिकता के आधार पर केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बीते रोज केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी हिमाचल दौरे पर पहुंचे थे, लेकिन अवैध डंपिंग को लेकर अभी तक उनसे कोई चर्चा नहीं की है. आने वाले समय में केंद्रीय परिवहन मंत्री से भी अवैध डंपिंग के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी.
'केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे अवैध डंपिंग का मुद्दा': विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में एनएचआई और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा ही मुख्यता सड़कों का निर्माण किया जा रहा है. इन सड़कों के निर्माण कार्य के दौरान अवैध डंपिंग की कई शिकायतें आ रही हैं. वहीं चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा भी अवैध डंपिंग के आरोप लगाए जा रहे हैं. अवैध डंपिंग के इस मुद्दे को वह जल्द केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे.
'भारी बारिश से प्रदेश में दर्जनों पुल हुए क्षतिग्रस्त': विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पिछले दिनों हुए भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश में दर्जनों पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं. इन क्षतिग्रस्त पुलों का निर्माण भारत सेतु योजना के तहत किया जाएगा. जिसके लिए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूरी दे दी है. इस दौरान उन्होंने हिमाचल प्रदेश को 2 और सड़कें देने के लिए नितिन गडकरी का धन्यवाद भी किया. विक्रमजीत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से हिमाचल जल्द से जल्द इस आपदा से बाहर निकलने का प्रयास करेगा.
इससे पूर्व उन्होंने डीआरडीए सभागार में पूर्व मंत्री, विधायकों, पूर्व विधायकों और जिला के सभी अधिकारियों के साथ राहत पुनर्वास कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान विधायकों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में हुए नुकसान की रिपोर्ट भी मंत्री के समक्ष रखी. वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मंडी जिला में बीते दिनों भारी बारिश से 650 करोड़ का नुकसान हुआ है. जिसमें लोक निर्माण विभाग 221, जल शक्ति विभाग 202, बिजली बोर्ड 30 करोड़ की चपत लगी है. नुकसान की रिपोर्ट जल्द ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंपी जाएगी ताकि जिला में राहत और पुनर्वास के कार्यो में देरी ना हो.