करसोग: जिला मंडी के उपमंडल करसोग में चकाचक सड़कों का सपना देख रहे लोगों के लिए ये खबर निराश करने वाली है. दरअसल उपमंडल करसोग में पीडब्ल्यूडी गंभीर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है. विभाग ने पिछले कई सालों से ठेकेदारों के 16 करोड़ नहीं चुकाए हैं. यही नहीं, पीडब्ल्यूडी के पास बरसात के इस मौसम में पुरानी सड़कों की मरम्मत करने के लिए भी पैसा नहीं है. विभाग की इस खराब वित्तीय हालत में नई सड़कें बनाना तो बहुत दूर की बात है, पुरानी सड़कों की भी मरम्मत नहीं हो सकती है. ऐसे में इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. जिससे लोगों में भारी रोष है.
ठेकेदारों को डिफाल्टर होने का डर: पीडब्ल्यूडी में कई छोटे ठेकेदारों ने बैंकों से कर्ज लेकर अपने कार्य तो पूरे कर लिए हैं, लेकिन काम निपटने के बाद अब बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है. वहीं, ठेकेदारों ने इसके लिए बैंकों से लाखों रुपए का कर्ज लिया है. ऐसे में बैंकों का पैसा वापस न लौटने पर ठेकेदारों को अब डिफाल्टर घोषित होने का डर सताने लगा है. वहीं, पेमेंट के लिए ठेकेदार लगातार पीडब्ल्यूडी ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ रहा है. इससे निराश कुछ ठेकेदारों ने स्थानीय विधायक दीपराज से भी शिकायत की है.
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प्रतिनिधिमंडल ने भी विभाग से की मुलाकात: करसोग में सड़कों की मरम्मत का कार्य समय पर पूरा न होने से आम लोगों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालत इतने खराब हैं कि पिछले दिनों सरतेयोला तक बस पहुंचाने के लिए लोगों को खुद पत्थरों से सड़क के गड्ढे भरने पड़े थे. जिसका सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने से पीडब्ल्यूडी की खूब फजीहत हुई थी. इसी तरह से अन्य कई सड़कों का कार्य भी रुका पड़ा है या फिर पैसे की कमी की वजह से कछुए की गति से चल रहा है. इसको देखते हुए उपमंडल के विभिन्न क्षेत्रों से लोगों के प्रतिनिधिमंडल आए दिन पीडब्ल्यूडी से मिल कर सड़कों की हालत सुधारने की गुहार लगा रहे हैं.
'पैसा आते ही होगा बिलों का भुगतान': पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता अरविंद कुमार भारद्वाज का कहना है कि पैसे की कमी की वजह से बिलों का भुगतान नहीं हुआ है. जैसे ही इसका कोई समाधान होता है, ठेकेदारों का भुगतान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिस समय करसोग में विभाग का कार्यभार संभाला था तो उस वक्त करीब 24 करोड़ की देनदारी थी, जो अब घटकर 16 करोड़ रह गई है.
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