मंडी: जिले की चैलचौक पंचायत में डायरिया फैलने के बाद भी जल शक्ति विभाग ने गुरुवार को चैलचौक समेत गोहर और चच्योट में गंदे पानी की सप्लाई कर दी. सुबह लोगों ने जब घरों के नलके खोले तो मटमैला पानी आने से हड़कंप मच गया. मकानों और दुकानों के ऊपर रखी स्टोरेज टंकियो में भी गंदा पानी भर गया.
स्थानीय लोगों ने विभाग की इस लापरवाही का एक वीडियो जारी किया है. वहीं, सूचना जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी गई. प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करके विभागीय अधिकारियों ने सप्लाई रोक दी है. जिससे सैकड़ों की आबादी के लिए जलसंकट गहरा गया है.
गुरुवार को क्षेत्र में मटमैला पानी आने से लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर दिखाई दिया. पेयजल प्रभावित होने से तीन पंचायतों की छह हजार से अधिक की आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, डायरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को ही डायरिया के सात नए मामले सामने आए हैं. अब तक कुल 38 मामले डारिया के सामने आ चुके हैं. जिसमें तीन गोहर अस्पताल में उपचाराधीन हैं.
सात नए डायरिया के मामले आने की पुष्टि गोहर अस्पताल के प्रभारी डॉ. कुलदीप शर्मा ने की है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बुधवार देर रात भारी बारिश होने से पेयजल स्त्रोतों में मिट्टी घुसने से पेयजल स्त्रोत मिट्टी से भर गए.
नगालनी, जबलाड और आसपास के क्षेत्रों के पेयजल स्त्रोतों में बारिश से मिट्टी पहुंचने से पानी की पाइपें मटमैले पानी से भर गई. पेयजल स्त्रोतों से मिट्टी सीधा लोगों के घरों की पानी की टंकी में पहुंचने से लोग इस पानी को पीने से गुरेज करने लगे हैं.
आईपीएच विभाग के गोहर स्थित सहायक अभियंता नूर अहमद ने पुष्टि करते हुए बताया कि उन्होंने आदेश जारी किए हैं कि जब तक मिट्टी वाला पानी साफ नहीं होता है तब तक आपूर्ति रोकी जाए. उन्होंने कहा कि जैसे ही स्त्रोत साफ होते हैं, आपूर्ति बहाल की जाए. एसडीओ ने कहा कि पानी मे मिट्टी घुसी है, लेकिन कोई भी बैक्टीरिया नहीं पाए गए हैं.
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