मंडी: जिला उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि मंडी को जनवरी 2020 तक स्वच्छता इंडेक्स में पहले 100 शहरों में शामिल करवाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए जनभागीदारी जरूरी है. टॉप 100 में आने के लिए आवश्यक है कि शतप्रतिशत कूड़ा एकत्रीकरण और घर पर ही सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग रखने की व्यवस्था को 100 फीसदी लागू किया जाए.
डीसी ने कहा कि मंडी शहर के सभी स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को नगर परिषद की सफाई व्यवस्था में सहयोग के लिए जागरूक किया जाएगा. प्रशासन ने स्थानीय लोगों, सामाजिक संस्थाओं को इस अभियान में शामिल किया है और अब स्कूली बच्चों को भी अभियान से जोड़ने पर जोर दिया जा रहा है ताकि वो स्वच्छता व्यवस्था में सहयोग कर सकें.
स्कूल में एकत्रित प्लास्टिक से होगी आय
ऋग्वेद ठाकुर प्लास्टिक के कूड़े को रिसाइकिल कर उसे फिर से प्रयोग में लाने बारे भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि टॉफी व बिस्कुट के रैपर को अलग से प्लास्टिक की बोतल में भर कर रखें और ज्यादा मात्रा में होने पर स्कूल में जमा करवाएं. उन बोतलों को कमेटी के कर्मचारी एकत्र कर उसे पुनः प्रयोग के लिए भेजेंगे. स्कूल में एकत्रित किए गए प्लास्टिक से जो आय होगी उसे पाठशाला के विकास के लिए खर्च किया जाएगा.
डीसी ऋगवेद ने सभी पाठशालाओं के प्रधानाचार्यों से आग्रह किया कि वो अपनी-अपनी पाठशालाओं में प्रार्थना सभाओं में ठोस व तरल कूड़े के सही निष्पादन के बारे में बच्चों को जानकारी दें और पाठशालाओं में बाहर से आने वाले प्लास्टिक के कचरे को एक जगह एकत्रित कर उसे रिसाइकिल के लिए भेजें ताकि स्कूल प्लास्टिक मुक्त व स्वच्छ हो.
उन्होंने कहा कि हर घर, हर परिवार का कूड़ा एकत्रण की मौजूदा व्यवस्था से जुड़ना जरूरी है. इसके साथ ही लोगों को गलने वाले और नहीं गलने वाले कूड़े को घर पर ही अलग-अलग रखने के लिए तैयार करना महत्वपूर्ण काम है ताकि घरों से कूड़ा अलग-अलग उठाकर उसका बेहतर निपटारा किया जा सके. क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त बनाने में जो व्यवहारिक अड़चनों का निदान तय किया जाए.