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करसोग: सर्जन के तबादले पर उग्र हुई जनता, आदेश रद्द करने की उठाई मांग - civil hospital karsog protest news

उपमंडल करसोग में सर्जन के तबादले का लोगों ने विरोध किया है. लोगों का कहना है कि करसोग सिविल अस्पताल में पहले ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है. जिस कारण यहां की गरीब जनता को पैसे खर्च करके इलाज के लिए शिमला या मंडी जाना पड़ रहा है. स्थिति ये है कि सिविल अस्पताल में मेडिसिन, ऑर्थो, बाल रोग, ईएनटी व गाइनी आदि विभाग में विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं.

karsog protest DFYI
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Published : Apr 9, 2021, 10:42 PM IST

करसोग: उपमंडल करसोग में सर्जन के तबादले पर जनता उग्र हो गई है. शुक्रवार को लोगों ने सराहन वार्ड से जिला परिषद सदस्य के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया. यही नहीं सर्जन का तबादला रोकने के लिए लोगों ने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भी भेजा है. इस दौरान लोगों ने स्थानीय विधायक के खिलाफ भी अपनी भड़ास निकाली.

सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी

लोगों का कहना है कि करसोग सिविल अस्पताल में पहले ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है. जिस कारण यहां की गरीब जनता को पैसे खर्च करके इलाज के लिए शिमला या मंडी जाना पड़ रहा है. स्थिति ये है कि सिविल अस्पताल में मेडिसिन, ऑर्थो, बाल रोग, ईएनटी व गाइनी आदि विभाग में विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं.

वीडियो.

आठ महीने पहले हुई थी तैनाती

सरकार ने आठ महीने पहले सिविल अस्पताल करसोग के लिए जो सर्जन भेजा था, उसका भी यहां से तबादला कर दिया है. सरकार को चाहिए था कि अस्पताल में खाली पड़े विशेषज्ञो डॉक्टरों के पदों को भरा जाता, लेकिन सर्जरी डिपार्टमेंट में जो डॉक्टर तैनात हैं, उसका भी तबादला कर दिया है.

तबादला आदेश रद्द करने की मांग

लोगों ने कहा कि स्थानीय विधायक ने चुनाव से पहले जनता को विशेषज्ञ डॉक्टरों के सभी पदों को भरने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार बनने के बाद भी सिविल अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है. ऐसे में करसोग की जनता को ठगा गया है. लोगों ने तुरन्त प्रभाव से तबादला आदेश रद्द करने की मांग की है. अगर अभी भी आदेशों को वापस नहीं लिया गया तो जनता सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करेगी.

सीएम और स्वास्थ्य मंत्री को भेजा ज्ञापन

सराहन वार्ड के जिला परिषद सदस्य किशोरी लाल ने कहा कि तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भेजा गया है. जिसमें तुरन्त प्रभाव से सर्जन के तबादला आदेश रद्द करने की मांग की गई है. अगर अब भी आदेशों को वापस नहीं लिया गया तो जनता आने वाले दिनों में सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करेगी.

ये भी पढ़ेंः 13 अप्रैल को चुना जाएगा मंडी का मेयर, प्रथम नागरिक के लिए जोर आजमाइश, रेस में 4 नाम

करसोग: उपमंडल करसोग में सर्जन के तबादले पर जनता उग्र हो गई है. शुक्रवार को लोगों ने सराहन वार्ड से जिला परिषद सदस्य के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया. यही नहीं सर्जन का तबादला रोकने के लिए लोगों ने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भी भेजा है. इस दौरान लोगों ने स्थानीय विधायक के खिलाफ भी अपनी भड़ास निकाली.

सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी

लोगों का कहना है कि करसोग सिविल अस्पताल में पहले ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है. जिस कारण यहां की गरीब जनता को पैसे खर्च करके इलाज के लिए शिमला या मंडी जाना पड़ रहा है. स्थिति ये है कि सिविल अस्पताल में मेडिसिन, ऑर्थो, बाल रोग, ईएनटी व गाइनी आदि विभाग में विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं.

वीडियो.

आठ महीने पहले हुई थी तैनाती

सरकार ने आठ महीने पहले सिविल अस्पताल करसोग के लिए जो सर्जन भेजा था, उसका भी यहां से तबादला कर दिया है. सरकार को चाहिए था कि अस्पताल में खाली पड़े विशेषज्ञो डॉक्टरों के पदों को भरा जाता, लेकिन सर्जरी डिपार्टमेंट में जो डॉक्टर तैनात हैं, उसका भी तबादला कर दिया है.

तबादला आदेश रद्द करने की मांग

लोगों ने कहा कि स्थानीय विधायक ने चुनाव से पहले जनता को विशेषज्ञ डॉक्टरों के सभी पदों को भरने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार बनने के बाद भी सिविल अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है. ऐसे में करसोग की जनता को ठगा गया है. लोगों ने तुरन्त प्रभाव से तबादला आदेश रद्द करने की मांग की है. अगर अभी भी आदेशों को वापस नहीं लिया गया तो जनता सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करेगी.

सीएम और स्वास्थ्य मंत्री को भेजा ज्ञापन

सराहन वार्ड के जिला परिषद सदस्य किशोरी लाल ने कहा कि तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भेजा गया है. जिसमें तुरन्त प्रभाव से सर्जन के तबादला आदेश रद्द करने की मांग की गई है. अगर अब भी आदेशों को वापस नहीं लिया गया तो जनता आने वाले दिनों में सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करेगी.

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