करसोग: जिला मंडी के उपमंडल करसोग में झमाझम बारिश होने से किसानों के चेहरे खिले गए हैं. बारिश होने से किसानों को अच्छी फसल होने की उम्मीद बंधी है. लंबे सूखे के बाद धरती पर अमृत के समान पड़ी बारिश की बौछारों से उत्साहित किसान अब कृषि विभाग के विक्रय केंद्रों पर मटर सहित अन्य सब्जियों के बीज खरीदने पहुंच रहे हैं. इसके अतिरिक्त प्राइवेट दुकानों में भी बीज खरीदने वालों की भीड़ बढ़ी है.
कारोबारियों के चेहरे खिले
ऐसे में मटर सहित अन्य बीजों की मांग बढ़ने से कारोबारियों के भी चेहरे खिल गए हैं. लंबे अंतराल तक पड़े सूखे की वजह से बीज कारोबारी भी ग्राहकों की राह देख रहे थे. मटर रबी सीजन में सब्जियों में प्रमुख फसल है. उपमंडल में सर्दियों के मौसम में 250 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर मटर की बिजाई की जाती है. मटर के कारोबार में अकेले करसोग का योगदान 12 करोड़ के करीब रहता है.
मटर किसानों की आर्थिकी का मुख्य साधन
उपमंडल में मटर किसानों की आर्थिकी का मुख्य साधन है. इसके अतिरिक्त किसानों ने गेहूं सहित चना, सरसों की बिजाई का कार्य भी शुरू कर दिया है. यही नहीं धनिया, मेथी, पालक व लहुसन लगाया जा रहा है. हालांकि समय पर बारिश न होने की वजह से लहसुन लगाने का कार्य करीब 2 महीने बाद शुरू हुआ है.
किसानों पर मौसम मेहरबान
नवम्बर माह की बात की जाए तो ये महीना किसानों पर काफी मेहरबान रहा है. इस माह में अभी तक प्रदेश भर में 43.1 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 142 फीसदी अधिक है. इस अवधि में सामान्य बारिश का आंकड़ा 17.8 मिलीमीटर का है. बीते माह हुई बारिश के आंकड़ों पर गौर करें तो अक्टूबर माह में सिर्फ 0.4 मिलीमीटर बारिश हुई थी. इस दौरान सामान्य बारिश का आंकड़ा 27.5 फीसदी मिलीमीटर रहा था. प्रदेश भर में 99 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जिससे किसानों के चेहरे मुरझा गए थे.
मटर के बीज खरीदने पहुंच रहे हैं किसान
जोहड़ गांव के किसान झाबर सिंह का कहना है कि अच्छी बारिश के बाद कृषि विभाग के विक्रय केंद्र पर मटर का बीज खरीदने आए हैं. अब जमीन में पर्याप्त नमी से मटर की बिजाई का कार्य शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसान जमीन की उपलब्धता के हिसाब से मटर की बिजाई करते हैं.