ETV Bharat / state

अभिभावकों को सता रहा कोरोना का डर, बोले- स्कूल खोलने पर जल्दबाजी न करे सरकार

प्रदेश सरकार ने 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं स्कूल के छात्रों के लिए स्कूल खोलने का फैसला लिया है. वहीं, स्कूल खोलने पर अभिभावकों का कहना है कि सरकार को स्कूल खोलने के फैसले में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. आए दिन प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे है. ऐसे में सरकार को इस फैसले पर एक बार फिर से सोच विचार करना चाहिए.

school
स्कूल
author img

By

Published : Sep 19, 2020, 6:11 PM IST

मंडी: प्रदेश सरकार ने 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं स्कूल के छात्रों के लिए स्कूल खोलने का फैसला लिया है. मंत्रिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए प्रदेश में कंटेनमेंट जोन से बाहर शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की अनुमति दे दी है .

वहीं, स्कूल खोलने पर अभिभावकों का कहना है कि सरकार को स्कूल खोलने के फैसले में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. आए दिन प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे है. ऐसे में सरकार को इस फैसले पर एक बार फिर से सोच विचार करना चाहिए.

वीडियो.

अभिभावकों को इस बात की चिंता भी सता रही है कि बच्चे कोरोना के तहत बनाए गए सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के साथ साथ अन्य नियमों का पालन कड़ी सरक्षा के साथ कर पाएंगे या नहीं. अभिभावकों ने कहा कि स्कूल में बच्चों को भेजने की जिम्मेदारी सरकार ने अपने ऊपर ना लेते हुए अभिभावकों के ऊपर डाल रही है. ऐसे में वह भी असमंजस की स्थिति में है.

अभिभावकों की मानें तो स्कूल खुलना जरूरी है. बच्चे घर पर सही ढंग से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, इस समय कोरोना के मामले भी बढ़ रहे हैं. ऐसे में सरकार को कुछ दिन और रुक कर स्कूल खोलने की अनुमति देनी चाहिए.

आपको बता दें कि सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों को 50 प्रतिशत शिक्षकों और गैर- शिक्षक कर्मचारियों के साथ 21 सितंबर, 2020 से खोलने को अपनी स्वीकृति प्रदान की है. इसके लिए छात्रों के अभिभावकों और संरक्षकों की सहमति अनिवार्य होगी.

ये भी पढ़ें: सीडी अनुपात में सुधार लाएं बैंक, किसानों की आय दोगुणा करने में निभाएं भूमिका: ऋचा वर्मा

मंडी: प्रदेश सरकार ने 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं स्कूल के छात्रों के लिए स्कूल खोलने का फैसला लिया है. मंत्रिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए प्रदेश में कंटेनमेंट जोन से बाहर शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की अनुमति दे दी है .

वहीं, स्कूल खोलने पर अभिभावकों का कहना है कि सरकार को स्कूल खोलने के फैसले में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. आए दिन प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे है. ऐसे में सरकार को इस फैसले पर एक बार फिर से सोच विचार करना चाहिए.

वीडियो.

अभिभावकों को इस बात की चिंता भी सता रही है कि बच्चे कोरोना के तहत बनाए गए सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के साथ साथ अन्य नियमों का पालन कड़ी सरक्षा के साथ कर पाएंगे या नहीं. अभिभावकों ने कहा कि स्कूल में बच्चों को भेजने की जिम्मेदारी सरकार ने अपने ऊपर ना लेते हुए अभिभावकों के ऊपर डाल रही है. ऐसे में वह भी असमंजस की स्थिति में है.

अभिभावकों की मानें तो स्कूल खुलना जरूरी है. बच्चे घर पर सही ढंग से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, इस समय कोरोना के मामले भी बढ़ रहे हैं. ऐसे में सरकार को कुछ दिन और रुक कर स्कूल खोलने की अनुमति देनी चाहिए.

आपको बता दें कि सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों को 50 प्रतिशत शिक्षकों और गैर- शिक्षक कर्मचारियों के साथ 21 सितंबर, 2020 से खोलने को अपनी स्वीकृति प्रदान की है. इसके लिए छात्रों के अभिभावकों और संरक्षकों की सहमति अनिवार्य होगी.

ये भी पढ़ें: सीडी अनुपात में सुधार लाएं बैंक, किसानों की आय दोगुणा करने में निभाएं भूमिका: ऋचा वर्मा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.