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HRTC बसों में यात्रियों की सुरक्षा राम भरोसे, फर्स्ट ऐड बॉक्स में दवाइयों की जगह रखे जा रहे पोछे

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Published : Jun 20, 2019, 12:25 PM IST

एचआरटीसी की बसों में बेहतर सुविधा देने के वादों की पोल खुल कर रह गई है. बसों में लगाए गए फर्स्ट ऐड बॉक्स सिर्फ शो पीस बनकर रह गए हैं.

डिजाइन फोटो

मंडी/करसोग: एचआरटीसी के सुरक्षित चलाएं, सुरक्षित पहुंचाए के दावों के बीच यात्रियों का सफर राम भरोसे है. बसों में सरकार की ओर से जारी हिदायतों की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही है. ऐसा ही हाल करसोग डिपो के तहत चलने वाली बसों में है.


यहां बसों में रखे गए फर्स्ट ऐड बॉक्स में दवाइयां रखने की जगह बसों में पोछा लगाने वाले कपड़े रखे गए हैं. कुछ बसों में फर्स्ट ऐड बॉक्स ही नहीं है, वहीं कई बसों में सीट कवर से बनाये फर्स्ट ऐड बॉक्स में प्लास्टिक की खाली बोतल भरी गई है. इस बारे में जुटाई गई जानकारी हैरान करने वाली है बताया गया कि नई बसें खरीदते वक्त ही फर्स्ट ऐड बॉक्स में कुछ दवाइयां और पट्टी रखी होती है, इसके बाद बस कंडम न होने तक फर्स्ट ऐड बॉक्स ऐसे ही बेकार पड़े रहते हैं.

बस में लगे फर्स्ट ऐड बॉक्स में नहीं दवाइयां


कई बसों में तो अब फर्स्ट ऐड बॉक्स तक ही नहीं बचे हैं. ऐसे में अगर लोगों को बसों में यात्रा करने के दौरान इमरजेंसी पड़ जाए या फिर कोई चोट ही लग जाये तो इस स्थिति से निपटने के लिए एचआरटीसी के पास कोई भी इंतजाम नहीं है. ऐसे में प्रदेश भर में एचआरटीसी की बसों में सफर करना खतरे से खाली नहीं है. वहीं इस तरह की लापरवाही ने परिवहन निगम के सुरक्षित यात्रा के दावों की भी पोल खोलकर रख दी है. क्षेत्रीय प्रबंधक करसोग प्रेम कश्यप का कहना है कि मामला ध्यान में आया है, इस बारे में जानकारी ली जाएगी.


ये है एचआरटीसी के दावों की सच्चाई
माहूंनाग से करसोग चलने वाली बस में फर्स्ट ऐड बॉक्स में कपड़े के 2 पोछे रखे गए थे. इसी तरह से कोटलु से करसोग चलने वाली बस में सीट कवर से बनाये गए फर्स्ट ऐड बॉक्स में प्लास्टिक की बोतलें भरी गई थी. इसी तरह से करसोग से छतरी चलने वाली बस में तो फर्स्ट ऐड बॉक्स ही नहीं रखा गया है. करसोग डिपो में 49 के करीब बसें हैं. इसमें एक भी बस में फर्स्ट ऐड बॉक्स में जरूरी दवाइयां नहीं रखी गई है।
फर्स्ट ऐड बॉक्स में दवाइयां जरूरी: मंडलीय प्रबंधक
मंडलीय प्रबंधक शिमला रघुबीर सिंह का कहना है कि फर्स्ट ऐड बॉक्स में दवाइयां और इलाज दी जुडी अन्य उपकरण रखना जरूरी है. करसोग डिपो में चल रही बसों में फर्स्ट ऐड बॉक्स खाली क्यों है, इसकी तुरंत प्रभाव से रिपोर्ट मांगी जा रही है.


फर्स्ट ऐड बॉक्स में ये जरूरी
- स्टरलाइज कॉटन और टेप
- बैंडेडज
- थर्मामीटर
- पेन किलर्स
- मांसपेशियों के दर्द के लिए बाम
- ऐंटीएलर्जिक टेबलेट्स
- डिस्पोजेवल दस्ताने
- टीजर्स
- कैंची
- एंटीसेप्टिक लिक्विड

ये भी पढ़ेंः नाले में तब्दील हुआ सोलन-शिमला NH! जरा सी बारिश ने रोके वाहनों को पहिए

मंडी/करसोग: एचआरटीसी के सुरक्षित चलाएं, सुरक्षित पहुंचाए के दावों के बीच यात्रियों का सफर राम भरोसे है. बसों में सरकार की ओर से जारी हिदायतों की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही है. ऐसा ही हाल करसोग डिपो के तहत चलने वाली बसों में है.


यहां बसों में रखे गए फर्स्ट ऐड बॉक्स में दवाइयां रखने की जगह बसों में पोछा लगाने वाले कपड़े रखे गए हैं. कुछ बसों में फर्स्ट ऐड बॉक्स ही नहीं है, वहीं कई बसों में सीट कवर से बनाये फर्स्ट ऐड बॉक्स में प्लास्टिक की खाली बोतल भरी गई है. इस बारे में जुटाई गई जानकारी हैरान करने वाली है बताया गया कि नई बसें खरीदते वक्त ही फर्स्ट ऐड बॉक्स में कुछ दवाइयां और पट्टी रखी होती है, इसके बाद बस कंडम न होने तक फर्स्ट ऐड बॉक्स ऐसे ही बेकार पड़े रहते हैं.

बस में लगे फर्स्ट ऐड बॉक्स में नहीं दवाइयां


कई बसों में तो अब फर्स्ट ऐड बॉक्स तक ही नहीं बचे हैं. ऐसे में अगर लोगों को बसों में यात्रा करने के दौरान इमरजेंसी पड़ जाए या फिर कोई चोट ही लग जाये तो इस स्थिति से निपटने के लिए एचआरटीसी के पास कोई भी इंतजाम नहीं है. ऐसे में प्रदेश भर में एचआरटीसी की बसों में सफर करना खतरे से खाली नहीं है. वहीं इस तरह की लापरवाही ने परिवहन निगम के सुरक्षित यात्रा के दावों की भी पोल खोलकर रख दी है. क्षेत्रीय प्रबंधक करसोग प्रेम कश्यप का कहना है कि मामला ध्यान में आया है, इस बारे में जानकारी ली जाएगी.


ये है एचआरटीसी के दावों की सच्चाई
माहूंनाग से करसोग चलने वाली बस में फर्स्ट ऐड बॉक्स में कपड़े के 2 पोछे रखे गए थे. इसी तरह से कोटलु से करसोग चलने वाली बस में सीट कवर से बनाये गए फर्स्ट ऐड बॉक्स में प्लास्टिक की बोतलें भरी गई थी. इसी तरह से करसोग से छतरी चलने वाली बस में तो फर्स्ट ऐड बॉक्स ही नहीं रखा गया है. करसोग डिपो में 49 के करीब बसें हैं. इसमें एक भी बस में फर्स्ट ऐड बॉक्स में जरूरी दवाइयां नहीं रखी गई है।
फर्स्ट ऐड बॉक्स में दवाइयां जरूरी: मंडलीय प्रबंधक
मंडलीय प्रबंधक शिमला रघुबीर सिंह का कहना है कि फर्स्ट ऐड बॉक्स में दवाइयां और इलाज दी जुडी अन्य उपकरण रखना जरूरी है. करसोग डिपो में चल रही बसों में फर्स्ट ऐड बॉक्स खाली क्यों है, इसकी तुरंत प्रभाव से रिपोर्ट मांगी जा रही है.


फर्स्ट ऐड बॉक्स में ये जरूरी
- स्टरलाइज कॉटन और टेप
- बैंडेडज
- थर्मामीटर
- पेन किलर्स
- मांसपेशियों के दर्द के लिए बाम
- ऐंटीएलर्जिक टेबलेट्स
- डिस्पोजेवल दस्ताने
- टीजर्स
- कैंची
- एंटीसेप्टिक लिक्विड

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