सराज: हिमाचल प्रदेश के लोगों की देव संस्कृति के प्रति गहरी आस्था है. देवों की भूमि के हर गांव में कोई न कोई देवता विराजमान होता है और इन्हीं देवताओं पर आज भी लोगों का विश्वास कायम है. ऐसी ही कुछ आस्था मंडी जिले की सराज घाटी की केओली पंचायत के लोगों की भी है. जिसके चलते लोगों ने 'देव केओली नारायण' के नए देव रथ के निर्माण का फैसला लिया था. अब इस देव रथ का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. मंगलवार को चैत्र संक्रांति के दिन देवता 'देव नारायण' के पूरे रथ को जोड़ा गया और उन्हें उसमें बैठाया गया. वहीं, कल पूजा और देव प्रतिष्ठा के बाद 'देव केओली नारायण' भक्तों को दर्शन देंगे.
सोने से बने रथ पर विराजमान होंगे देव केओली नारायण: 'देव केओली नारायण' ने नए रथ में 177 तोला सोना और सवा तीन किलो चांदी का इस्तेमाल किया गया है. केओली बगलियारा गांव के लोगों ने सिर्फ 107 परिवार के सहयोग से इस रथ को बनाया है, जिसमें सोने और चांदी का इस्तेमाल किया गया है. यह पहली बार है जब मोहरों के साथ-साथ नए रथ का निर्माण भी हुआ है.
रथ को बनाने में लगा एक माह का समय: देवता के रथ के ढांचे को बनाने में करीब एक माह का समय लगा. इस पहाड़ी भाषा में जुग्गा भी कहा जाता है. इस देवरथ का निर्माण चिम्मू नामक पेड़ की लकड़ी से किया गया है, जिसे बगलियारा गांव से ही लाया गया था. वहीं, इस साल पहले ही इन लकड़ियों को इकट्ठा कर लिया गया था. पहले इन्हें 6 महीने तक मिट्टी में दबाकर रखा गया और फिर 6 महीने तक सूखने के लिए छोड़ दिया गया.
तीन कारीगरों की 6 माह की मेहनत हुई पूरी: देवता कमेटी के कटवाल ज्योती प्रकाश ने बताया कि कार्तिक माह की तीन तारिक के बाद से इस रथ का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. तीन कारीगरों ने करीब 6 महीने में इस नए रथ का निर्माण कार्य पूरा किया.
रथ के निर्माण को लेकर कई बार हुई बैठक: देवता के रथ के निर्माण को लेकर ग्रमीणों ने कई बार बैठक की. जिसमें रथ को सोने से बनाने का फैसला लिया गया. बैठक में पहले हर परिवार से 10 हजार रुपए के सहयोग को फैसला लिया गया था. लेकिन, राशि कम पड़ी तो इस बढ़ाकर 20 हजार किया गया. वहीं, सरकारी कर्मचारियों के लिए यह राशि 41 हजार रुपए रखी गई थी. लेकिन, कई कर्मचारियों ने इससे ज्यादा ही योगदान दिया.
कल 4 से 5 हजार लोगों को लिए बनेगी धाम: 'देव केओली नारायण' के गूर लाल सिंह ठाकुर ने कहा कि देवता का रथ बनाने में पूरे 6 माह का समय लगा. देवता के आज्ञानुसार कल नए रथ की प्रतिष्ठा की जाएगी. इस दौरान भोज यानी धाम का आयोजन किया जाएगा. जिसमें चार से पांच हजार लोगों के आने का अनुमान है. प्रतिष्ठा के अवसर पर सराज के अधिकांश देवी देवताओं की कमेटी को निमंत्रण भेजा गया है.
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