ETV Bharat / state

Karsog News: कीचड़ भरी सड़कें साफ कर रहे मल्टी टास्क वर्कर, लेकिन दो महीने से नहीं मिला वेतन - करसोग न्यूज

मंडी जिले के करसोग में एमपीडब्ल्यू वर्करों का शोषण किया जा रहा है. यहां दो महीने से एमपीडब्ल्यू को वेतन नहीं मिला है. उनका मांग है कि जल्द ही उनका वेतन दिया जाए ताकि उनका घर परिवार का गुजारा चल सके. पढ़ें पूरी खबर...

pwd workers did not get salary in karsog
करसोग में पीडब्ल्यूडी के वर्करों को दो महीने से नहीं मिला वेतन
author img

By

Published : Jul 17, 2023, 8:25 PM IST

Updated : Jul 17, 2023, 8:31 PM IST

करसोग/मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के करसोग में आपदा की इस मुश्किल घड़ी में मल्टी टास्क वर्कर कीचड़ से भरी सड़कों को साफ कर जनता का रास्ता आसान कर रहे हैं, लेकिन सरकार को इस मुश्किल हालातों में खून-पसीना बहाने वाले एमपीडब्ल्यू वर्कर का दर्द नहीं दिखाई दे रहा है. दरअसल, एमपीडब्ल्यू (मल्टी टास्क वर्कर) में कार्यरत मल्टी टास्क वर्करों को दो माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है. जिसे लेकर सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें मल्टी टास्क यूनियन ने सुखविंदर सिंह सरकार से नियमित तौर पर वेतन जारी करने मांग की है. ताकि महंगाई के इस दौर में उनका घर परिवार का गुजारा चल सके.

126 मल्टी टास्क वर्कर दे रहे हैं सेवाएं: करसोग एमपीडब्ल्यू डिवीजन के तहत कुल 126 मल्टी टास्क वर्कर सेवाएं दे रहे हैं. इन वर्करों को 4500 मासिक वेतन पर रखा गया था. इनकी नियुक्ति अगस्त 2022 में जयराम सरकार के समय में हुई थी, लेकिन अब प्रदेश में राज बदलने के बाद से मल्टी टास्क वर्करों के खाते में नियमित तौर पर सैलरी नहीं डाली जा रही है. ऐसे में सैंकड़ों वर्करों की मुश्किलें बढ़ गई है.

प्रदेश में न्यूनतम दिहाड़ी है 375 रुपये: बता दें, एमपीडब्ल्यू के इन वर्करों से नियमित कर्मचारियों की तरह 8 घंटे सेवाएं ली जा रही है. ऐसे में मल्टी टास्क वर्कर को खून-पसीना बहाने पर दिन में मात्र 150 रुपये मिलते हैं. जबकि प्रदेश की न्यूनतम दिहाड़ी भी 375 रुपये है. ऐसे में प्रदेश भर में हजारों मल्टी टास्क वर्करों को न्यूनतम दिहाड़ी से प्रति दिन 225 रुपये कम मिल रहे हैं. जिससे मल्टी टास्क वर्करों को परिवार का गुजारा चलाना भी मुश्किल हो रहा हैं.

दो महीने से नहीं मिला वेतन: करसोग मल्टी टास्क वर्कर यूनियन के अध्यक्ष भूपेंद्र कुमार का कहना है कि आपदा की इस घड़ी में मल्टी टास्क वर्कर मुश्किल हालतों में काम कर रहे हैं. इसके बाद भी नियमित तौर पर एमपीडब्ल्यू को वेतन नहीं मिल रहा हैं. उन्होंने कहा की अभी तक दो महीने का वेतन खाते में नहीं डाला गया है. वहीं, मंडी जोन के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर अनिल शर्मा का कहना है कि मेरे संज्ञान में अभी तक वेतन जारी न होने का मामला नहीं था. उन्होंने कहा कि किन कारणों एमपीडब्ल्यू को वेतन नही मिल रहा है. इस बारे में रिपोर्ट लेकर जल्द बकाया का वेतन का भुगतान किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: मंडी में सड़क किनारे काम कर रहे PWD के बेलदार पर गिरे पत्थर, अस्पताल पहुंचते ही तोड़ा दम

करसोग/मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के करसोग में आपदा की इस मुश्किल घड़ी में मल्टी टास्क वर्कर कीचड़ से भरी सड़कों को साफ कर जनता का रास्ता आसान कर रहे हैं, लेकिन सरकार को इस मुश्किल हालातों में खून-पसीना बहाने वाले एमपीडब्ल्यू वर्कर का दर्द नहीं दिखाई दे रहा है. दरअसल, एमपीडब्ल्यू (मल्टी टास्क वर्कर) में कार्यरत मल्टी टास्क वर्करों को दो माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है. जिसे लेकर सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें मल्टी टास्क यूनियन ने सुखविंदर सिंह सरकार से नियमित तौर पर वेतन जारी करने मांग की है. ताकि महंगाई के इस दौर में उनका घर परिवार का गुजारा चल सके.

126 मल्टी टास्क वर्कर दे रहे हैं सेवाएं: करसोग एमपीडब्ल्यू डिवीजन के तहत कुल 126 मल्टी टास्क वर्कर सेवाएं दे रहे हैं. इन वर्करों को 4500 मासिक वेतन पर रखा गया था. इनकी नियुक्ति अगस्त 2022 में जयराम सरकार के समय में हुई थी, लेकिन अब प्रदेश में राज बदलने के बाद से मल्टी टास्क वर्करों के खाते में नियमित तौर पर सैलरी नहीं डाली जा रही है. ऐसे में सैंकड़ों वर्करों की मुश्किलें बढ़ गई है.

प्रदेश में न्यूनतम दिहाड़ी है 375 रुपये: बता दें, एमपीडब्ल्यू के इन वर्करों से नियमित कर्मचारियों की तरह 8 घंटे सेवाएं ली जा रही है. ऐसे में मल्टी टास्क वर्कर को खून-पसीना बहाने पर दिन में मात्र 150 रुपये मिलते हैं. जबकि प्रदेश की न्यूनतम दिहाड़ी भी 375 रुपये है. ऐसे में प्रदेश भर में हजारों मल्टी टास्क वर्करों को न्यूनतम दिहाड़ी से प्रति दिन 225 रुपये कम मिल रहे हैं. जिससे मल्टी टास्क वर्करों को परिवार का गुजारा चलाना भी मुश्किल हो रहा हैं.

दो महीने से नहीं मिला वेतन: करसोग मल्टी टास्क वर्कर यूनियन के अध्यक्ष भूपेंद्र कुमार का कहना है कि आपदा की इस घड़ी में मल्टी टास्क वर्कर मुश्किल हालतों में काम कर रहे हैं. इसके बाद भी नियमित तौर पर एमपीडब्ल्यू को वेतन नहीं मिल रहा हैं. उन्होंने कहा की अभी तक दो महीने का वेतन खाते में नहीं डाला गया है. वहीं, मंडी जोन के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर अनिल शर्मा का कहना है कि मेरे संज्ञान में अभी तक वेतन जारी न होने का मामला नहीं था. उन्होंने कहा कि किन कारणों एमपीडब्ल्यू को वेतन नही मिल रहा है. इस बारे में रिपोर्ट लेकर जल्द बकाया का वेतन का भुगतान किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: मंडी में सड़क किनारे काम कर रहे PWD के बेलदार पर गिरे पत्थर, अस्पताल पहुंचते ही तोड़ा दम

Last Updated : Jul 17, 2023, 8:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.