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Mock Drill In Seraj: थुनाग में फिर आई बाढ़ तो कहीं हुआ भूस्खलन, आपदा से बचाव के लिए मॉकड्रिल

प्रदेशभर में जन जागरूकता अभियान के तहत थुनाग में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इस दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों और जवानों ने भाग लिया. साथ ही मलबे में फंसे हुए घायलों को सुरक्षित निकाला गया. पढ़ें पूरी खबर.. (Mock Drill In Mandi)

Mock drill for disaster prevention in Mandi
मंडी में आपदा से बचाव के लिए मॉक ड्रिल
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 13, 2023, 5:11 PM IST

Updated : Oct 13, 2023, 5:25 PM IST

सराज: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में थुनाग प्रशासन ने बाढ़, भूस्खलन, भूकंप और आपदा की स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल किया. आपदा के समय किस तरह से उपकरणों का उपयोग किया जा सकता है, इसको लेकर मॉक ड्रिल किया गया. वहीं, मॉक ड्रिल के दौरान क्या-क्या कमियां पाई गई, इसको लेकर भी रिपोर्ट तैयार की गई. दरअसल, आज सुबह 10: 30 मिनट पर उपमंडल थुनाग में यह मॉक ड्रिल शुरू हुई. सुबह साढ़े दस बजे सायरन बजते ही आपदा से बचाव के लिए मॉक ड्रिल शुरू किया गया. जानकारी के अनुसार, सायरन बजने के 7 मिनट बाद एंबुलेंस पहुंची तो वहीं, दो मिनट में स्थानीय प्रशासन पहुंचा. जिसके बाद घायलों को रेस्क्यू करने का काम शुरू कर दिया गया.

बता दें कि मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजते ही एक मिनट में बिजली काट दी गई. वहीं, इस साल 9 जुलाई को बाढ़ आई थी और भारी मलबे की चपेट में दो मंजिला घर मलवे की चपेट में आया था. उसी नाले में भूस्खलन और बाढ़ से बचाव को लेकर राहत एवं बचाव कार्य किए गए. वहीं, थुनाग में बाढ़ की चपेट में आए लोग की स्थिति को दर्शाया गया. जहां पर जाटा (जंजैहली एडवेंचर टूरिज्म एसोसिएशन) के युवकों, होमगार्ड, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन ने मिलकर राहत बचाव कार्य किया. इस दौरान आपदा की घड़ी में किस तरह से उपकरणों का इस्तेमाल किया जा सकता है, इसको लेकर मॉक ड्रिल किया गया. वहीं, इस दौरान क्या-क्या कमियां पाई गई, उसको लेकर भी रिपोर्ट तैयार की गई.

Mock Drill In Mandi
मंडी में आपदा से बचाव के लिए मॉक ड्रिल

स्वास्थ्य विभाग ने सीपीआर तकनीक से बचाई एक जान: थुनाग में अचानक आए बाढ़ में सात लोग घायल हो गए और एक की मलबे की चपेट में आने मौत हो गई. अग्निशमन विभाग ने सबसे पहले मलबे में दबे घायलों को सुरक्षित बाहर निकालकर एंबुलेंस से अस्पताल भेजा. वहीं, ज्यादा जख्मी घायलों को खुले सुरक्षित मैदान में ले जाकर स्वास्थ्य विभाग ने सीपीआर तकनीक के बारे बताया कि कैसे मरीज को सीपीआर की तकनीक से बचाया जा सकता है?

घरेलू सामान से बनाई स्ट्रेचर : प्राकृतिक आपदा में बाढ़ में फंसे घायलों को बाहर निकालने के लिए जाटा (जंजैहली एडवेंचर टूरिज्म एसोसिएशन ) ने अग्निशमन विभाग के कर्मचारी के साथ घरेलू सामान से स्ट्रेचर बनाई, जिसकी सहायता से घायलों को एंबुलेंस तक पहुंचाया गया. वहीं, एसडीएम थुनाग अमित कल्थाईक ने बताया कि मॉक ड्रिल के तहत थुनाग के भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति को दर्शाया गया. आपदा से बचाव को लेकर किस तरह से कार्य किया जा सकता है, इसके लिए मॉक ड्रिल की गई.

Mock Drill In Mandi
घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाते राहत एवं बचाव दल

अमित कल्थाईक ने कहा कि मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य है कि यदि आपदा आती है तो उस स्थिति से कैसे निपटा जा सकता है? किस तरह से आमजन को बाढ़, भूस्खलन और अन्य चीजों से बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के बारे में भी आज लोगों को जागरूक किया गया है, ताकि आपदा के समय में कोई भी जान-माल की हानि ना हो, इसके बारे में स्वास्थ्य विभाग ने विस्तार से जानकारी दी है.

ये भी पढ़ें: Kiratpur-Manali Fourlane: आपदा के बाद कीरतपुर-मनाली फोरलेन के डिजाइन में होगा बदलाव, 190 KM के दायरे में सड़क क्षतिग्रस्त, 2 साल और बढ़ी डेडलाइन

सराज: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में थुनाग प्रशासन ने बाढ़, भूस्खलन, भूकंप और आपदा की स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल किया. आपदा के समय किस तरह से उपकरणों का उपयोग किया जा सकता है, इसको लेकर मॉक ड्रिल किया गया. वहीं, मॉक ड्रिल के दौरान क्या-क्या कमियां पाई गई, इसको लेकर भी रिपोर्ट तैयार की गई. दरअसल, आज सुबह 10: 30 मिनट पर उपमंडल थुनाग में यह मॉक ड्रिल शुरू हुई. सुबह साढ़े दस बजे सायरन बजते ही आपदा से बचाव के लिए मॉक ड्रिल शुरू किया गया. जानकारी के अनुसार, सायरन बजने के 7 मिनट बाद एंबुलेंस पहुंची तो वहीं, दो मिनट में स्थानीय प्रशासन पहुंचा. जिसके बाद घायलों को रेस्क्यू करने का काम शुरू कर दिया गया.

बता दें कि मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजते ही एक मिनट में बिजली काट दी गई. वहीं, इस साल 9 जुलाई को बाढ़ आई थी और भारी मलबे की चपेट में दो मंजिला घर मलवे की चपेट में आया था. उसी नाले में भूस्खलन और बाढ़ से बचाव को लेकर राहत एवं बचाव कार्य किए गए. वहीं, थुनाग में बाढ़ की चपेट में आए लोग की स्थिति को दर्शाया गया. जहां पर जाटा (जंजैहली एडवेंचर टूरिज्म एसोसिएशन) के युवकों, होमगार्ड, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन ने मिलकर राहत बचाव कार्य किया. इस दौरान आपदा की घड़ी में किस तरह से उपकरणों का इस्तेमाल किया जा सकता है, इसको लेकर मॉक ड्रिल किया गया. वहीं, इस दौरान क्या-क्या कमियां पाई गई, उसको लेकर भी रिपोर्ट तैयार की गई.

Mock Drill In Mandi
मंडी में आपदा से बचाव के लिए मॉक ड्रिल

स्वास्थ्य विभाग ने सीपीआर तकनीक से बचाई एक जान: थुनाग में अचानक आए बाढ़ में सात लोग घायल हो गए और एक की मलबे की चपेट में आने मौत हो गई. अग्निशमन विभाग ने सबसे पहले मलबे में दबे घायलों को सुरक्षित बाहर निकालकर एंबुलेंस से अस्पताल भेजा. वहीं, ज्यादा जख्मी घायलों को खुले सुरक्षित मैदान में ले जाकर स्वास्थ्य विभाग ने सीपीआर तकनीक के बारे बताया कि कैसे मरीज को सीपीआर की तकनीक से बचाया जा सकता है?

घरेलू सामान से बनाई स्ट्रेचर : प्राकृतिक आपदा में बाढ़ में फंसे घायलों को बाहर निकालने के लिए जाटा (जंजैहली एडवेंचर टूरिज्म एसोसिएशन ) ने अग्निशमन विभाग के कर्मचारी के साथ घरेलू सामान से स्ट्रेचर बनाई, जिसकी सहायता से घायलों को एंबुलेंस तक पहुंचाया गया. वहीं, एसडीएम थुनाग अमित कल्थाईक ने बताया कि मॉक ड्रिल के तहत थुनाग के भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति को दर्शाया गया. आपदा से बचाव को लेकर किस तरह से कार्य किया जा सकता है, इसके लिए मॉक ड्रिल की गई.

Mock Drill In Mandi
घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाते राहत एवं बचाव दल

अमित कल्थाईक ने कहा कि मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य है कि यदि आपदा आती है तो उस स्थिति से कैसे निपटा जा सकता है? किस तरह से आमजन को बाढ़, भूस्खलन और अन्य चीजों से बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के बारे में भी आज लोगों को जागरूक किया गया है, ताकि आपदा के समय में कोई भी जान-माल की हानि ना हो, इसके बारे में स्वास्थ्य विभाग ने विस्तार से जानकारी दी है.

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Last Updated : Oct 13, 2023, 5:25 PM IST
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