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मंडी में मनरेगा मजदूरों के खातों में नहीं आई राशि, इन्होंने की 120 दिन काम देने की मांग

मंडी में मनरेगा मजदूरों के खातों में दो-दो हजार की राशि नहीं डाली गई. इसको लेकर ग्रामीण कामगार संगठन ने सरकार से राशि डालने की मांग की. उन्होंने कहा अभी तक मनरेगा के तहत काम करने वालों को 120 दिन काम नहीं दिया जा रहा.

MGNREGA labourers in mandi
मनरेगा मजदूरों के खातों में नहीं आई राशि.
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Published : Aug 19, 2020, 9:45 PM IST

मंडी: ग्रामीण कामगार संगठन के अध्यक्ष और जिला परिषद सदस्य संतराम ने श्रमिक कल्याण बोर्ड ने सरकार से प्रस्तावित राहत राशी न मिलने पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी श्रवण मांटा को ज्ञापन सौंपा. उनका कहना है कि प्रदेश सरकार ने करोना की महामारी के दौर में मनरेगा मजदूरों को दो-दो हजार रुपए देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक हजारों मजदूरों को यह राशी उनके खाते में नहीं डाली गई.

प्रदेश सरकार ने श्रमिक कल्याण बोर्ड से पंजीकृत मजदूरों को मार्च, अप्रैल और तीन महीनों के लिए प्रत्येक महीने के लिए दो दो हजार रुपए देने की अधिसूचना भी जारी की थी, लेकिन अभी तक हजारों मजदूरों को यह आर्थिक सहायता नहीं मिली.

वीडियो.

संत राम ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में इस समय मनरेगा मजदूर एक-एक रुपए के लिए परेशान हो रहा है, लेकिन सरकार उनकी परेशानियों को नहीं समझ रही है. वहीं, दूसरी तरफ संत राम ने कहा कि प्रदेश सरकार एक साल में मनरेगा मजदूरों को 120 दिन काम देने की अधिसूचना जारी कर दी, लेकिन व्यवहारिक तौर पर अभी तक मनरेगा मजदूरों के 100 से अधिक काम नहीं मिल रहा.

उन्होंने सरकार से मांग की मनरेगा मजदूरों की आर्थिक परेशानियों को देखते हुए का मनरेगा मजदूरों को व्यवहारिक तौर पर 120 दिन का रोजगार दिया जाए. जिन मजदूरों के खाते में 2 हजार अभी तक नहीं डाले गए हैं, उन्हें भी खाते में जमा किया जाए. संगठन का कहना है कि यदि उनकी मांगों को जल्द नहीं माना जाता तो वह मजदूरों के साथ आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.

ये भी पढ़ें : हिमाचल में कोरोना से 18वीं मौत, चंबा की 48 वर्षीय महिला ने धर्मशाला में तोड़ा दम

मंडी: ग्रामीण कामगार संगठन के अध्यक्ष और जिला परिषद सदस्य संतराम ने श्रमिक कल्याण बोर्ड ने सरकार से प्रस्तावित राहत राशी न मिलने पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी श्रवण मांटा को ज्ञापन सौंपा. उनका कहना है कि प्रदेश सरकार ने करोना की महामारी के दौर में मनरेगा मजदूरों को दो-दो हजार रुपए देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक हजारों मजदूरों को यह राशी उनके खाते में नहीं डाली गई.

प्रदेश सरकार ने श्रमिक कल्याण बोर्ड से पंजीकृत मजदूरों को मार्च, अप्रैल और तीन महीनों के लिए प्रत्येक महीने के लिए दो दो हजार रुपए देने की अधिसूचना भी जारी की थी, लेकिन अभी तक हजारों मजदूरों को यह आर्थिक सहायता नहीं मिली.

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संत राम ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में इस समय मनरेगा मजदूर एक-एक रुपए के लिए परेशान हो रहा है, लेकिन सरकार उनकी परेशानियों को नहीं समझ रही है. वहीं, दूसरी तरफ संत राम ने कहा कि प्रदेश सरकार एक साल में मनरेगा मजदूरों को 120 दिन काम देने की अधिसूचना जारी कर दी, लेकिन व्यवहारिक तौर पर अभी तक मनरेगा मजदूरों के 100 से अधिक काम नहीं मिल रहा.

उन्होंने सरकार से मांग की मनरेगा मजदूरों की आर्थिक परेशानियों को देखते हुए का मनरेगा मजदूरों को व्यवहारिक तौर पर 120 दिन का रोजगार दिया जाए. जिन मजदूरों के खाते में 2 हजार अभी तक नहीं डाले गए हैं, उन्हें भी खाते में जमा किया जाए. संगठन का कहना है कि यदि उनकी मांगों को जल्द नहीं माना जाता तो वह मजदूरों के साथ आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.

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