मंडी: हिमाचल प्रदेश के करसोग में इन दिनों घरों में मटमैले पानी की सप्लाई हो रही है. जिससे क्षेत्र में जलजनित रोगों के फैलने का डर बना हुआ है. बता दें कि पहले भी बरसात के मौसम में दूषित पेयजल के वजह से मैहंडी पंचायत में 40 लोग डायरिया की चपेट में आए थे, लेकिन इसके बाद भी जल शक्ति विभाग पानी की सप्लाई को लेकर गंभीर नहीं हुआ. ऐसे में लोगों ने नलों में आ रही मटमैले पानी की सप्लाई को लेकर उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है. ताकि जनता के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोका जा सके.
दरअसल, करसोग में मटमैले पानी की सप्लाई का ये पहला मामला नहीं है. यहां जनता पिछले कई सालों से दूषित पेयजल की समस्या से जूझ रही है. इस बारे में कई बार मामले को विभिन्न मंचों के माध्यम से उठाया जा चुका है, लेकिन जनता की कहीं भी सुनवाई नहीं हुई है.
सनारली में दूषित पेयजल की सप्लाई से लोग परेशान: करसोग तहसील मुख्यालय से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर सनारली में लोग दूषित पेयजल की सप्लाई से परेशान है. यहां पिछले कुछ दिनों से नलों में मटमैला पानी आ रहा है. जो बिल्कुल भी पीने लायक नहीं है. यही नहीं मटमैले पानी की सप्लाई की वजह से लोगों के पानी की टंकियां भी मिट्टी से भर गई हैं. ऐसे में क्षेत्र के लोगों को जल जनित रोगों के फैलने का खतरा सता रहा है. वहीं. इस मामले को लेकर लोगों ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों से भी गुहार लगाया है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. ऐसे में लोगों ने विभाग के उच्चाधिकारियों से मामले पर संज्ञान लिए जाने की मांग की है. ताकि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो सके.
करसोग जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता कृष्ण कुमार शर्मा का कहना है कि "मामला ध्यान में आया है. इस बारे में जूनियर इंजीनियर को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्य पेयजल में सड़क निर्माण की वजह खड्डों में मलबा आ रहा है. जिसके कारण मटमैले पानी की समस्या पैदा हो रही है. वहीं, इससे निपटने के भी प्रयास किए जा रहे हैं. ताकि लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा सके."