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Mandi Crime News: स्कूल छात्र से कुकर्म मामले में पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई सजा, दोषी को 20 साल कठोर कारावास व 1 लाख जुर्माने की सजा

मंडी पॉक्सो कोर्ट ने स्कूली छात्र से लैंगिक उत्पीड़न करने के दोषी को 20 साल कठोर कारावास और 1 लाख जुर्माने की सजा सुनाई है. पढ़िए पूरी खबर...(Mandi Student sexual Harassment case) (Mandi POCSO court).

Mandi Crime News
स्कूल छात्र से कुकर्म मामला
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 10, 2023, 7:09 AM IST

मंडी: स्कूल छात्र के साथ दुर्व्यवहार, मारपीट और लैंगिक उत्पीड़न मामले में विशेष न्यायाधीश जिला मंडी की अदालत ने दोषी को पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही ₹1 लाख का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, मामले में दूसरे आरोपी पर दोष सिद्ध नहीं होने पर अदालत ने बरी कर दिया.

पॉक्सो कोर्ट ने दोषी को भारतीय दंड सहिंता धारा 377 के तहत 10 साल की कठोर कारावास और 20 हजार जुर्माने की सजा, धारा 506(2) के तहत 2 साल की कठोर कारावास, धारा 323 के तहत 1 वर्ष की कठोर कारावास, भारतीय दंड सहिंता की धारा 341 के तहत एक महीने कारावास की सजा के साथ 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को प्रत्येक धारा में 2 वर्ष से 6 माह तक के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भी सुनाई.

जिला न्यायवादी मंडी विनोद भारद्वाज ने बताया कि 25 अक्टूबर 2019 को पीड़ित छात्र के माता-पिता ने पुलिस को शिकायत पत्र दिया था. जिसमें उन्होंने बताया कि उनके बच्चे की उम्र 11 साल है. वह सातवीं कक्षा में पढ़ता है. उसके साथ स्कूल के दो लड़कों ने दुर्व्यवहार करने के साथ मारपीट की हैं. साथ ही छात्र का लैंगिक उत्पीड़न भी करते हैं. माता-पिता के अनुसार उनके बच्चे के साथ यह सब बीते 1 महीने से हो रहा था. पीड़ित छात्र ने माता-पिता को यह भी बताया कि उन्होंने उसके साथ 13-14 बार पहले भी उत्पीड़न किया था.

शिकायतकर्ता के अनुसार दोनों लड़कों ने पीड़ित को धमकी दी थी कि यदि यह बात किसी को भी बताई तो वे उसे जान से मार देंगे. 25 अक्टूबर 2019 की सुबह पीड़ित छात्र जब अपने पिता के साथ जा रहा था. तभी पीड़ित छात्र ने उन लड़कों के बारे में बताया, जो उसका उत्पीड़न करता था. पीड़ित ने पिता को यह भी बताया कि 18 अक्टूबर को भी उन्होंने उसका उत्पीड़न किया था. शिकायतकर्ता ने यह भी शिकायत की थी कि दोनों लड़कों के परिवार वालों ने उनका रास्ता रोककर पत्थरों और डंडों से उनके साथ मारपीट की.

परिजनों की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ थाना बल्ह में मुकदमा दर्ज किया गया. मामले की छानबीन पूरी होने पर थानाधिकारी थाना बल्ह ने चालान अदालत में दायर किया था. मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 16 गवाहों के बयान कलम बंद करवाए थे. मामले में न्यायालय में समक्ष मुकद्दमें की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से मामले की पैरवी लोक अभियोजक नवीना राही, चानन सिंह और श्नितिन शर्मा द्वारा की गई.

ये भी पढ़ें: Mandi Rape Case: नाबालिग से करता था गलत काम, कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत सुनाई 20 साल कठोर कारावास व 1 लाख जुर्माने की सजा

मंडी: स्कूल छात्र के साथ दुर्व्यवहार, मारपीट और लैंगिक उत्पीड़न मामले में विशेष न्यायाधीश जिला मंडी की अदालत ने दोषी को पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही ₹1 लाख का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, मामले में दूसरे आरोपी पर दोष सिद्ध नहीं होने पर अदालत ने बरी कर दिया.

पॉक्सो कोर्ट ने दोषी को भारतीय दंड सहिंता धारा 377 के तहत 10 साल की कठोर कारावास और 20 हजार जुर्माने की सजा, धारा 506(2) के तहत 2 साल की कठोर कारावास, धारा 323 के तहत 1 वर्ष की कठोर कारावास, भारतीय दंड सहिंता की धारा 341 के तहत एक महीने कारावास की सजा के साथ 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को प्रत्येक धारा में 2 वर्ष से 6 माह तक के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भी सुनाई.

जिला न्यायवादी मंडी विनोद भारद्वाज ने बताया कि 25 अक्टूबर 2019 को पीड़ित छात्र के माता-पिता ने पुलिस को शिकायत पत्र दिया था. जिसमें उन्होंने बताया कि उनके बच्चे की उम्र 11 साल है. वह सातवीं कक्षा में पढ़ता है. उसके साथ स्कूल के दो लड़कों ने दुर्व्यवहार करने के साथ मारपीट की हैं. साथ ही छात्र का लैंगिक उत्पीड़न भी करते हैं. माता-पिता के अनुसार उनके बच्चे के साथ यह सब बीते 1 महीने से हो रहा था. पीड़ित छात्र ने माता-पिता को यह भी बताया कि उन्होंने उसके साथ 13-14 बार पहले भी उत्पीड़न किया था.

शिकायतकर्ता के अनुसार दोनों लड़कों ने पीड़ित को धमकी दी थी कि यदि यह बात किसी को भी बताई तो वे उसे जान से मार देंगे. 25 अक्टूबर 2019 की सुबह पीड़ित छात्र जब अपने पिता के साथ जा रहा था. तभी पीड़ित छात्र ने उन लड़कों के बारे में बताया, जो उसका उत्पीड़न करता था. पीड़ित ने पिता को यह भी बताया कि 18 अक्टूबर को भी उन्होंने उसका उत्पीड़न किया था. शिकायतकर्ता ने यह भी शिकायत की थी कि दोनों लड़कों के परिवार वालों ने उनका रास्ता रोककर पत्थरों और डंडों से उनके साथ मारपीट की.

परिजनों की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ थाना बल्ह में मुकदमा दर्ज किया गया. मामले की छानबीन पूरी होने पर थानाधिकारी थाना बल्ह ने चालान अदालत में दायर किया था. मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 16 गवाहों के बयान कलम बंद करवाए थे. मामले में न्यायालय में समक्ष मुकद्दमें की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से मामले की पैरवी लोक अभियोजक नवीना राही, चानन सिंह और श्नितिन शर्मा द्वारा की गई.

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