ETV Bharat / state

SPECIAL: पराशर ऋषि ने राजा के जिद्द पर दिया था प्रत्यक्ष प्रमाण, अष्ट धातु में बदल गई थी सोने की प्रतिमा - mandi shivratri 2020

देवता पराशर ऋषि के देवव्रत शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत नहीं करते हैं. जबकि देवता के पंख महोत्सव में सदियों से शिरकत कर रहे हैं. पंख देवता का ही एक प्रत्येक होता है, जो हर साल शिवरात्रि महोत्सव में छोटी काशी मंडी में लोगों को दर्शन देने के लिए पहुंचता है.

story of prashar rishi mandi
मंडी शिवरात्री क्यों नहीं आते पराशर ऋषि
author img

By

Published : Feb 28, 2020, 6:27 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 9:06 PM IST

मंडीः अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव देव और मानस का मिलन है. साल में एक बार ही यह भव्य मिलन छोटी काशी मंडी में होता है. इलाका उत्तरशाल के देव पराशर ऋषि इस देव और मानस के मिलन में सदियों से भाग ले रहे हैं.

देवता की पराशर में एक पवित्र झील है. देव पराशर ऋषि को मंडी जिला के सभी देवताओं का दादा माना जाता है. जिस वजह से उन्हें सबसे वरिष्ठ देवता भी माने जाते हैं. साथ ही उन्हें मंडी रियासत के कुलदेवता का दर्जा भी प्राप्त है.

पराशर ऋषि और मंडी के राजा की एक रोचक कहानी

देवदर्शन केकड़ी में देवता के पुजारी अमर सिंह से विशेष बातचीत में बताया कि देवता पराशर ऋषि का देवव्रत शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत नहीं करते हैं. जबकि देवता के पंख महोत्सव में सदियों से शिरकत कर रहे हैं. पंख देवता का ही एक प्रत्येक होता है, जो हर साल शिवरात्रि महोत्सव में छोटी काशी मंडी में लोगों को दर्शन देने के लिए पहुंचता है.

वीडियो.

पुजारी अमर सिंह ने कहा कि एक बार मंडी के राजा ने पराशर ऋषि के देवरथ या जिसे स्थानीय भाषा में खारा भी कहा जाता है, उसे लाने की जिद की थी, लेकिन देवता ने देवरथ लाने से मना कर दिया था. इस पर मंडी के राजा ने पराशर ऋषि की परीक्षा लेने का फैसला किया.

राजा ने सोने की एक मूर्ति देवता के पुजारियों को भेंट की और कहा कि यदि यह मूर्ति सुबह तक अपना रंग नहीं बदलेगी, तो देवता के देवरथ को शिवरात्रि महोत्सव में आना होगा. यदि देवता शिवरात्रि महोत्सव में नहीं आना चाहते हैं, तो वह अपना प्रमाण दें.

इसके बाद इस प्रतिमा को कड़े पहरे में रखा गया और अगली सुबह जब राजा ने तस्वीर को देखा तो यह किसी अन्य धातु में तब्दील हो गई थी और इसमें कुल देवता पराशर ऋषि के दर्शन भी राजा को हुए. इससे राजा ने अपनी जिद्द छोड़ दी और तब से ही देवता का पंख ही शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करते हैं. वहीं, पुजारी जी के अनुसार देवता का देवरथ साल में दो बार ही अपने मूल स्थान से बाहर निकलता है.

ये भी पढ़ेंः SPECIAL: मंडी शिवरात्रि महोत्सव, एक देवता ऐसे भी जो नशा करने पर काटते हैं चालान!

मंडीः अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव देव और मानस का मिलन है. साल में एक बार ही यह भव्य मिलन छोटी काशी मंडी में होता है. इलाका उत्तरशाल के देव पराशर ऋषि इस देव और मानस के मिलन में सदियों से भाग ले रहे हैं.

देवता की पराशर में एक पवित्र झील है. देव पराशर ऋषि को मंडी जिला के सभी देवताओं का दादा माना जाता है. जिस वजह से उन्हें सबसे वरिष्ठ देवता भी माने जाते हैं. साथ ही उन्हें मंडी रियासत के कुलदेवता का दर्जा भी प्राप्त है.

पराशर ऋषि और मंडी के राजा की एक रोचक कहानी

देवदर्शन केकड़ी में देवता के पुजारी अमर सिंह से विशेष बातचीत में बताया कि देवता पराशर ऋषि का देवव्रत शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत नहीं करते हैं. जबकि देवता के पंख महोत्सव में सदियों से शिरकत कर रहे हैं. पंख देवता का ही एक प्रत्येक होता है, जो हर साल शिवरात्रि महोत्सव में छोटी काशी मंडी में लोगों को दर्शन देने के लिए पहुंचता है.

वीडियो.

पुजारी अमर सिंह ने कहा कि एक बार मंडी के राजा ने पराशर ऋषि के देवरथ या जिसे स्थानीय भाषा में खारा भी कहा जाता है, उसे लाने की जिद की थी, लेकिन देवता ने देवरथ लाने से मना कर दिया था. इस पर मंडी के राजा ने पराशर ऋषि की परीक्षा लेने का फैसला किया.

राजा ने सोने की एक मूर्ति देवता के पुजारियों को भेंट की और कहा कि यदि यह मूर्ति सुबह तक अपना रंग नहीं बदलेगी, तो देवता के देवरथ को शिवरात्रि महोत्सव में आना होगा. यदि देवता शिवरात्रि महोत्सव में नहीं आना चाहते हैं, तो वह अपना प्रमाण दें.

इसके बाद इस प्रतिमा को कड़े पहरे में रखा गया और अगली सुबह जब राजा ने तस्वीर को देखा तो यह किसी अन्य धातु में तब्दील हो गई थी और इसमें कुल देवता पराशर ऋषि के दर्शन भी राजा को हुए. इससे राजा ने अपनी जिद्द छोड़ दी और तब से ही देवता का पंख ही शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करते हैं. वहीं, पुजारी जी के अनुसार देवता का देवरथ साल में दो बार ही अपने मूल स्थान से बाहर निकलता है.

ये भी पढ़ेंः SPECIAL: मंडी शिवरात्रि महोत्सव, एक देवता ऐसे भी जो नशा करने पर काटते हैं चालान!

Last Updated : Feb 28, 2020, 9:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.