मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के ब्यास नदी का जलस्तर ज्यादा बढ़ गया है. दरअसल, पहले गर्मी के कारण बर्फ पिघलने से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ा और अब प्री-मॉनसून की दस्तक से नदी-नाले उफान पर हैं. ऐसे में प्रशासन ने लोगों से नदी के किनारे न जाने की अपील की है. वहीं, पंडोह डैम से अब साढ़े 15 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड की दर से छोड़ा जा रहा है. बीबीएमबी पंडोह के वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता ई. राजेश हांडा ने बताया कि पंडोह डैम में साढ़े 22 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड की दर से आ रहा है जिसमें से साढ़े 15 हजार क्यूसेक पानी ब्यास नदी में छोड़ा जा रहा है. रूटीन के तहत सुंदरनगर जो पानी भेजा जाता है वो भेजा जा रहा है.
एक गेट से 70 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड छोड़ने की क्षमता: दरअसल, मंडी जिले से होकर बहने वाली ब्यास नदी का जलस्तर भी काफी ज्यादा बढ़ गया है. पानी छोड़ने के लिए डैम का सिर्फ एक गेट को जरूरत के हिसाब से खोला गया है. एक गेट से ही 70 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड की दर से छोड़ने की क्षमता है, जबकि अभी सिर्फ साढ़े 15 हजार क्यूसेक पानी ही छोड़ा जा रहा है. बरसात के दौरान जलस्तर बढ़ना और अधिक मात्रा में पानी छोड़ने की प्रक्रिया स्वभाविक है. इस संदर्भ में पहले से ही अलर्ट जारी कर रखे हैं और लोगों से अपील की गई है कि वे नदी-नालों के नजदीक ना जाएं.
'कल सुबह लारजी डैम से छोड़ा जाएगा पानी': 25 जून सुबह 6 बजे से 26 जून सुबह 6 बजे तक लारजी डैम के सभी गेट खोले जा रहे हैं. यह प्रक्रिया डैम में जमा सिल्ट की निकासी के लिए की जा रही है. राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड थलौट के वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता अजय ठाकुर ने लोगों से आग्रह किया है कि इस दौरान लारजी बांध से लेकर पंडोह बांध तक ब्यास नदी के किनारे कोई भी व्यक्ति न जाए और पशुओं को भी नदी के किनारे ना छोड़ा जाए, ताकि किसी तरह का जान व माल का नुकसान नहीं हो सके. उन्होंने बताया कि इस दौरान लारजी पॉवर स्टेशन विद्युत् गृह में उत्पादन भी पूरी तरह बंद रहेगा. इस कार्य को सफलता पूर्वक करने हेतु नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा और सायरन और प्रचार वाहन के माध्यम से लोगों को सूचित किया जाएगा.
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