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मंडी में अपात्रों को राहत राशि बांटने की मिली शिकायत, हरकत में आया प्रशासन, प्रभावितों का वैरिफिकेशन करने के आदेश

मंडी जिले में अपात्र लोगों को राहत राशि बांटने की प्रशासन को शिकायत मिली है. जिसके बाद प्रशासन ने आपदा राहत राशि वितरण पर फिलहाल के लिए रोक लगा दिया है. साथ ही डीसी ने अधिकारियों को सभी प्रभावितों के वैरिफिकेशन के आदेश दिए हैं. पढ़िए पूरी खबर...(Mandi disaster relief amount distributed) (Ineligible got disaster relief amount in Mandi)

Mandi disaster relief amount distributed
मंडी में अपात्रों को राहत राशि बांटने की मिली शिकायत
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 3, 2023, 6:48 PM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के बाद अब सरकार की ओर से प्रभावितों को राहत राशि वितरित की जा रही है, लेकिन इसी बीच मंडी जिले में अपात्रों को राहत राशि बांटे जाने की शिकायत मिली है. जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. फिलहाल राहत राशि वितरण पर रोक लगा दिया गया है. साथ ही सभी प्रभावितों का वैरिफिकेशन किया जा रहा है.

मंडी जिला में आपदा प्रभावितों को मिलने वाली राहत राशि पर प्रशासन ने रोक लगा दी है. प्रशासन अब सभी प्रभावितों की वेरीफिकेशन करने के बाद ही यह राशि वितरित करेगा. दरअसल प्रशासन के पास कुछ ऐसी शिकायतें पहुंची, जिसमें कहा गया कि अपात्र लोगों को राहत राशि का पैसा बांटा जा रहा है. इन शिकायतों पर जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से राहत राशि के आवंटन पर रोक लगा दिया है.

डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने बताया कि अभी तक 3800 से ज्यादा प्रभावितों को राहत राशि बांटी जा चुकी है. 4 हजार से ज्यादा मामले अभी लंबित हैं. शिकायत मिलने के बाद हर चीज को वैरिफाई किया जा रहा है. वैरिफिकेशन के बाद ही राशि बांटी जाएगी. यदि किसी अपात्र को राशि आवंटित हुई होगी तो, उससे हर हाल में रिकवरी की जाएगी.

डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने सभी एसडीएम और तहसीलदार को आदेश जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि जो भी प्रभावित हैं, उनकी सही ढंग से वैरिफिकेशन की जाए. सबसे पहले पटवारी वैरिफिकेशन करेगा और फिर उसे कानूनगो वैरिफाइ करेगा. यदि तहसीलदार या एसडीएम को उसमें कानूनगो की वैरिफिकेशन में कोई शंका नजर आती है तो, फिर वो खुद मौके पर जाकर वैरिफिकेशन करेंगे. जब तक प्रभावित पूरी तरह से वैरिफाई नहीं हो जाता, तब तक उसके खाते में राहत राशि जमा नहीं की जाएगी.

बता दें कि मंडी जिला प्रशासन के पास पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकान प्रभावितों की संख्या 991 हो गई है. जबकि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकान प्रभावितों की संख्या 2800 पहुंच चुकी है. गौशाला क्षतिग्रस्त होने पर अब 50 हजार की राशि देने का प्रावधान किया गया है. ऐसे में अब जिला प्रशासन के पास 2400 मामले गौशालाओं के पहुंच गए हैं, लेकिन इन सबके के बीच शिकायतें भी पहुंच गई और उन पर कार्रवाई करते हुए राहत राशि के आवंटन पर रोक लगा दी गई है.

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मंडी: हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के बाद अब सरकार की ओर से प्रभावितों को राहत राशि वितरित की जा रही है, लेकिन इसी बीच मंडी जिले में अपात्रों को राहत राशि बांटे जाने की शिकायत मिली है. जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. फिलहाल राहत राशि वितरण पर रोक लगा दिया गया है. साथ ही सभी प्रभावितों का वैरिफिकेशन किया जा रहा है.

मंडी जिला में आपदा प्रभावितों को मिलने वाली राहत राशि पर प्रशासन ने रोक लगा दी है. प्रशासन अब सभी प्रभावितों की वेरीफिकेशन करने के बाद ही यह राशि वितरित करेगा. दरअसल प्रशासन के पास कुछ ऐसी शिकायतें पहुंची, जिसमें कहा गया कि अपात्र लोगों को राहत राशि का पैसा बांटा जा रहा है. इन शिकायतों पर जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से राहत राशि के आवंटन पर रोक लगा दिया है.

डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने बताया कि अभी तक 3800 से ज्यादा प्रभावितों को राहत राशि बांटी जा चुकी है. 4 हजार से ज्यादा मामले अभी लंबित हैं. शिकायत मिलने के बाद हर चीज को वैरिफाई किया जा रहा है. वैरिफिकेशन के बाद ही राशि बांटी जाएगी. यदि किसी अपात्र को राशि आवंटित हुई होगी तो, उससे हर हाल में रिकवरी की जाएगी.

डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने सभी एसडीएम और तहसीलदार को आदेश जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि जो भी प्रभावित हैं, उनकी सही ढंग से वैरिफिकेशन की जाए. सबसे पहले पटवारी वैरिफिकेशन करेगा और फिर उसे कानूनगो वैरिफाइ करेगा. यदि तहसीलदार या एसडीएम को उसमें कानूनगो की वैरिफिकेशन में कोई शंका नजर आती है तो, फिर वो खुद मौके पर जाकर वैरिफिकेशन करेंगे. जब तक प्रभावित पूरी तरह से वैरिफाई नहीं हो जाता, तब तक उसके खाते में राहत राशि जमा नहीं की जाएगी.

बता दें कि मंडी जिला प्रशासन के पास पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकान प्रभावितों की संख्या 991 हो गई है. जबकि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकान प्रभावितों की संख्या 2800 पहुंच चुकी है. गौशाला क्षतिग्रस्त होने पर अब 50 हजार की राशि देने का प्रावधान किया गया है. ऐसे में अब जिला प्रशासन के पास 2400 मामले गौशालाओं के पहुंच गए हैं, लेकिन इन सबके के बीच शिकायतें भी पहुंच गई और उन पर कार्रवाई करते हुए राहत राशि के आवंटन पर रोक लगा दी गई है.

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