मंडी: जिला मंडी में जिला परिषद के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का पलड़ा भारी रहा है, बीजेपी के खाते में जिला परिषद की 20 सीटें आई हैं. वहीं, कांग्रेस को एक बार फिर से इन चुनावों में मुंह की खानी पड़ी है. जिला में कांग्रेस मात्र सात सीटें ही जीत पाई है. पार्टी को जिला में इतनी कम सीटें मिलने पर जिला कांग्रेस कमेटी ने मंथन शुरू कर दिया है.
कांग्रेस कमेटी जिला अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी ने कहा कि जिला में कांग्रेस की हार की वजह अपने ही लोग रहे. जिला परिषद के अधिकतर भागों में कांग्रेस के तीन चार उम्मीदवार खड़े हो गए थे. जिस वजह से भाजपा प्रत्याशियों को इसका फायदा मिल गया. वहीं, उन्होंने प्रदेश सरकार के द्वारा जारी किए गए आरक्षण रोस्टर पर भी एक बार फिर से सवाल उठाया हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को जिताने के लिए आरक्षण रोस्टर में गड़बड़ी की है.
आजाद चुनाव लड़ने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई
प्रकाश चौधरी ने कहा कि जिला परिषद के सदस्य जो निर्दलीय जीत कर सामने आए हैं, उनमें अधिकतर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी हैं. पंचायत समिति की में बल्ह विकास खंड से भाजपा को 21 में से मात्र 4 ही सीटें मिल पाई हैं और 17 सीटें कांग्रेस को मिली हैं. कांग्रेस नेता प्रकाश चौधरी ने कहा कि मंडी जिला में पंचायती राज चुनावों में अपने समर्थित उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले पदाधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
भाजपा ने भी कार्रवाई
आपको बता दें कि इससे पूर्व भारतीय जनता पार्टी मंडी मंडल द्वारा बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ने पर तीन पदाधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें दायित्व मुक्त कर दिया गया था.
पढ़ें: सिराज: CM जयराम ने किया सिविल कोर्ट थुनाग का उद्घाटन, बार एसोसिएशन के लिए की 5 लाख की घोषणा