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मानसून दस्तक के साथ बढ़ा जल जनित रोगों का खतरा, मंडी CMO ने लोगों को दी ये सलाह - स्वच्छता का ध्यान

प्रदेश में हर साल मानसून की दस्तक के साथ ही जल जनित रोगों के मामले भी बढ़ते हैं. ऐसे में मंडी जिला स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन सतर्क हो गया है. जिला मंडी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेंद्र शर्मा और उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने जल जनित रोगों से बचने के लिए लोगों से स्वच्छता का खास ध्यान रखने की अपील की है.

Mandi CMO advised people
फाइल फोटो.
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Published : Jul 7, 2020, 2:16 PM IST

मंडी: हिमाचल में मानसून दस्तक दे चुका है और बारिश के साथ आने वाले रोगों के खतरे भी बढ़ गए हैं. मानसून में दूषित जल से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में जिला मंडी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेंद्र शर्मा और उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने जिला के लोगों से स्वच्छता का खास ध्यान रखने की अपील की है.

जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि रोगाणुओं, हानिकारक अशुद्धियों और अनावश्यक मात्रा में लवणों से युक्त दूषित जल अनेक बीमारियों को जन्म देता है. दूषित जल पीने से पीलिया, टाइफाइड, डायरिया, बुखार, हैजा, हैपेटाइटिस जैसी बीमारियां होने का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है . ऐसे किसी रोग की चपेट में आने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लें.

डॉक्टर देवेंद्र शर्मा का कहना है कि अगर हम व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें तो जल जनित रोगों से बचाव किया जा सकता है. उन्होंने सलाह दी कि हमेशा शौच के बाद साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं, खाने से पहले भी हाथ धोएं और गंदे जल स्रोतों से पानी न पिएं, पानी को उबालकर पिएं.

वहीं, उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने जिला मंडी के लोगों से जल स्त्रोतों को साफ-सुथरा रखने में सहयोग करने और अपने आस-पास के परिवेश में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की अपील की. उन्होंने लोगों से अपने घरों में पानी की टंकियों की समय-समय पर सफाई करने और अस्वच्छ पेयजल एवं खाद्य् पदार्थों के सेवन से बचने का आग्रह भी किया है.

डीसी ने कहा कि जिला में संबंधित विभागों को सभी पेयजल योजनाओं और जल स्त्रोतों की सफाई के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों एवं स्थानीय लोगों की मदद से व्यापक अभियान छेड़ा गया है. स्वच्छता का ध्यान रखकर जल जनित रोगों से बचा जा सकता है.

मंडी: हिमाचल में मानसून दस्तक दे चुका है और बारिश के साथ आने वाले रोगों के खतरे भी बढ़ गए हैं. मानसून में दूषित जल से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में जिला मंडी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेंद्र शर्मा और उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने जिला के लोगों से स्वच्छता का खास ध्यान रखने की अपील की है.

जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि रोगाणुओं, हानिकारक अशुद्धियों और अनावश्यक मात्रा में लवणों से युक्त दूषित जल अनेक बीमारियों को जन्म देता है. दूषित जल पीने से पीलिया, टाइफाइड, डायरिया, बुखार, हैजा, हैपेटाइटिस जैसी बीमारियां होने का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है . ऐसे किसी रोग की चपेट में आने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लें.

डॉक्टर देवेंद्र शर्मा का कहना है कि अगर हम व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें तो जल जनित रोगों से बचाव किया जा सकता है. उन्होंने सलाह दी कि हमेशा शौच के बाद साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं, खाने से पहले भी हाथ धोएं और गंदे जल स्रोतों से पानी न पिएं, पानी को उबालकर पिएं.

वहीं, उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने जिला मंडी के लोगों से जल स्त्रोतों को साफ-सुथरा रखने में सहयोग करने और अपने आस-पास के परिवेश में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की अपील की. उन्होंने लोगों से अपने घरों में पानी की टंकियों की समय-समय पर सफाई करने और अस्वच्छ पेयजल एवं खाद्य् पदार्थों के सेवन से बचने का आग्रह भी किया है.

डीसी ने कहा कि जिला में संबंधित विभागों को सभी पेयजल योजनाओं और जल स्त्रोतों की सफाई के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों एवं स्थानीय लोगों की मदद से व्यापक अभियान छेड़ा गया है. स्वच्छता का ध्यान रखकर जल जनित रोगों से बचा जा सकता है.

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