मंडी: पर्यटन नगरी मनाली इन दिनों पर्यटकों से गुलजार हुआ करती थी, लेकिन बीती 9 जुलाई को भारी बारिश के कारण आए महाजलप्रयल ने पर्यटन नगरी मनाली की तस्वीर बदल कर रख दी है. इस महाजलप्रलय के कारण हिमाचल में पर्यटक न पहुंचने से जहां अब मंडी से लेकर मनाली तक के होटल कारोबारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है, वहीं कुल्लू मनाली चलने वाली निजी बसों के ऑपरेटरों के लिए भी मंदी का दौर शुरू हो गया है.
चंडीगढ़-मनाली NH सहित सैंकड़ों सड़कें हैं प्रभावित: बता दें कि हिमाचल में बारी बारिश के चलते आई आपदा से कीरतपुर-मनाली फोरलेन, चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे सहित सैंकड़ों सड़कें जगह-जगह से प्रभावित हुई है. जिसका सीधा असर अब होटल व्यावसायियों और बस ऑपरेटरों पर पड़ रहा है. निजी बस ऑपरेटरों की कभी फुल होकर कुल्लू -मनाली जाने वाली बसों में आज इक्का-दूक्का सवारियां ही सफर कर रही है. इस त्रासदी के बाद इन बसों में 60 से 70 प्रतिशत सवारियों कम हो गई है.
प्रत्येेक बस का होता था 4 हजार का काउंटर: मंडी से प्राइवेट ऑपरेटरों की 120 के करीब बसे हैं जो मंडी से कुल्लू रूट चलती हैं, लेकिन इन दिनों 30 से 40 बसे ही इस रूट पर जा रही है. ऑपरेटरों का कहना है कि इन बसों को भी सवारियां नहीं मिल रही है. जिस कारण उन्हें यह बसें भी घाटे पर चलानी पड़ रही हैं. ऑपरेटरों का कहना है कि जहां पहले रोजाना प्रत्येेक बस का 4 हजार का काउंटर होता था, आज वहीं 1 हजार रह गया है. जिससे उनके डीजल के भी पैसे पूरे नहीं हो रहे हैं.
वहीं, प्राइवेट बस ऑपरेटरों का कहना है कि चंडीगढ़ नेशनल हाइवे पर 6 मील के पास रोजाना लगने वाले जाम को भी सामना करना पड़ रहा है. जिस कारण भी उनकी बसों में सवारियां सफर नहीं कर रही है. वहीं, कुछ निजी बस ऑपरेटरों ने डीजल के दाम बढ़ाने पर भी सरकार से नाराजगी जताई है. इनका कहना है एक ओर बारिश के चलते कई सड़कें बंद पड़ी हैं, जिस कारण इनकी बसें न चलने से इन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश सरकार से डीजल के दाम बढ़ाकर इन्हें एक और झटका दे दिया है. इन निजी बस ऑपरेटरों से प्रदेश सरकार से डीजल के दाम कम करने की भी मांग उठाई है.