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सात समंदर पार कर सुंदरनगर पहुंची लिंडसे, साकार स्कूल के स्पेशल बच्चों पर करेंगी अध्ययन - स्टैफर्डशायर विश्वविद्यालय

स्टैफर्डशायर विश्वविद्यालय की स्कॉलरशिप पर भारत आई लिंडसे ने साकार स्कूल के बच्चों के साथ अच्छी खासी मित्रता कर ली है. वह यहां के कार्यरत विशेष अध्यापकों व अध्यापिकाओं के साथ मिलकर बच्चों के बारे में जानकारियां प्राप्त कर रही हैं.

lindse in sakar special school
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Published : Jun 7, 2019, 8:22 PM IST

मंडी: कहते हैं मन में किसी के लिए कुछ करने की इच्छा हो तो इंसान सात समंदर पार से भी सहायता करने में पीछे नहीं हटता, स्पेशल बच्चों के लिए ऐसा ही प्यार फेसबुक के माध्यम खीच लाया इंग्लैंड की लिंडसे को हिमाचल के सुंदरनगर आई हुई हैं.

lindse in sakar special school
साकार स्कूल के स्पेशल बच्चों के साथ अभ्यास करती लिंडसे

सुंदरनगर के डोडवा स्थित साकार के स्पेशल चिल्ड्रन स्कूल में आजकल एक विदेशी मेहमान के आने से चहल पहल है. लिंडसे ने फेसबुक के माध्यम से साकार स्कूल के अधिकारियों से संपर्क किया और इंग्लैंड के एक कॉलेज की तरफ से दो सप्ताह के एजुकेशनल टूर पर आई लिंडसे आजकल इस स्कूल के विशेष बच्चों के साथ रहकर उनके क्रियाकलापों पर अध्यन कर रही हैं. इस दौरान वह स्थानीय संस्कृति और परम्पराओ की भी जानकारी लेंगी जो कि उनके अध्यन का एक हिस्सा है.

lindse in sakar special school
स्पेशल बच्चों के साथ लिंडसे

स्टैफर्डशायर विश्वविद्यालय की स्कालरशिप पर भारत आई लिंडसे ने साकार स्कूल के बच्चों के साथ अच्छी खासी मित्रता कर ली है. वह यहां के कार्यरत विशेष अध्यापकों व अध्यापिकाओं के साथ मिलकर बच्चों के बारे में जानकारियां प्राप्त कर रही हैं. उनके अध्ययन के साथ बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने का काम भी मिला है. बेशक वह अपने घर से चार हज़ार किलोमीटर दूर है मगर संस्थान के प्रबधंकों के प्रयास से उन्हें वह हर चीज सीखने का मौका मिल रहा है जो कि उनके इस एजुकेशनल टूर के लिए जरूरी है. यही नहीं उनकी कॉलेज भी रोज उनके कामो का अपडेट ले रही है.

लिंडसे

इंग्लैंड की लिंडसे की सादगी उनके व्यक्तित्व में भी दिखती है. वह जब से आई हैं संस्थान में एक नई ऊर्जा आई है. बताते हैं कि उन्होंने स्थानीय गांव की लड़कियों की तरह सलवार कुर्ता और दुपट्टा डाला है, जबकि उन्हें यहां का खानपान और पहाड़ी टोपी खूब भा रही है. उनकी ये सादगी सभी के लिए मिसाल बनी है.

साकार स्कूल की अध्यक्ष शीतल शर्मा

स्पेशल बच्चों के साकार स्कूल की अध्यक्ष शीतल शर्मा ने कहा इंग्लैंड की लिंडसे ने फेसबुक के माध्यम से उनके साथ संपर्क किया और सुंदरनगर पहुंची. लिंडसे साकार स्कूल के बच्चों को स्पेशल ट्रेनिंग दे रही है. उनको अलग-अलग विषयों पर ट्रेनिंग दी जा रही है. वहीं स्कूल में कई ऐसे बच्चे भी थे जो अच्छे से अभ्यास नहीं कर पाते थे, लेकिन अब वो भी अच्छे से अभ्यास कर पा रहे हैं.

मंडी: कहते हैं मन में किसी के लिए कुछ करने की इच्छा हो तो इंसान सात समंदर पार से भी सहायता करने में पीछे नहीं हटता, स्पेशल बच्चों के लिए ऐसा ही प्यार फेसबुक के माध्यम खीच लाया इंग्लैंड की लिंडसे को हिमाचल के सुंदरनगर आई हुई हैं.

lindse in sakar special school
साकार स्कूल के स्पेशल बच्चों के साथ अभ्यास करती लिंडसे

सुंदरनगर के डोडवा स्थित साकार के स्पेशल चिल्ड्रन स्कूल में आजकल एक विदेशी मेहमान के आने से चहल पहल है. लिंडसे ने फेसबुक के माध्यम से साकार स्कूल के अधिकारियों से संपर्क किया और इंग्लैंड के एक कॉलेज की तरफ से दो सप्ताह के एजुकेशनल टूर पर आई लिंडसे आजकल इस स्कूल के विशेष बच्चों के साथ रहकर उनके क्रियाकलापों पर अध्यन कर रही हैं. इस दौरान वह स्थानीय संस्कृति और परम्पराओ की भी जानकारी लेंगी जो कि उनके अध्यन का एक हिस्सा है.

lindse in sakar special school
स्पेशल बच्चों के साथ लिंडसे

स्टैफर्डशायर विश्वविद्यालय की स्कालरशिप पर भारत आई लिंडसे ने साकार स्कूल के बच्चों के साथ अच्छी खासी मित्रता कर ली है. वह यहां के कार्यरत विशेष अध्यापकों व अध्यापिकाओं के साथ मिलकर बच्चों के बारे में जानकारियां प्राप्त कर रही हैं. उनके अध्ययन के साथ बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने का काम भी मिला है. बेशक वह अपने घर से चार हज़ार किलोमीटर दूर है मगर संस्थान के प्रबधंकों के प्रयास से उन्हें वह हर चीज सीखने का मौका मिल रहा है जो कि उनके इस एजुकेशनल टूर के लिए जरूरी है. यही नहीं उनकी कॉलेज भी रोज उनके कामो का अपडेट ले रही है.

लिंडसे

इंग्लैंड की लिंडसे की सादगी उनके व्यक्तित्व में भी दिखती है. वह जब से आई हैं संस्थान में एक नई ऊर्जा आई है. बताते हैं कि उन्होंने स्थानीय गांव की लड़कियों की तरह सलवार कुर्ता और दुपट्टा डाला है, जबकि उन्हें यहां का खानपान और पहाड़ी टोपी खूब भा रही है. उनकी ये सादगी सभी के लिए मिसाल बनी है.

साकार स्कूल की अध्यक्ष शीतल शर्मा

स्पेशल बच्चों के साकार स्कूल की अध्यक्ष शीतल शर्मा ने कहा इंग्लैंड की लिंडसे ने फेसबुक के माध्यम से उनके साथ संपर्क किया और सुंदरनगर पहुंची. लिंडसे साकार स्कूल के बच्चों को स्पेशल ट्रेनिंग दे रही है. उनको अलग-अलग विषयों पर ट्रेनिंग दी जा रही है. वहीं स्कूल में कई ऐसे बच्चे भी थे जो अच्छे से अभ्यास नहीं कर पाते थे, लेकिन अब वो भी अच्छे से अभ्यास कर पा रहे हैं.

लोकेशन सुंदरनगर :
स्लग :
सात समुंद्र पार कर सुंदरनगर पहुंची इंग्लैंड की लिंडसे,
फेसबुक के माध्यम से साकार स्कूल के अधिकारियों से संपर्क कर पहुँची भारत,
साकार के स्पेशल स्कूल में विशेष बच्चो के क्रियाकलापों पर कर रही है अध्यन,
इंग्लैंड के एक कॉलेज की तरफ से दो सप्ताह के एजुकेशनल टूर पर भारत आई है लिंडसे,
लिंडसे की सादगी सभी के लिए बनी मिशाल, संस्थान में हुआ एक नई ऊर्जा का सचार,

   
सुंदरनगर (नितेश सैनी)

एकर : कहते है मन में किसी के लिए कुछ करने की इच्छा हो तो इंसान सात समुंद्र पार से भी सहायत करने में पीछे नहीं हटता, स्पेशल बच्चो के लिए ऐसा ही प्यार फेसबुक के माध्यम खीच लाया इंग्लैंड की लिंडसे को, लिंडसे आज कल भारत के हिमाचल में आई हुई है.
सुंदरनगर के डोडवा स्थित साकार के स्पेशल चिल्ड्रन स्कूल में आजकल एक विदेशी मेहमान के आने से चहल पहल है। लिंडसे ने फेसबुक के माध्यम से साकार स्कूल के अधिकारियों से संपर्क किया और  इंग्लैंड के एक कॉलेज की तरफ से दो सप्ताह के एजुकेशनल टूर पर आई लिंडसे आजकल इस स्कूल के विशेष बच्चो के साथ रहकर उनके क्रियाकलापों पर अध्यन कर रही है। इस दौरान वह स्थानीय संस्कृति और परम्पराओ की भी जानकारी लेंगी जो कि उनके अध्यन का एक हिस्सा  है। स्टेफोर्डशिरे विश्वविद्यालय की स्कालरशिप पर भारत आई लिंडसे ने साकार स्कूल के बच्चो के साथ अच्छी खासी मित्रतता कर ली है। वह यहां के कार्यरत विशेष अध्यापको व अध्यापिकाओं  के साथ मिलकर बच्चो के बारे में जानकारिया प्राप्त कर रही है। उनके अध्यन्न के साथ बच्चो को अंग्रेजी पढ़ाने का काम भी मिला है। वेशक वह अपने घर से चार हज़ार किलोमीटर दूर है मगर संस्थान के प्रबधंकों के प्रयास से उन्हें वह हर चीज सिखने का मौका मिल रहा है जो कि उनके इस एजुकेशनल टूर के लिए जरूरी है। यही नहीं उनकी कॉलेज भी रोज उनके कामो का अपडेट ले रही है। 
मिशाल बनी उनकी सादगी इंग्लैंड की लिंडसे की सादगी उनके व्यक्तित्व में भी दिखती है। वह जब से आई है संस्थान में एक नई ऊर्जा आई है। बताते है कि उन्होंने स्थानीय गांव की लड़कियों की तरह सलवार कुर्ता और दुपटा डाला है। जबकि उन्हें यहां का खानपान और पहाड़ी टोपी खूब भा रही है। उनकी ये सादगी सभी के लिए मिशाल बनी है।


बाइट 01 : हिमाचल आई इंग्लैंड की लिंडसे 


वीओ :  स्पेशल बच्चो के साकार स्कूल की अध्यक्ष शीतल शर्मा ने कहा  इंग्लैंड की लिंडसे ने फेसबुक के माध्यम से हमारे साथ संपर्क किया और सुंदरनगर पहुची है  इन के द्वारा हमारे स्कूल के बच्चो को स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है बच्चो को ट्रेनिंग देने से बच्चो में एक नई ऊर्जा प्रदान हो रही है और बच्चो को अलग अलग विषयों पर ट्रेनिंग दी जा रही है। स्कूल में कई ऐसे 
बाच्चे भी थे जो अच्छे से अभ्यास नहीं कर पाते थे लेकिन अब बो भी अच्छे से अभ्यास कर पा रहे है।


बाइट 02 : स्पेशल बच्चो के साकार स्कूल की अध्यक्ष शीतल शर्मा  

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