मंडी: कहते हैं मन में किसी के लिए कुछ करने की इच्छा हो तो इंसान सात समंदर पार से भी सहायता करने में पीछे नहीं हटता, स्पेशल बच्चों के लिए ऐसा ही प्यार फेसबुक के माध्यम खीच लाया इंग्लैंड की लिंडसे को हिमाचल के सुंदरनगर आई हुई हैं.
सुंदरनगर के डोडवा स्थित साकार के स्पेशल चिल्ड्रन स्कूल में आजकल एक विदेशी मेहमान के आने से चहल पहल है. लिंडसे ने फेसबुक के माध्यम से साकार स्कूल के अधिकारियों से संपर्क किया और इंग्लैंड के एक कॉलेज की तरफ से दो सप्ताह के एजुकेशनल टूर पर आई लिंडसे आजकल इस स्कूल के विशेष बच्चों के साथ रहकर उनके क्रियाकलापों पर अध्यन कर रही हैं. इस दौरान वह स्थानीय संस्कृति और परम्पराओ की भी जानकारी लेंगी जो कि उनके अध्यन का एक हिस्सा है.
स्टैफर्डशायर विश्वविद्यालय की स्कालरशिप पर भारत आई लिंडसे ने साकार स्कूल के बच्चों के साथ अच्छी खासी मित्रता कर ली है. वह यहां के कार्यरत विशेष अध्यापकों व अध्यापिकाओं के साथ मिलकर बच्चों के बारे में जानकारियां प्राप्त कर रही हैं. उनके अध्ययन के साथ बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने का काम भी मिला है. बेशक वह अपने घर से चार हज़ार किलोमीटर दूर है मगर संस्थान के प्रबधंकों के प्रयास से उन्हें वह हर चीज सीखने का मौका मिल रहा है जो कि उनके इस एजुकेशनल टूर के लिए जरूरी है. यही नहीं उनकी कॉलेज भी रोज उनके कामो का अपडेट ले रही है.
इंग्लैंड की लिंडसे की सादगी उनके व्यक्तित्व में भी दिखती है. वह जब से आई हैं संस्थान में एक नई ऊर्जा आई है. बताते हैं कि उन्होंने स्थानीय गांव की लड़कियों की तरह सलवार कुर्ता और दुपट्टा डाला है, जबकि उन्हें यहां का खानपान और पहाड़ी टोपी खूब भा रही है. उनकी ये सादगी सभी के लिए मिसाल बनी है.
स्पेशल बच्चों के साकार स्कूल की अध्यक्ष शीतल शर्मा ने कहा इंग्लैंड की लिंडसे ने फेसबुक के माध्यम से उनके साथ संपर्क किया और सुंदरनगर पहुंची. लिंडसे साकार स्कूल के बच्चों को स्पेशल ट्रेनिंग दे रही है. उनको अलग-अलग विषयों पर ट्रेनिंग दी जा रही है. वहीं स्कूल में कई ऐसे बच्चे भी थे जो अच्छे से अभ्यास नहीं कर पाते थे, लेकिन अब वो भी अच्छे से अभ्यास कर पा रहे हैं.