करसोग:मानसून इस बार पूरी तरह से रूठ गया है. करसोग में इन दिनों धुंध से गिरे पहाड़ और रिमझिम बरसने वाले सावन के महीने में कड़क धूप खिली है. हिमाचल के इस माह के पहले सप्ताह में मानसून ने दस्तक दे दी. इसके बाबजूद करसोग में बहुत कम बारिश हुई है.
स्थिति ये है कि कम बारिश होने के कारण किसान खरीफ की फसलों की पूरी बिजाई नहीं कर पाए हैं. खेतों में जो फसल लगी है, उसके लिए किसान अच्छी बारिश के इंतज़ार में हैं. पेयजल स्रोत भी कम बारिश के चलते रिचार्ज नहीं हुए हैं. ऐसे में बरसात के मौसम में भी लोगों पेयजल के संकट का सामना कर रहे हैं.
मौसम विभाग की मानें तो पिछले 24 घण्टों के दौरान कुछ ही स्थानों पर बारिश है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह का कहना है कि 24 जुलाई से मानसून रफ्तार पकड़ सकता है. ऐसे में आने वाले दिनों में कई स्थानों पर बारिश हो सकती है. वहीं, मंडी की बात करें तो यहां इस महीने अभी तक सामान्य से 45 मिलीमीटर कम बारिश दर्ज की गई है. जुलाई के महीने में यहां अभी तक का सामान्य बारिश का आंकड़ा 259.3 मिलीमीटर बारिश का है, लेकिन यहां अभी तक 141.4 मिलीमीटर बारिश हुई है.
जुलाई महीने खत्म होने की कगार पर है, लेकिन अभी तक करसोग में मानसून ने अपनी रफ्तार नहीं पकड़ी है प्रदेश में मानसून के बारिश के आंकड़ों पर गौर करें तो जुलाई में अब तक यहां सामान्य से 36 मिलीमीटर बारिश कम हुई है.
रूठ गया मानसून! मौसम की मार से किसान परेशान, विभाग ने इस दिन से जताई बारिश की संभावना
करसोग में मौसम की मार से किसान परेशान, 24 जुलाई से मानसून रफ्तार पकड़ सकता है
करसोग:मानसून इस बार पूरी तरह से रूठ गया है. करसोग में इन दिनों धुंध से गिरे पहाड़ और रिमझिम बरसने वाले सावन के महीने में कड़क धूप खिली है. हिमाचल के इस माह के पहले सप्ताह में मानसून ने दस्तक दे दी. इसके बाबजूद करसोग में बहुत कम बारिश हुई है.
स्थिति ये है कि कम बारिश होने के कारण किसान खरीफ की फसलों की पूरी बिजाई नहीं कर पाए हैं. खेतों में जो फसल लगी है, उसके लिए किसान अच्छी बारिश के इंतज़ार में हैं. पेयजल स्रोत भी कम बारिश के चलते रिचार्ज नहीं हुए हैं. ऐसे में बरसात के मौसम में भी लोगों पेयजल के संकट का सामना कर रहे हैं.
मौसम विभाग की मानें तो पिछले 24 घण्टों के दौरान कुछ ही स्थानों पर बारिश है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह का कहना है कि 24 जुलाई से मानसून रफ्तार पकड़ सकता है. ऐसे में आने वाले दिनों में कई स्थानों पर बारिश हो सकती है. वहीं, मंडी की बात करें तो यहां इस महीने अभी तक सामान्य से 45 मिलीमीटर कम बारिश दर्ज की गई है. जुलाई के महीने में यहां अभी तक का सामान्य बारिश का आंकड़ा 259.3 मिलीमीटर बारिश का है, लेकिन यहां अभी तक 141.4 मिलीमीटर बारिश हुई है.
जुलाई महीने खत्म होने की कगार पर है, लेकिन अभी तक करसोग में मानसून ने अपनी रफ्तार नहीं पकड़ी है प्रदेश में मानसून के बारिश के आंकड़ों पर गौर करें तो जुलाई में अब तक यहां सामान्य से 36 मिलीमीटर बारिश कम हुई है.
करसोग
मानसून इस बार पूरी तरह से रूठ गया है, हालत ये है कि करसोग में इन दिनों धुंथ से गिरे पहाड़ और रिमझिम बरसने वाले सावन के महीने में गर्मियों जैसी चटक धूप खिली है। हिमाचल के इस माह के पहले सप्ताह में मानसून ने दस्तक दे दी थी। इसके बाद करसोग में बहुत ही कम बारिश हुई है। स्थिति ये है कि कम बारिश होने के कारण किसान खरीफ की फसलों की पूरी बिजाई नहीं कर पाए हैं। खेतों में जो फसल उग गई है, उसके लिए किसानों को अच्छी बारिश का इंतज़ार है। पेयजल सोर्स भी कम बारिश के कारण रिचार्ज नहीं हुए हैं। ऐसे में बरसात के इस मौसम में भी लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। उधर मौसम विभाग की माने तो पिछले 24 घण्टों के दौरान कुछेक स्थानों पर ही बारिश है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ मनमोहन सिंह का कहना है कि 24 जुलाई से मानसून रफ्तार पकड़ सकता है। ऐसे में आने वाले दिनों में कई स्थानों पर बारिश का आसार हैं।
मंडी में 45 मिलीमीटर कम बारिश:
जुलाई महीने खत्म होने को आ रहा है, लेकिन अभी तक मानसून ने अपनी रफ्तार नहीं पकड़ी है। मंडी की बात करें तो यहां इस महीने में अभी तक सामान्य से 45 मिलीमीटर कम बारिश रेकॉर्ड की गई है। जुलाई महीने में यहां अभी तक सामान्य बारिश का आंकड़ा 259.3 मिलीमीटर बारिश का है, जबकि यहां अभी 141.4 मिलीमीटर बारिश ही हुई है। प्रदेश में मानसून के बारिश में आंकड़े पर गौर करें तो जुलाई में अब तक सामान्य से 36 मिलीमीटर बारिश कम हुई है। Conclusion:मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ मनमोहन सिंह का कहना है कि 24 जुलाई से मानसून रफ्तार पकड़ सकता है। ऐसे में आने वाले दिनों में कई स्थानों पर बारिश का आसार हैं।